डॉक्टरों ने पहली बार दोनों फेफड़े ट्रांसप्लांट करने का दावा किया, वेपिंग के कारण एथलीट के लंग्स खराब हुए थे

डॉक्टरों ने पहली बार दोनों फेफड़े ट्रांसप्लांट करने का दावा किया, वेपिंग के कारण एथलीट के लंग्स खराब हुए थे



वॉशिंगटन.अमेरिका के मिशीगन में डॉक्टरों ने पहली बार एक युवा एथलीट के दोनों फेफड़े प्रत्यारोपित (ट्रांसप्लांट) करने का दावा किया है। हेनरी फोर्ड अस्पताल की मेडिकल टीम के मुताबिक, 17 साल के एथलीट के दोनों फेफड़े वेपिंग के चलते पूरी तरह खराब हो गए थे। वह एक महीने तक वेंटिलेटर पर था। उसे बचाने के लिए सर्जरी जरूरी थी।यह सर्जरी 15 अक्टूबर को 6 घंटे तक चली थी। ई-सिगरेट या ऐसी किसी डिवाइस से भाप के रूप में निकोटिन लेना वेपिंग कहलाता है।

एथलीट को सबसे पहले 5 सितंबर को सेंट जॉन अस्पताल में भर्ती किया गया था। हालांकि कुछ दिनों के भीतर ही उसे सांस लेने में काफी दिक्कत महसूस होने लगी। हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने उसे 12 सितंबर को वेंटिलेटर पर रखा। हालत में सुधार नहीं होने पर उसे मिशीगन ले जाया गया। डॉक्टरों ने कहा कि मरीज की स्थिति अति गंभीर थी, इसलिए उसके दोनों फेफड़े ट्रांसप्लांट करने पड़े।

फेफड़ों की ऐसी हालत 20 साल में कभी नहीं देखी
अस्पताल के थॉरेसिक ऑर्गन ट्रांसप्लांट के सर्जिकल डायरेक्टर हसन नेमह ने कहा, ‘‘मैं 20 साल से फेफड़ों का प्रत्यारोपण कर रहा हूं, लेकिन एथलीट के फेफड़ों में जो देखा, ऐसा पहले कभी नजर नहीं आया था। मृत ऊतकों के अलावा मरीज के फेफड़ों में काफी सूजन और जख्म थे। फेफड़ों की हालत इतनी खराब थी कि सर्जरी कर उसे निकालने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था।’’

विटामिन ई-एसीटेट भी एक वजह हो सकता है
एथलीट के फेफड़े पूरी तरह खराब क्यों हो गए, इसका पता लगाने के लिए डॉक्टरों ने लंबी पड़ताल की। पिछले हफ्ते ही सीडीसी (सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल और प्रिवेंशन) ने विटामिन ई-एसीटेट के इस्तेमाल को इसके लिए संभावित तौर पर जिम्मेदार पाया। डॉक्टरों के मुताबिक, वेपिंग के चलते जान गंवाने वाले या बीमार मरीजों के फेफड़ों से लिए तरल पदार्थ के नमूनों में उन्हें ऐसा चिपचिपा पदार्थ मिला, जिसका उपयोग कई ब्लैक-मार्केट टीएचसी उत्पादों में एक गाढ़ा करने वाले एजेंट के रूप में होता है।

वेपिंग से लगातार हो रही मौतों ने बढ़ाई चिंता
सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल और प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक, पहली बार हुई ऐसी सर्जरी ने अमेरिका में वेपिंग प्रोडक्ट से लोगों की सेहत पर पड़ रहे बुरे असर की गंभीरता दिखाई है। मार्च के अंत तक वेपिंग से जुड़ी बीमारियों की वजह से कम से कम 39 लोगों की मौत हो गई, जबकि 2 हजार से ज्यादा लोग अस्पताल पहुंचे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह के डिवाइस पर रोक लगाई जानी चाहिए, ताकि इससे जुड़ी बीमारियों को टाला जा सके।

DBApp

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


हेनरी फोर्ड अस्पताल के सर्जिकल डायरेक्टर हसन नेमह।

Source: Health

Please follow and like us:
Follow by Email
Pinterest
Instagram