बदलते मौसम के साथ बदलें आपनी खाने की आदतें, नहीं जकड़ेंगी सर्दी, जुकाम और बुखार जैसी बीमारियां
By : Devadmin -
हेल्थ डेस्क. दिवाली जाने के साथ ही मौसम में बदलाव शुरू हो गया है। बदलते मौसम में कई लोगों को सर्दी, जुकाम, बुखार, बदन दर्द और आंखों में जलन जैसी बीमारियों का शिकार होना पड़ रहा है। यह परेशानी खासकर उन लोगों को ज्यादा होती है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी कमजोर होती है। हम अपनी डाइट में कुछ चीजों को शामिल कर मौसम में बदलाव के कारण होने वाली इन परेशानियों का सामना आसानी से कर सकते हैं। डाइट एंड वेलनेस एक्सपर्ट डॉ. शिखा शर्मा से जानिए बदलते मौसम में कैसी हो आपकी डाइट?
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सुबह के समय नाश्ते में या लंच में एक कटोरी सब्जियों का सूप जरूर पिएं। इसे बनाने के लिए एक कप पालक, 3 से 4 गाजर, थोड़ी-सी फ्रेंच बीन्स और एक छोटा प्याज लें। इन्हें बारीक काट लीजिए। इसमें थोड़ा-सा अदरक मिलाएं। अब इसका सूप बनाएं। इसमें थोड़ी काली मिर्च और एक-दो लौंग भी डाल सकते हैं। वेजिटेबल सूप में एंटीऑक्सीडेंट्स काफी होते हैं, जो रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर हमें स्वस्थ रखते हैं।
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इसमें जिंक और सेलेनियम जैसे एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। इसमें एंटी एजर्लिक प्रॉपर्टी भी होती है जिस वजह से यह श्वास संबंधी समस्याओं के लिए काफी फायदेमंद है। गौरतलब है कि बदलते मौसम में खासकर अस्थमा के रोगियों को दिक्कतों को सामना करना पड़ता है। इसलिए इस मौसम में अस्थमा के मरीजों को दिन में गुड़ की एक ढेली जरूर खानी चाहिए।
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ये तीनों हमारे शरीर को संक्रमणों से लड़ने के लिए तैयार करते हैं। आप इन दिनों इनमें से किसी एक का भी सेवन कर सकते हैं। तीनों का करेंगे तो और भी बेहतर रहेगा। तुलसी को रोज की चाय में इस्तेमाल कर सकते हैं। अदरक का इस्तेमाल चाय या बघार में कर सकते हैं। इसी तरह रोज के भोजन में लहसुन की भी एक से दो कलियों का इस्तेमाल आपको तमाम तरह की बीमारियों से बचाएगा।
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एक आम धारणा है कि खट्टे फल खाने से सर्दी-जुकाम होता है, जबकि हकीकत में ऐसा नहीं है। अगर खट्टे फल जैसे मौसंबी, नींबू, संतरा, आंवला, टमाटर, अमरूद आदि के बाद पानी न पिया जाए तो इनमें से कोई भी फल सर्दी-जुकाम नहीं करता है, बल्कि इनमें मौजूद विटामिन सी तो रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करता है।
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बदलते मौसम में सबसे ज्यादा जरूरी है कि हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता अच्छी बनी रहे। ऐसे में वे चीजें मददगार हो सकती हैं, जिनमें अच्छे यानी गुड बैक्टीरिया हों। इसके लिए लंच में ताजा और कमरे के तापमान पर रखा दही नियमित रूप से शामिल करें (फ्रिज में रखे दही का सेवन बिल्कुल न करें)। हालांकि कुछ लोगों को दही से सर्दी-जुकाम होने की समस्या रहती है। तो ऐसे लोग दही की जगह मठा (छाछ) ले सकते हैं।
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सुबह की धूप खाइए: रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में विटामिन-डी की अहम भूमिका होती है। 20 से 30 मिनट तक रोजाना सुबह के सूरज की किरणों से आपको पर्याप्त मात्रा में विटामिन-डी मिल जाएगा।
पर्याप्त नींद लीजिए: रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कम से कम 7 घंटे की नींद जरूरी है। नींद के अभाव में तनाव बढ़ता है जिससे शरीर में कॉर्टिसोल नामक हॉर्मोन में भी बढ़ोतरी होती है। कॉर्टिसोल रोग-प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है।
ज्यादा से ज्यादा पानी पीजिए: खूब पानी पीजिए। जितना ज्यादा पानी पिएंगे, शरीर के जहरीले तत्व उतने ही बाहर निकलेंगे और आप संक्रमण से मुक्त रहेंगे। प्यास न लगे, तब भी आपको रोजाना दो लीटर का कोटा पूरा करना ही चाहिए।
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Source: Health