मीनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन ही नहीं, टेस्टोस्टरोन हॉर्मोन लेना भी जरूरी

मीनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन ही नहीं, टेस्टोस्टरोन हॉर्मोन लेना भी जरूरी



हेल्थ डेस्क. 18 अक्टूबर को विश्व मीनोपॉज दिवस उन सभी चालीस पार की करोड़ों मिहलाओं को समिपर्त था, जो रजोनिवृत्ति के पश्चात उम्र के अपने लगभग एक-तिहाई जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के उपायों के बारे में अनिभज्ञ है। मीनोपॉज के दौरान एवं बाद की समस्या को किस तरह दूर खत्म किया जाए। इस बारे में मीनोपॉज एक्सपर्ट डॉ. सुनीला खंडेलवाल बता रही हैं मिहलाओं के लिए एस्ट्रोजनहॉर्मोन जितना जरूरी है। उतना ही जरूरी टेस्टोस्टरोन हॉर्मोन भी है।

  1. मीनोपॉज के बाद टेस्टोस्टरोन हॉर्मोन देने की आवश्यकता होती है। इस पीरियड के दौरान हॉर्मोन में आने वाले बदलाव की वजह से उन्हें काफी परेशानियां होती हैं। यह हॉर्मोन मीनोपॉज से संबंधित हेल्थ प्रॉब्लम्स को कम करने में मददगार है। मीनोपॉज के बाद मिहलाओं में अक्सर यौन इच्छा में कमी हो जाती है, लेकिन यह हॉर्मोन लेने से इसमें काफी सुधार आता है। इंटरनेशनल मीनोपॉज सोसायटी की ओर से भी यह पुष्टि की गई है कि मेनोपॉजल हॉर्मोन थेरेपी लेने से काफी हद तक इसके प्रभावों को कम किया जा सकता है।

  2. सोसायटी ने इसके लिए गाइडलाइन भी जारी की है। इस गाइडलाइन के मुताबिक, यदि टैबलेट के जरिए यह हॉर्मोन दिया जाए तो सहवास में अनिच्छा और दर्द से रिलीफ मिलता है। साथ ही इस हॉर्मोन का हिड्डयों पर ऐनाबोलिक असर पड़ता है। इससे हिड्डयां मजबूत बनती है। ज्यादा मात्रा में यह हॉर्मोन लेने से आवाज में बदलाव, असाधारण बाल आना और लिवर पर भी असर पड़ सकता हैं। निश्चित अवधि तक सीमित मात्रा में यह हॉर्मोन लेने से स्तन कैंसर का खतरा नहीं होता है। ज्यादातर मिहलाओं में इस हॉर्मोन की आवश्यकता नहीं पड़ती है, लेकिन हाइपो एक्टिव सैक्सुअल डिजायर डिसऑडर 32 परसेंट मिहलाओं में पाया जाता है। इस स्टेज में यह हॉर्मोन लेने से क्वालिटी ऑफ लाइफ बेहतर बनेगी।

    इंडिया में मीनोपॉज 45-47 साल की उम्र में होता है। या फिर किसी बीमारी के कारण कम उम्र में यूस और ओवरी निकालने के बाद भी मीनोपॉज हो जाता है। प्री-मैच्योर ओवेरियन फैलियर की वजह से कम उम्र में ओवरी काम करना बंद कर देती है।

  3. गर्भनिरोधक और स्टीरॉयड टैबलेट लेने वाली मिहलाओं में अक्सर इस हॉर्मोन की कमी होती है। एंटी-एंड्रोजन दवाइयों का सेवन करने वाली मिहलाओं में इस हॉर्मोन की कमी देखने को मिलती है। प्रसव के दौरान जिन मिहलाओं को ज्यादा ब्लीडिंग हुई थी या फिर वे बेहोश हो गई थी। इससे पिट्यूटरी ग्रंथि से सभी महत्वपूणर् हॉर्मोनों का रसना कम हो जाता है। यह भी इस हॉर्मोन की कमी का मुख्य कारण है। डॉक्टर की सलाह पर ही ये हॉर्मोन लेने चाहिए।

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      Not only estrogen after menopause, it is also necessary to take testosterone hormone

      Source: Health

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