सेहतनामा- श्याम बेनेगल का क्रॉनिक किडनी डिजीज से निधन:फेल थीं दोनों किडनी, क्या है ये बीमारी, डॉक्टर से जानें हर सवाल का जवाब
By : Devadmin -
प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक और भारत में समानांतर सिनेमा के सबसे मजबूत स्तंभ रहे श्याम बेनेगल का 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया। सबसे ज्यादा 18 नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स जीतने वाले श्याम बेनेगल पिछले कुछ सालों से क्रॉनिक किडनी डिजीज से जूझ रहे थे। दो साल पहले उनकी दोनों किडनी खराब हो गई थीं। उसके बाद से उनका डायलिसिस के साथ इलाज चल रहा था। क्रॉनिक किडनी डिजीज का मतलब है कि किडनी धीरे-धीरे लगातार डैमेज हो रही है। इसके कारण इसकी फंक्शनिंग लगातार खराब होती जाती है। किडनी अपने सबसे सामान्य काम जैसे खून से वेस्ट और एक्स्ट्रा फ्लूइड छानने में भी असमर्थ होने लगती है। इससे शरीर में बहुत सारा फ्लूइड, इलेक्ट्रोलाइट्स और वेस्ट जमा होने लगता है। डैमेज हो रही किडनी को ठीक नहीं किया जा सकता है। हालांकि, कुछ ट्रीटमेंट की मदद से डैमेज की प्रक्रिया को धीमा किया जा सकता है। क्रॉनिक किडनी डिजीज के कारण किडनी फेल्योर और कार्डियोवस्कुलर डिजीज का जोखिम बढ़ जाता है और असमय मौत हो जाती है। इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में क्रॉनिक किडनी डिजीज की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- क्या है क्रॉनिक किडनी डिजीज? क्रॉनिक किडनी डिजीज में क्रॉनिक शब्द का मतलब है कि बीमारी के लक्षण धीरे-धीरे खराब हो रहे हैं। इसे क्रॉनिक किडनी फेल्योर भी कहा जाता है। इसका मतलब है कि किडनी के फंक्शंस धीरे-धीरे कमजोर हो रहे हैं। ज्यादातर मामलों में यह हेल्थ कंडीशन लंबे समय तक हाई बीपी और डायबिटीज के कारण पैदा होती है। इसके लक्षण क्या हैं? क्रॉनिक किडनी डिजीज में ज्यादातर लोगों को एडवांस स्टेज से पहले तक कोई लक्षण पता नहीं चलता है। हालांकि, हमारा शरीर हर परेशानी में कुछ इशारे जरूर करता है। इसी तरह इस बीमारी में भी कुछ लक्षण दिख सकते हैं। नीचे ग्राफिक में देखिए: क्रॉनिक किडनी डिजीज की कितनी स्टेज होती हैं? इसकी 5 स्टेज होती हैं। स्टेज बढ़ने का मतलब है कि किडनी के काम करने की क्षमता कम हो रही है। ब्लड और यूरिन का टेस्ट करके बीमारी की स्टेज का पता लगाया जाता है। पहली स्टेज में किडनी के कामकाज में हल्की-फुल्की कमी आती है और स्टेज बढ़ने के साथ इसकी फंक्शनिंग कमजोर होती जाती है। इसे ग्राफिक में देखिए: क्या हैं इसके रिस्क फैक्टर्स? क्रॉनिक किडनी डिजीज किसी को भी और किसी भी उम्र में विकसित हो सकती है। हालांकि, कुछ लोगों को दूसरों की तुलना में इसका ज्यादा खतरा होता है। इसके रिस्क फैक्टर्स ग्राफिक में देखिए: क्रॉनिक किडनी डिजीज का इलाज क्या है? इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। हालांकि कुछ ट्रीटमेंट और लाइफस्टाइल में बदलाव किडनी की फंक्शनिंग बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए निम्न बातों का ध्यान रखें: क्रॉनिक किडनी डिजीज से जुड़े कुछ सवाल और जवाब सवाल: क्रॉनिक किडनी डिजीज के कॉम्प्लिकेशन क्या हैं? जवाब: इस बीमारी के कारण निम्न समस्याएं हो सकती हैं: सवाल: क्रॉनिक किडनी डिजीज होने पर कोई व्यक्ति कितने समय तक जीवित रहता है? जवाब: क्रॉनिक किडनी डिजीज 5वीं स्टेज पर है तो आमतौर पर व्यक्ति 5-10 साल तक जीवित रहता है। हालांकि कुछ लोग अच्छे ट्रीटमेंट की मदद से और लाइफस्टाइल में बदलाव करके 20 साल तक भी जीवित रहते हैं। यह पूरी तरह से इन 5 बिंदुओं पर निर्भर करता है: सवाल: अगर किडनी खराब हो रही हो तो यूरिन का रंग कैसा हो जाता है? जवाब: आमतौर पर ऐसे में यूरिन का रंग नहीं बदलता है। अगर यूरिन में बहुत ज्यादा झाग बन रहा है तो यह किडनी खराब होने का इशारा हो सकता है। यूरिन में झाग का मतलब एक्स्ट्रा प्रोटीन है। इसका मतलब होता है किडनी टॉक्सिन्स को ठीक तरह से नहीं छान पा रही है। उसकी फंक्शनिंग खराब हो रही है। सवाल: क्या किडनी डिजीज को रोका जा सकता है? जवाब: हां, बिल्कुल रोका जा सकता है। अगर हम अपने खानपान और लाइफस्टाइल का ध्यान रखें तो इसका जोखिम कम किया जा सकता है। अगर किसी को डायबिटीज या हाइपरटेंशन की समस्या है तो नियमित रूप से किडनी का भी चेकअप करवाना चाहिए क्योंकि इन लोगों को क्रॉनिक किडनी डिजीज का जोखिम ज्यादा होता है। डिजीज का जोखिम कम करने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखें: ………………….
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