दिवाली के बाद शरीर के टॉक्सिंस दूर करने के लिए मुर्धासन, अधोमुख श्वानआसन और शलभासन करें
By : Devadmin -
हेल्थ डेस्क. त्योहारों के समय पर्यावरण प्रदूषण और जंक फूड से शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में शरीर से टॉक्सिंस दूर करने में कुछ योगाभ्यास फायदेमंद हो सकते हैं। यह शरीर में मौजूद टाक्सिंस को आसानी से दूर करने में भी आपकी मदद करते हैं।योग विशेषज्ञ कल्पना कुंभारे से जानिएटॉक्सिंस दूर के लिए कौनसे योग आसन करें…
-
करने का तरीका : दोनों पैरों के बीच करीब 3 फीट का अंतर रखकर खडें हो जाएं। सामने की तरफ झुकें और हथेलियों को जमीन पर रखें। इस अवस्था में शरीर का वजन समान रूप से हाथ और पैरों पर रहेगा। अब सिर को सामने जमीन पर दोनों हाथों के बीच रखने की कोशिश करें।एड़ियों को हल्का उठाएं और शरीर का संतुलन बनाकर रखें। इसके एक या दो चक्र करें। आसन करते समय यथासंभव रुकें।
-
करने का तरीका : आसन पर हाथों और घुटनों के बल फर्श पर आएं। धीरे-धीरे कमर के भाग को ऊपर उठाते हुए घुटनों को सीधा करें। इस दौरान एड़ियां जमीन पर टिकाए रखें। दोनों हाथों को सिर के समानांतर या बाहर की ओर फैलाकर रखें। अब धीरे-धीरे दाएं पैर को ऊपर की तरफ उठाएं। पैरों को सीधा करते हुए इतना ऊपर उठाएं कि शरीर और उठा हुआ पैर एक सीध में आ जाए। अब 10 से 15 सेकंड रुकें। यही क्रिया बाएं पैर के साथ दोहराएं। इस आसन को करने से पहले धनुरासन या दंडासन करने से भी आपको फायदा मिलेगा। इसे सूर्य नमस्कार के साथ भी किया जा सकता है।
-
करने का तरीका : पेट के बल आसन पर लेट जाएं। दोनों हथेलियों की मुठ्ठी बनाकर पेट के नीचे या नाभि के नीचे रखें। ठुड्डी को थोड़ा आगे की ओर करते हुए जमीन पर ही रखें। पूर्ण सजगता के साथ शरीर को शिथिल करें। अब पैरों को पीछे की ओर तानकर एड़ियों और पंजों को जमाकर रखें और धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठाएं। यथासंभव रुकें। फिर धीरे-धीरे पैरों को नीचे लेकर आएं और शरीर को शिथिल करें। इस आसन के 4-5 चक्र करें।
-
ये आसन पेट के भाग को क्रियाशील बनाते हैं। यकृत एवं अमाशय की क्रियाशीलता बढ़ाते हैं। इससे ब्लड सर्कुलशन भी सुचारू होता है। सिर और चेहरे की ओर रक्त संचार बढ़ने के कारण आंखों की रोशनी सुधरती है और बालों का झड़ना कम होता है। इन आसनों से पाचन-तंत्र ठीक होता है। हाथ और पैरों में तनाव उत्पन्न करके मांसपेशियों में ऊर्जा प्रदान करता है। कमर दर्द, स्लीप डिस्क जैसी तकलीफ में फायदेमंद है। मेरुदंड को लचीला बनाने में सहायक होता है।
- सावधानी: हाई बी.पी., हार्ट-पेशेंट और हर्निया रोगी सावधानीपूर्वक करें।
- विशेष: ये आसन करते समय पेट और लिवर पर दबाव पड़ता है जिससे टाॅक्सिंस शरीर से बाहर निकलने में मदद मिलती है और बीमारियों से बचाव होता है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Source: Health