सेहतनामा- देश-दुनिया में क्यों बढ़ रहा IVF का बिजनेस:पुरुष और महिला में बढ़ती इनफर्टिलिटी के 10 कारण, दूर करने के लिए क्या करें
By : Devadmin -
दिन 25 जुलाई, 1978। रात के लगभग साढ़े ग्यारह बज रहे होंगे। इंग्लैंड के मैनचेस्टर जिला अस्पताल के बाहर भीड़ जमा थी। इस भीड़ में मरीज और उनके परिजन नहीं बल्कि डॉक्टर और पत्रकार थे। लेबर रूम से खबर आई कि लड़की हुई है। सभी खुशी से उछल पड़े। अगले दिन पूरे दुनिया के अखबारों की हेडलाइन थी- “दुनिया के पहले टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म।” तब से इस दिन यानी 25 जुलाई को विश्व एंब्रियोलॉजिस्ट डे (World Embryologist Day) के रूप में मनाया जाता है। यह मेडिसिन जगत और विज्ञान की बहुत बड़ी उपलब्धि है। यह कमाल किया था गायनेकोलॉजिस्ट पैट्रिक स्टेप्टो और साइंटिस्ट रॉबर्ट एडवर्ड्स ने। उन्हें 10 साल में 282 असफलताओं के बाद यह सफलता मिली थी। लड़की का नाम लुइस ब्राउन रखा गया। एक वो दिन था, एक आज है कि हर साल 5 लाख से ज्यादा टेस्ट ट्यूब पैदा होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, साल 2018 तक दुनिया में 80 लाख से ज्यादा टेस्ट ट्यूब बेबीज की डिलीवरी हो चुकी थी। यह सिलसिला तेजी से बढ़ता जा रहा है। विज्ञान ने अनगिनत ऐसे लोगों को माता-पिता बनने का सुख दिया है, जिनके लिए प्राकृतिक सीमाओं के चलते यह संभव नहीं था। यहां ध्यान देने की बात ये है कि पूरी दुनिया में गिर रहे फर्टिलिटी रेट के लिए काफी हद तक जिम्मेदार हमारी आदतें और खराब लाइफस्टाइल भी है। इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में बात करेंगे IVF की। साथ ही जानेंगे कि- दुनिया में कितना बढ़ा IVF का बिजनेस देश में IVF बिजनेस का क्या हाल है IVF का बिजनेस बढ़ने के क्या हैं बड़े कारण बीते कुछ सालों में IVF का बिजनेस तेजी से बढ़ने का कारण है हमारी खराब लाइफस्टाइल, खराब खानपान, लो फिजिकल एक्टिविटी और शराब- सिगरेट की लत। इसके अलावा एक बड़ा कारण जागरुकता भी है। पहले इनफर्टिलिटी होने पर लोग इसके ट्रीटमेंट के लिए जागरुक नहीं थे। वे IVF के जरिए बच्चा कंसीव करना परंपरा और धर्म के खिलाफ मानते थे। समय के साथ लोगों में जागरुकता बढ़ी है और वे ट्रीटमेंट के लिए आगे आ रहे हैं। इनफर्टिलिटी के क्या कारण हैं पुरुष और महिला दोनों में इनफर्टिलिटी की अलग वजहें होती हैं। स्त्री-पुरुष दोनों में से किसी एक में या दोनों में इनफर्टिलिटी की समस्या है तो प्राकृतिक रूप से बच्चा कंसीव करना संभव नहीं हो पाता है। ऐसे में IVF तकनीक का सहारा लेना पड़ता है। पुरुषों और महिलाओं की इनफर्टिलिटी के पीछे कुल 10 कारण हैं। आइए इन्हें विस्तार से समझते हैं। पहले पुरुषों में इनफर्टिलिटी के कारण समझते हैं और उससे बचाव के बारे में जानते हैं। शुक्राणु (Sperms) का कमजोर और खराब होना इसका मतलब है कि शुक्राणु की मात्रा या गुणवत्ता प्रभावित हो गई है। इसके पीछे कई मेडिकल कंडीशंस हो सकती हैं। जैसे- अंडकोष का अपने स्थान पर न होना, आनुवांशिक कमी, हॉर्मोन संबंधी