सेहतनामा- संक्रांति में तिल, गुड़ और मूंगफली खाना फायदेमंद:इन्हें क्यों कहते हैं सुपरफूड, डॉक्टर से जानिए इनके हेल्थ बेनिफिट्स
By : Devadmin -
आज मकर संक्रांति है। इस दिन भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिन को भारत में त्योहार के रूप में मनाया जाता है। हर राज्य में इसके अलग नाम हैं– पोंगल, खिचड़ी, मकर संक्रांति, लोहड़ी और उत्तरायण। इसके नाम जरूर अलग हैं पर देश के सभी हिस्सों में इस दिन तिल और गुड़ खाए जाने की परंपरा एक ही है। इस दिन मूंगफली भी खाई जाती है। तिल, गुड़ और मूंगफली, तीनों चीजें सुपरफूड हैं। इनसे बनी चीजें खाने में जितनी स्वादिष्ट होती हैं, सेहत के लिए भी उतनी फायदेमंद होती हैं। तिल और मूंगफली में प्रोटीन, विटामिन और ओमेगा 6 जैसे न्यूट्रिएंट्स होते हैं। गुड़ में आयरन, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे महत्वपूर्ण मिनरल्स होते हैं। इसलिए ‘सेहतनामा’ में मकर संक्रांति पर खाए जाने वाले तिल, गुड़ और मूंगफली की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- तिल-गुड़ के लड्डू और मूंगफली खाने की परंपरा मकर संक्रांति के दिन लोग तिल और गुड़ के लड्डू खाते हैं। इसके बाद शाम को घर के सभी लोग अलाव जलाकर गीत गाते हैं और मूंगफली खाते हैं। ये सभी चीजें सर्दियों में बेहद फायदेमंद होती हैं। तिल, गुड़ और मूंगफली हैं सर्दियों के सुपरफूड इन तीनों सुपरफूड्स की तासीर गर्म होती है। इसलिए इन्हें सर्दियों का सुपरफूड भी कहते हैं। इनकी न्यूट्रिशनल वैल्यू इन्हें और खास बनाती है। आइए सभी चीजों की न्यूट्रिशनल वैल्यू और फायदे जानते हैं। गुड़ की न्यूट्रिशनल वैल्यू गुड़ में सुक्रोज और फ्रुक्टोज के रूप में शुगर होता है। इसलिए इसका स्वाद मीठा होता है और इसे खाने से तुरंत एनर्जी मिलती है। गुड़ में शरीर के लिए जरूरी विटामिन A, C और E होते हैं। इसमें आयरन समेत कई जरूरी मिनरल्स भी होते हैं। ग्राफिक में देखिए: गुड़ खाने के 10 बड़े फायदे तिल की न्यूट्रिशनल वैल्यू तिल में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन और पोटेशियम जैसे मिनरल्स होते हैं। इसमें विटामिन B6 भी होता है। शरीर की रोजाना जरूरत के कितने मिनरल्स तिल खाने से मिलते हैं, ग्राफिक में देखिए: तिल खाने के 10 बड़े फायदे मूंगफली की न्यूट्रिशनल वैल्यू मूंगफली में प्रोटीन, फैट समेत कई हेल्दी न्यूट्रिएंट्स होते हैं। कई जरूरी विटामिन और मिनरल्स भी होते हैं। ग्राफिक में देखिए: मूंगफली खाने के 10 बड़े फायदे तिल, गुड़ और मूंगफली से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और उनके जवाब सवाल: क्या तिल और मूंगफली में मौजूद फैट से दिल की सेहत खराब होती है? जवाब: नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं होता है। लोगों को इस बात का भ्रम है कि फैट से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, जबकि असल में ट्रांस फैट, सैचुरेटेड फैट से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। तिल और मूंगफली में मौजूद हेल्दी फैट हमें सेहतमंद बनाता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, तिल और मूंगफली में मौजूद हेल्दी फैट कोलेस्ट्रॉल और ट्रायग्लिसराइड्स को कम करने में मददगार है। इससे हार्ट हेल्थ इंप्रूव होती है। सवाल: क्या तिल और मूंगफली खाने से बाल झड़ने लगते हैं? जवाब: नहीं, यह सच नहीं है। इसके उलट तिल और मूंगफली खाने से हेयरफॉल रुक सकता है। इनके सेवन से बालों के विकास में भी मदद मिलती है। तिल में मौजूद ओमेगा-3, ओमेगा-6 और ओमेगा-9 फैटी एसिड से स्काल्प के ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है। इससे बालों की जड़ों को जरूरी पोषक तत्व और ऑक्सीजन मिलता है। तिल और मूंगफली में भरपूर मात्रा में कॉपर, फास्फोरस, जिंक, आयरन, विटामिन B1 और मैग्नीशियम होता है। इससे स्काल्प हेल्दी रहता है और हेयरफॉल कम होता है। सवाल: क्या तिल और मूंगफली खाने से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं? जवाब: हां, कुछ लोगों को मूंगफली और तिल से एलर्जी हो सकती है। तिल की एलर्जी के कारण उल्टी हो सकती है और ब्रीदिंग प्रॉब्लम हो सकती है। इससे कब्ज हो सकता है और अपेंडिक्स में दर्द हो सकता है। तिल में साइकोएक्टिव कंपाउंड THC होता है। यह ड्रग्स टेस्ट होने पर सामने आ सकता है। इसलिए ज्यादातर प्रोफेशनल स्पोर्ट्स पर्सन तिल खाने से बचते हैं। मूंगफली खाने से कुछ लोगों को एनाफिलेक्सिस नाम का गंभीर एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है। कई बार यह लाइफ थ्रेटनिंग भी होता है। इसके कारण स्किन में रैशेज हो सकते हैं और सूजन हो सकती है। ब्लड प्रेशर अचानक कम हो सकता है। इससे स्टमक इन्फेक्शन हो सकता है। सांस लेने में समस्या हो सकती है। सवाल: क्या डायबिटिक लोग तिल, गुड़ और मूंगफली से बनी चीजें खा सकते हैं? जवाब: डायबिटिक लोग तिल और मूंगफली बहुत आराम से खा सकते हैं। इसका हेल्दी फैट इंसुलिन स्पाइक और शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में भी मददगार है। हालांकि उन्हें गुड़ और गुड़ से बनी चीजें बिल्कुल नहीं खानी चाहिए। डायबिटीज में लो ग्लाइसेमिक फूड खाने की सलाह दी जाती है, जबकि गुड़ हाई ग्लाइसेमिक फूड है। इससे शुगर स्पाइक हो सकता है। ……………………..
सेहतनामा की ये खबर भी पढ़िए
1. सेहतनामा- HMPV से बचना है तो समझें इम्यूनिटी का साइंस: शराब, सिगरेट और खराब डाइट से होती कमजोर, बता रहे हैं डॉक्टर सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने साफ किया है कि HMPV वायरस का खतरा मुख्य रूप से कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को है। यही कारण है कि छोटे बच्चे और बुजुर्गों में इसका इन्फेक्शन बढ़ रहा है क्योंकि बच्चों की इम्यूनिटी पूरी तरह विकसित नहीं होती है। पूरी खबर पढ़िए…
Source: Health