85 फीसदी मरीजों में होते हैं साइलेंट गालस्टोन्स; गैस, पेट फूलना और पेट में लगातार भारीपन महसूस होने पर डॉक्टर से करें संपर्क

85 फीसदी मरीजों में होते हैं साइलेंट गालस्टोन्स; गैस, पेट फूलना और पेट में लगातार भारीपन महसूस होने पर डॉक्टर से करें संपर्क




हेल्थ डेस्क. पथरी या स्टोन स्वास्थ्य की एक बहुत ही प्रचलित समस्या है, जिससे अमूनन हर दूसरे-तीसरे परिवार में कोई न कोई पीड़ित रहता ही है। लेकिन पथरी-पथरी के बीच में अंतर समझना भी जरूरी है। पथरी दो तरह की होती हैं – किडनी की पथरी और गालब्लैडर (पित्त की थैली या पित्ताशय) की पथरी। इन दोनों का इलाज भी अलग-अलग होता है। किडनी की पथरी का इलाज स्टोन के आकार और उसकी लोकेशन पर निर्भर करता है जिसका सही निर्णय यूरो सर्जन मरीज की जांच और रिपोर्टों के आधार पर करते हैं। वैसे किडनी की छोटी पथरियां ज्यादा मात्रा में पानी पीने से शरीर से निकल जाती हैं। लेकिन गालब्लैडर की पथरी का उपचार ऑपरेशन ही होता है, जिसमें मरीज के गालब्लैडर को स्टोन सहित निकाल दिया जाता है। डॉ. विशाल जैन लेप्रोस्कोपिक सर्जन एवं हर्निया स्पेशलिस्ट से जानिए गालब्लैडर स्टोन के बारे में…

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


Gas, flatulence and persistent heaviness in the stomach indicate Gallstones

Source: Health

Please follow and like us:
Follow by Email
Pinterest
Instagram