बढ़ रहा है मोटापे का घेरा तो इस तरह से करें कम

बढ़ रहा है मोटापे का घेरा तो इस तरह से करें कम

weight loss Tips: भारत दुनिया का पांचवां देश जहां मोटापा बना बड़ी चिंता, 10 करोड़ से अधिक लोग इस समस्या से ग्रसित हैं। शरीर के हर हिस्से में फैट (वसा ) होता है। फैट सबसे पहले कमर वाले हिस्से (ग्लूटियल रीजन) में जमा होता है जबकि चेहरे पर सबसे बाद में दिखता है। चेहरे का फैट जल्दी खत्म होता है वहीं सबसे बाद में कमर का फैट बर्न होता है। वसा पेट के निचले हिस्से, जांघ व स्किन के नीचे लाइपोमा के रूप में जमा होती है। हाथों का मूवमेंट अधिक होने से वहां सबसे कम चर्बी जमती है। पैंक्रियाज व लिवर में अधिक फैट की वजह गरिष्ठ व तला-भुना भोजन होता है।

इसलिए खतरनाक है अंदरुनी फैट
लिवर व पैंक्रियाज में जमा होने वाले फैट को विसरल फैट (अंदरुनी/ अदृश्य वसा) कहते हैं जो भारतीयों में अधिक होता है। इससे अधिकतर समस्याएं होती हैं। यह शरीर में पेट के आसपास होता है, जिससे भोजन के पचकर ऊर्जा में बदलने की गति धीमी हो जाती है। हार्मोन में गड़बड़ी होने लगती है। शरीर में एस्ट्रोजन, कॉर्टिसोल और इंसुलिन जैसे हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, कैंसर, हड्डियों की कमजोरी आदि बीमारियां होने लगती हैं। फैट दिमाग व त्वचा के लिए जरूरी है। बच्चों की अच्छी ग्रोथ के लिए भी फैट जरूरी है।

इन तीन सवाल के जवाब जानना जरूरी
क्या ज्यादा एक्सरसाइज से वजन कम होता है?
जवाब – ज्यादा एक्सरसाइज से फैट जल्दी बर्न होने की धारणा है लेकिन ऐसा नहीं है। भोजन पचाने की क्रिया मेटोबोलिज्म पर उल्टा असर भी हो सकता है। हड्डियों और मांसपेशियों को भी नुकसान का खतरा रहता है।

एक्सरसाइज छोड़ने पर तेजी से क्यों बढ़ता वजन?
जवाब – इसे बाउंस बैक कहते हैं। यह उन्हीं लोगों में होता है जो हैवी वर्कआउट करते हैं। जब व्यायाम बंद करते हैं तो कैलोरी बर्न नहीं होती है। मेटोबोलिज्म के असंतुलन से चर्बी बढ़ने लगती है और वजन भी।

क्या कम खाने (डाइटिंग) से वजन घट सकता है?
जवाब – डाइटिंग से वजन कम नहीं होता है बल्कि नुकसान अधिक होता है। कम खाने से पेट में गैस, सीने में जलन, पेट दर्द और मोटापा भी हो सकता है। इसलिए एक्सपर्ट की सलाह से ही डाइट कंट्रोल शुरू करें।

फैट के प्रकार
सबक्युटेनियस फैट (अंदरूनी वसा) त्वचा के नीचे वाली हिस्से में जमा होता है जिसे ट्राइग्लिसाइड फैट भी कहते हैं। यह कम नुकसानदायक होता है। जबकि विसरल (कोलेस्ट्रॉल) फैट अधिक नुकसानदायक होता है क्योंकि शरीर पर यही मोटापे की परत बढ़ाता है।

बर्न हो कहां जाता है फैट?
डाइट में कार्बोहाइड्रेट या प्रोटीन की अधिकता होने पर ट्राइग्लिसराइड्स में बदलता है जो लिपिड ड्रॉपलेट्स के रूप में जमा हो जाता है। फैट बर्न होकर बायोप्रोडक्ट्स (कार्बन डाइऑक्साइड) के रूप में शरीर से बाहर निकलता है। इसका अधिक हिस्सा एनर्जी में बदल जाता है।

माेटापे से बचाव के उपाय
– हेल्दी फैट व पाेषक तत्वाें से भरपूर डाइट लें। हरी पत्तेदार सब्जियां, सूखे मेवे, चाेकर युक्त आटा आदि का प्रयाेग माेटापे काे तेजी से घटा सकता है।

– रेगुलर एक्सरसाइज करें। ज्यादा हैवी एक्सरसाइज की जरूरत नहीं है, केवल रेगुलर वाॅॅॅक के जरिए भी माेटापा घटाया जा सकता है।

आयुर्वेद के अनुसार खानपान
आयुर्वेद में मोटापे को स्थौल्य या मेदो रोग के नाम से जानते हैं। इससे बचने के लिए गरु ( हैवी ) और अपतपर्ण ( लो कैलोरी) भोजन करना चाहिए। हैवी फूड से पेट भरा रहता है और लो कैलोरी से वजन नहीं बढ़ता। वजनी लोग फल, सलाद और मोटे अनाज ( ज्वार, बाजरा आदि ) खाएं। मीठे और चिकनाई वाली चीजों से परहेज करें।

Source: Weight Loss

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