हेल्थ डेस्क. एकल परिवारों और खासकर उन परिवारों में जहां माता-पिता दोनों कामकाजी हैं, वहां बच्चों की परवरिश करना माता-पिता के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता। ऐसे में बच्चों के जरा से रोने पर भी माता-पिता परेशान हो उठते हैं और सीधे डॉक्टर के पास भागते हैं। बच्चों की परवरिश में एक हिस्सा उनकी भावभंगिमा पढ़ना और उनकी जरूरतों को समझना भी है। शिशु रोग विशेषज्ञ होने के नाते मैं आपको बता रहा हूं कि नवजात बच्चे (अधिकतम एक साल तक) कब और क्यों रोते हैं और उनके रोने पर क्या करना चाहि, बता रहे हैंशिशु रोग विशेषज्ञ और लेखक डॉ. अव्यक्त अग्रवाल…
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Source: Health