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केरल के मलप्पुरम में निपाह वायरस से संक्रमित एक 14 साल के किशोर की मौत हो गई। यह राज्य में इस साल निपाह वायरस से होने वाली पहली मौत है। इसके बाद से राज्य सरकार अलर्ट मोड में आ गई है। मृत किशोर के परिजनों को आइसोलेशन और निगरानी में रखा गया है। उस परिवार […]

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‘मैं करोड़पति हूं, लेकिन अपने बच्चों को पूरी संपत्ति नहीं देना चाहता। मेरी इच्छा है कि दोनों बेटियों के पास इतना ही पैसा हो कि वे घर चला सकें, शिक्षा ले सकें और बुनियादी जरूरतें पूरी कर सकें। मेरा मानना ​​है कि पैसा खुद न कमाया जाए तो यह भ्रष्ट कर सकता है…’ यह कहना […]

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दिन 25 जुलाई, 1978। रात के लगभग साढ़े ग्यारह बज रहे होंगे। इंग्लैंड के मैनचेस्टर जिला अस्पताल के बाहर भीड़ जमा थी। इस भीड़ में मरीज और उनके परिजन नहीं बल्कि डॉक्टर और पत्रकार थे। लेबर रूम से खबर आई कि लड़की हुई है। सभी खुशी से उछल पड़े। अगले दिन पूरे दुनिया के अखबारों […]

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आधी रात होने को है और आप बिना सोचे-समझे नकारात्मक खबरें पढ़ते हुए सोशल मीडिया पर स्क्रॉलिंग करते जा रहे हैं। हालांकि ये सुर्खियां रोजाना स्क्रीन पर दिख अलग-अलग रूपों में दिखी हैं। हर बार आपको धक्का पहुंचता है और हाथ पसीने से तर हो जाते हैं, पर आप नजर नहीं हटा पाते। विज्ञान की […]

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17 जुलाई यानी बुधवार को पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) ने पुष्टि की कि गुजरात में 4 साल की बच्ची की मौत चांदीपुरा वायरस के कारण हुई है। इस वायरस के कारण मरने वालों की संख्या अब 15 हो गई है। अब तक लगभग एक दर्जन जिलों से कुल 29 मामले सामने आए […]

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पुरानी कहावत है- ‘जैसा खाओगे अन्न-वैसा होगा मन।’ इसका अर्थ है कि हम जैसा भोजन करते हैं, उसका सीधा असर हमारी शारीरिक और मानसिक सेहत पर होता है। भोजन और सेहत का आपस में गहरा संबंध है। अगर हम अभी हेल्दी खाना खाएंगे तो बाद में बेहतर और स्वस्थ जीवन जी सकेंगे। मिड लाइफ में […]

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किसी भी मामले में सबूत के अलावा यदि कोई सबसे अहम भूमिका निभाता है तो वह होता है- गवाह। हालांकि, अक्सर सुरक्षा और भय के कारण गवाह पुलिस और कोर्ट के सामने आकर गवाही नहीं देते। इस कारण मुजरिम क्राइम करने के बाद भी बच जाता है। ब्रिटेन में गवाही सिर्फ एक नागरिक कर्तव्य नहीं […]

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उत्तर प्रदेश के नेपाल से लगे बहराइच में महाराजा सुहेलदेव स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज ने 3 साल में 2600 से ज्यादा प्रीमैच्योर बच्चों की जान बचाई है। ये बच्चे 36 हफ्ते से पहले पैदा हुए और जन्म के समय इनका वजन 1800 ग्राम से भी कम था। मेडिकल कॉलेज के सिक एंड न्यूबॉर्न केयर यूनिट […]

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कल्पना करिए कि एक व्यक्ति मोटापे से परेशान है। दोस्त और परिवार के लोग उसे ताने देते हैं। बाजार में उसके साइज के कपड़े खोजना मुश्किल हो जाता है। मोटापे के चलते कई बीमारियां घेर रही हैं। वह सोच रहा कि क्या इसकी कोई दवा नहीं हो सकती है? दवाएं तो बहुत सी हैं, लेकिन […]

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सेहत के जोखिम किसी को कभी भी, कहीं भी परेशान कर सकते हैं। ऐसे में हर सेकंड कीमती होता है। अगर हेल्थ एक्सपर्ट मरीज तक पहुंच भी जाएं तो भी उनकी सेहत संबंधी बुनियादी जानकारी के बिना उपचार नहीं दे सकते। लॉस एंजेलिस की पैरामेडिक (हेल्थ स्टाफ) एलिजाबेथ डिरोको कहती हैं कि मरीज तो कुछ […]

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