सऊदी अरब में हर साल 250 किलो खाने की बर्बादी रोकने डिजाइन की गई थाली, दावा; सालाना 3000 टन चावल की बर्बादी रुकेगी
By : Devadmin -
लाइफस्टाइल डेस्क. सऊदी अरब में हर साल 250 किलोग्राम खाना फेंका जाता है। इस बर्बादी को रोकने के लिए खास किस्म की प्लेट डिजाइन की गई है। जिसमें खाना ज्यादा दिखाई देता है। थाली के बीचोबीच गहराई ज्यादा न होने के कारण इसमें खाना कम परोसा जाता है लेकिन खाने वाले को ज्यादा दिखता है। इस तरह बर्बादी रोकना आसान हो जाता है। इसे तैयार करने वाले उद्यमी मशाल अल्काहरशी का दावा है, थाली की मदद से 30 फीसदी तक खाने की बर्बादी कम हुई है।
सऊदी अरब में खाने को पेश करने का तरीका थोड़ा अलग है। थाली में खाने को पहाड़नुमा आकार दिया जाता है और अधिक से अधिक सर्व किया जाता है। उद्यमी मशाल अल्काहरशी की प्लेट को अब सऊदी के कई रेस्तरां में इस्तेमाल किया जा रहा है। इनका दावा है कि इस प्लेट की मदद से सालभर में करीब 3000 टन चावल की बर्बादी को रोका जा सकता है।
बर्बादी की वजह, कम कीमत पर खाना उपलब्ध होना
पिछले साल हुई रियाद की किंग साउद यूनिवर्सिटी की रिसर्च के मुताबिक, यहां सरकारी सब्सिडी के कारण खाना बेहद कम कीमत पर आसानी से उपलब्ध होता है। जिसे यहां के स्थानीय निवासी गंभीरता से नहीं लेते और नतीजा बर्बादी के रूप में सामने आता है।
खाना जरूरत से ज्यादा सर्व करने का ट्रेंड
रेस्तरां, पार्टी और सामाजिक समारोह में ऐसा अक्सर देखा जाता है। परम्परा के मुताबिक, यहां की खाने की स्वतंत्रता है इसलिए हमेशा इसे जरूरत से ज्यादा सर्व किया जाता है। यहां खाने को पोषण तत्वों का जरिया नहीं बल्कि सांस्कृतिक पहचान के रूप में देखा जाता है। ज्यादातर लोग अपने अधिक खाने की आदत और बढ़ते वजन को नजरअंदाज करते हैं।
40 फीसदी मोटापे से जूझ रही
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, साऊदी अरब में 40 फीसदी आबादी मोटापे से जूझ रही है। इस देश में तेल की कीमतों में वृद्धि के दौरान लोगों के तीन ही शौक होते थे शॉपिंग, खाना एंजॉय करना और प्रार्थना करना। जो समय के साथ बदला और इनकी लाइफस्टाइल में सिनेमा और लाइव कॉन्सर्ट की एंट्री हुई।
सरकार से बर्बादी पर लगाम लगाने की गुजारिश
सऊदी फूड बैंक और दूसरी संस्थाएं और होटल, शादी के आयोजन स्थलों से अतिरिक्त खाने को इकट्ठा करती हैं और उन्हें जरूरतमंदों तक पहुंचाती हैं। संस्थाएं सरकार से खाने की बर्बादी करने वालों को दंडित करने की गुजारिश भी कर चुकी हैं।जल एवं कृषि मंत्रालय के मुताबिक सऊदी अरब में हर घर सालाना 250 किलो बर्बाद करता है जबकि इसकी तुलना में वैश्विक स्तर 115 किलोग्राम का है।
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Source: Health