शोधकर्ताओं का दावा- बीपी, ग्लूकोमा की 18 तरह की दवाओं से होगा पथरी का इलाज

शोधकर्ताओं का दावा- बीपी, ग्लूकोमा की 18 तरह की दवाओं से होगा पथरी का इलाज



मैसाचुसेट्स.अमेरिका स्थित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में शोधकर्ताओं ने हाई ब्लड प्रेशर और ग्लूकोमा बीमारी में इस्तेमाल होने वाली 18 प्रकार की दवाओं के प्रयोग से पथरी का आसान इलाज ढूंढ़ने का दावा किया है। इन दवाओं के अलग-अलग अनुपात में मिश्रण कर ऐसी दवाई तैयार की गई है, जो पथरी का आकार कम कर उसे तेजी से बाहर निकाल सकती है।

इस दवाई को कैथेटर द्वारा सीधे मूत्रवाहिनी में पहुंचाया जा सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यदि मूत्रवाहिनी को शिथिल किया तो स्टोन को आसानी से निकाला जा सकता है। एमआईटी को शोध की दुनिया में नंबर वन माना जाता है।

लैब में मापा चिकनी दवाएं कितना आराम देती हैं
रिसर्च टीम में शामिल किडनी स्टोन प्रोग्राम के उप निदेशक माइकल सीमा और ब्रायन ईस्नर का कहना है कि शोधकर्ताओं ने पहली बार उच्च रक्तचाप या ग्लूकोमा जैसी बीमारियों का इलाज करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली 18 दवाओं का चयन किया। फिर उन्हें प्रयोगशाला में एक डिश में उगाई गई मानव मूत्रवाहिनी कोशिकाओं के साथ संपर्क में लाया गया, जहां वे यह माप सकते थे कि दवाएं चिकनी मांसपेशियों की कोशिकाओं को कितना आराम देती हैं।इसके रिजल्ट बहुत ही अच्छे आए।

टीम ने 1 अरब कोशिकाओं का विश्लेषण किया
रिसर्च टीम ने सोचा कि क्यों न दवाओं को सीधे मूत्रवाहिनी में पहुंचाया जाए? इससे ट्यूब रिलेक्स तो होगी ही, शेष शरीर के संभावित नुकसान को भी कम किया जा सकता है। इसके बाद शोधकर्ताओं ने लगभग 1 अरब कोशिकाओं का विश्लेषण करने के लिए कम्प्यूटेशनल प्रसंस्करण का उपयोग किया। उन्होंने दो दवाओं की पहचान की जो ज्यादा अच्छी तरह काम कर रही थीं। प्रयोग में उन्होंने पाया कि दोनों दवाएं एक साथ दिए जाने पर और भी बेहतर काम करती हैं। इनमें से एक निफ़ेडिपिन है। इस कैल्शियम चैनल ब्लॉकर का उपयोग उच्च रक्तचाप का इलाज करने के लिए किया जाता है और दूसरा एक प्रकार की दवा है जिसे रॉक अवरोधक के रूप में जाना जाता है, जिसका उपयोग ग्लूकोमा के इलाज के लिए किया जाता है।

स्टोन निकालने का समय भी तय हो सकता है
इन प्रयोगों के लिए एक सिस्टोस्कोप का उपयोग करके दवाएं सीधे मूत्रवाहिनी में रिलीज की थीं जो एक कैथेटर के समान है और एक कैमरे से जुड़ सकता है। साथ ही संभावित दुष्प्रभावों का खतरा बिल्कुल नहीं रहता। रिसर्च में आगे यह पता लगाया जा रहा है कि इस दवाई से मांसपेशियों को कितने समय तक रिलेक्स रखा जा सकता है। साथ ही स्टोन को कितने जल्द (मिनट, घंटे या दिन) बाहर निकाला जा सकता है।

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Researchers claim- BP, 18 types of glaucoma drugs will treat stone

Source: Health

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