हेल्थ डेस्क. मैं कई बार नगालैंड गया हूं। नगालैंड की संस्कृति के साथ मैं इतना घुल-मिल गया हूं कि वहां मुझे अपनापन-सा महसूस होता है। जब भी नगालैंड जाता हूं तो ऐसा लगता है कि मैं अपने ही घर में आ गया हूं। मैंने नगालैंड के खास मिनरल सॉल्ट (खनिज लवण) के बारे में बहुत सुन रखा था। लेकिन उस नमक के बनने की प्रक्रिया से अनजान था। तो इस बार की यात्रा में मैंने उसी खास नमक को बनाने की प्रक्रिया को करीब से देखने का निश्चय किया। तो इस मिनरल सॉल्ट की यात्रा में मैं आपको ले चल रहा हूं नगालैंड के पेरेन जिले के गांव पेलेत्की में। पेलेत्की करीब 1446 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां ‘केजाई दुई’ और ‘केजाई दुई तेकवा’ नाम की खारे पानी की झीलें हैं। यही दोनों झीलें मिनरल सॉल्ट का प्रमुख स्रोत हैं। दोनों झीलें एक-दूसरे से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।
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इस मिनरल सॉल्ट में ढेर सारे औषधीय गुण होते हैं। अगर आपको थकान है तो आप इस नमक वाले पानी से नहा लीजिए। नहाते ही आप पूरी तरह से तरोताजा हो जाएंगे। खान-पान की तमाम स्थानीय चीजों में इस नमक का इस्तेमाल किया जाता है। यह कुकिंग सोडा के रूप में भी उपयोग में लाया जाता है। बाजार में मिलने वाले दूसरे मिनरल सॉल्ट की तुलना में यह नमक अपेक्षाकृत कम खारा और कम कठोर होता है। इसका रंग अमूमन ग्रे यानी भूरा होता है। सब्जियां उबालने के दौरान जब यह मिनरल सॉल्ट मिलाया जाता है, तो सब्जियों का रंग और स्वाद बढ़ जाता है। ज़ेलियाग्रॉन्ग की पारंपरिक डिश ताकदुई, जो एक तरह का दलिया होती है, में इस नमक का ही खासतौर से इस्तेमाल किया जाता है।
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इस नमक को लेकर दो खास बातें और जान लेते हैं। सालों पहले यह नमक केवल उन लोगों के खाने में ही इस्तेमाल किया जाता था जो विशिष्ट होते थे या मेहमान के रूप में घर पधारते थे। दूसरी खास बात परंपरा से जुड़ी हुई है। नमक बनाने की प्रक्रिया के दौरान जब भी कोई नया व्यक्ति इन झीलों के निकट जाता है, तो उसे ‘केला’ नामक परंपरा को पूरा करना होता है। इसमें झाड़ू की दो सींकों पर चावल (हेबी) के कुछ दाने, दो अदरक के टुकड़े (केबेई कू) और दो मिर्ची (हेराकी) रखकर भगवान को समर्पित करनी होती है।
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इन झीलों के पानी से नमक बनाने का काम स्थानीय जनजातियां करती हैं। इनमें ज्यादातर संख्या ज़ेलियाग्रॉन्ग जनजाति के लोगों की है। ज़ेलियाग्रॉन्ग नगालैंड के अलावा असम और मणिपुर में भी निवास करते हैं। मिनरल सॉल्ट बनाने की एक खास प्रक्रिया होती है। यूं तो यह नमक पूरे साल बनाया जा सकता है, लेकिन इसे बनाने का सबसे अनुकूल समय फरवरी से लेकर मार्च व अप्रैल तक रहता है। वैसे
इसकी प्रक्रिया शुरू होती है नवंबर माह से यानी सर्दियों में। शुरुआत आसपास के जंगलों में पेड़ों को गिराने से की जाती है। दो-ढाई महीने में जब गिराए हुए पेड़ सूख जाते हैं तो फिर जनवरी में इन्हें औसतन तीन-तीन फुट की लंबाई में काटकर गाड़ियों में ढोकर ले जाया जाता है। लकड़ी के ये लट्ठे नमक बनाने की प्रक्रिया का महत्वपूर्णहिस्सा होते हैं क्योंकि नमकीन पानी को उबालने में इन्हीं लकड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है (हालांकि अब लकड़ी की जगह ईंधन के कुछ अन्य विकल्पों पर भी काम किया जा रहा है ताकि पेड़ों को कटने से बचाया जा सके)। औसतन मिनरल सॉल्ट के 40 केक यानी 40 छोटे-छोटे टुकड़ों को बनाने के लिए करीब चार हजार लीटर पानी लगता है। इस पानी को सात दिन तक लगातार उबाला जाता है और इतनी मेहनत के बाद सामने आता है मिनरल सॉल्ट। इसे केक के अलावा बोतल में गाढ़े द्रव्य (लिक्विड) रूप में भी तैयार किया जाता है। -
इस मिनरल सॉल्ट में ढेर सारे औषधीय गुण होते हैं। अगर आपको थकान है तो आप इस नमक वाले पानी से नहा लीजिए। नहाते ही आप पूरी तरह से तरोताजा हो जाएंगे। खान-पान की तमाम स्थानीय चीज़ों में इस नमक का इस्तेमाल किया जाता है। यह कुकिंग सोडा के रूप में भी उपयोग में लाया जाता है। बाज़ार में मिलने वाले दूसरे मिनरल सॉल्ट की तुलना में यह नमक अपेक्षाकृत कम खारा और कम कठोर होता है। इसका रंग अमूमन ग्रे यानी भूरा होता है। सब्जियां उबालने के दौरान जब यह मिनरल सॉल्ट मिलाया जाता है, तो सब्जियों का रंग और स्वाद बढ़ जाता है। ज़ेलियाग्रॉन्ग की पारंपरिक डिश ताकदुई, जो एक तरह का दलिया होती है, में इस नमक का ही खासतौर से इस्तेमाल किया जाता है। इस नमक को लेकर दो खास बातें और जान लेते हैं। सालों पहले यह नमक केवल उन लोगों के खाने में ही इस्तेमाल किया जाता था जो विशिष्ट होते थे या मेहमान के रूप में घर पधारते थे। दूसरी खास बात परंपरा से जुड़ी हुई है। नमक बनाने की प्रक्रिया के दौरान जब भी कोई नया व्यक्ति इन झीलों के निकट जाता है, तो उसे ‘केला’ नामक परंपरा को पूरा करना होता है। इसमें झाड़ू की दो सींकों पर चावल (हेबी) के कुछ दाने, दो अदरक के टुकड़े (केबेई कू) और दो मिर्ची (हेराकी) रखकर भगवान को समर्पित करनी होती है।
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Source: Health