समस्याएं, डायबिटीज और शराब, सिगरेट जैसे नशे। क्लैमाइडिया, गोनोरिया, मम्प्स और HIV जैसे संक्रमण भी शुक्राणु को प्रभावित कर सकते हैं। अगर अंडकोष में नसें बढ़ गई हैं, जिन्हें वैरिकोसेले कहा जाता है तो भी शुक्राणु की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। क्या करें अच्छी लाइफस्टाइल फॉलो करें ताकि डायबिटीज से बच सकें। HIV से बचने के लिए सेक्शुअल रिलेशन बनाते हुए कंडोम का प्रयोग करें। अंडकोष में सूजन दिखे तो डॉक्टर से संपर्क करें। शराब, सिगरेट आदि के सेवन से बचें। शुक्राणु का महिला के रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट तक न पहुंचना अगर शुक्राणु महिला के रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट यानी प्रजनन पथ तक नहीं पहुंच पा रहे हैं तो यह भी इनफर्टिलिटी की समस्या है। यह कुछ जेनेटिक डिजीज के कारण हो सकता है, जैसे शीघ्रपतन या आनुवांशिक बीमारी सिस्टिक फाइब्रोसिस। इसके अलावा अंडकोष में रुकावट या प्रजनन अंग में कोई चोट या क्षति। क्या करें अंडकोष या प्रजनन अंग में चोट की आशंका वाले काम या खेल से पहले ग्रोइन गार्ड जरूर पहनें। शीघ्रपतन के लिए डॉक्टर से सलाह लें। पर्यावरण के कारण पर्यावरण में मौजूद कीटनाशक, रसायन और विकिरण प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ बैक्टीरिया संक्रमण, हाई ब्लड या डिप्रेशन के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं इसकी वजह बन सकती हैं। अगर अंडकोष अक्सर गर्मी के संपर्क में आते हैं तो इससे भी उनकी शुक्राणु बनाने की क्षमता प्रभावित होती है। क्या करें सौना या गर्म पानी वाले बाथ टब में नहाने से बचें। लाइफस्टाइल में सुधार करें ताकि हाइपरटेंशन या डिप्रेशन की दवाएं न खानी पड़ें। बहुत जरूरी न होने पर दवाएं खाने से बचें। खेत और बगीचे में दवा और कीटनाशकों के छिड़काव से बचें। कैंसर और उसके उपचार से संबंधित नुकसान कीमोथेरेपी और रेडिएशन जैसे कैंसर ट्रीटमेंट शुक्राणु उत्पादन की क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा हर्निया जैसी लोअर एब्डॉमिनल सर्जरी में भी इनफर्टिलिटी का जोखिम होता है। क्या करें ऐसे किसी भी ट्रीटमेंट से पहले डॉक्टर से इस बारे में सलाह अवश्य लें। अब महिलाओं में इनफर्टिलिटी के कारण समझते हैं और उससे बचाव के बारे में जानते हैं। ओव्यूलेशन विकार इस मेडिकल कंडीशन में अंडाशय से अंडे बाहर निकलने में समस्या होने लगती है। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) जैसी हॉर्मोनल समस्याएं इसका मुख्य कारण हैं। ब्रेस्ट मिल्क बनाने के लिए जरूरी प्रोलैक्टिन हॉर्मोन का उच्च स्तर भी ओव्यूलेशन को प्रभावित कर सकता है। थायराइड हॉर्मोन के कम या ज्यादा होने से मेंस्ट्रुअल साइकल प्रभावित हो सकता है या इनफर्टिलिटी का कारण बन सकता है। बहुत अधिक एक्सरसाइज, खान-पान संबंधी विकार या ट्यूमर भी इसकी वजह हो सकते हैं। क्या करें लाइफस्टाइल में सुधार करें ताकि थायराइड संबंधी समस्या से बचा जा सके। मोटापे से बचें, खान-पान पर ध्यान दें। इसके अलावा बहुत अधिक एक्सरसाइज से बचें। गर्भाशय में समस्या गर्भाशय पॉलीप्स के बढ़ने और गर्भाशय के आकार से जुड़ी समस्याएं होने पर इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। गर्भाशय की वॉल में ट्यूमर, जिसे गर्भाशय फाइब्रॉयड कहा जाता है। यह भी इनफर्टिलिटी का कारण बन सकता है। फाइब्रॉयड फैलोपियन ट्यूब को अवरुद्ध कर सकते हैं। इसके कारण निषेचित अंडा गर्भाशय तक नहीं पहुंच पाता है। क्या करें ऐसी समस्याओं के लिए आमतौर पर लाइफस्टाइल और आनुवंशिक कारण जिम्मेदार होते हैं। बेहतर है कि लाइफस्टाइल में सुधार करें। फैलोपियन ट्यूब की क्षति या रुकावट इस तरह की समस्याएं अक्सर फैलोपियन ट्यूब में सूजन के कारण होती हैं, जिसे सैलपिंजाइटिस कहा जाता है। अगर महिला के प्रजनन अंग में किसी तरह का संक्रमण है तो यह सूजन का कारण बन सकता है। इसे पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज कहते हैं। क्या करें प्रजनन अंग में किसी तरह का संक्रमण या सूजन दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। एंडोमेट्रियोसिस इस मेडिकल कंडीशन में गर्भाशय की आंतरिक परत की तरह टिश्यूज गर्भाशय के बाहर की ओर बढ़ने लगते हैं। यह अंडाशय, गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं और इनफर्टिलिटी का कारण बनते हैं। क्या करें आमतौर पर ऐसी समस्याएं बिना जांच के पता नहीं चल पाती हैं। हेल्दी लाइफस्टाइल और हेल्दी वेट मेंटेन रखने की कोशिश करनी चाहिए। अगर पीरियड्स में कोई भी दिक्कत आ रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करके जांच करवानी चाहिए। शीघ्र मेनोपॉज जब अंडाशय ठीक से काम करना बंद कर देते हैं और मासिक धर्म 40 वर्ष की आयु से पहले समाप्त हो जाता है तो इसे अर्ली मेनोपॉज कहते हैं। इसका कारण अक्सर अज्ञात होता है। कई बार इम्यूनिटी से जुड़ी डिजीज, टर्नर सिंड्रोम जैसी आनुवंशिक स्थितियां और रेडिएशन या कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट वजह हो सकते हैं। क्या करें खाने में ताजे और मौसमी फल, सब्जियां शामिल करें। रोजाना नियमित रूप से एक्सरसाइज करें और भरपूर नींद लें। पैल्विक आसंजन (Pelvic Adhesions) इसका मतलब है कि प्रजनन संबंधी सभी ऑर्गन्स को जोड़ने वाले टिश्यूज क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ऐसा पैल्विक संक्रमण, एपेंडिसाइटिस, एंडोमेट्रियोसिस या पेट की सर्जरी के बाद हो सकता है। क्या करें पेट से जुड़ी किसी भी समस्या या ऑपरेशन से पहले डॉक्टर से इस बारे में सलाह अवश्य लें। कैंसर और उसका इलाज कुछ कैंसर प्रजनन अंगों को सीधे तौर पर प्रभावित कर सकते हैं। इससे प्रजनन क्षमता कम हो सकती है। इसके अलावा इसके ट्रीटमेंट के लिए इस्तेमाल होने वाले रेडिएशन और कीमोथेरेपी से भी प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है। क्या करें शराब, सिगरेट जैसे कैंसर के कारकों से दूरी बनाएं। हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें।
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