सेहतनामा- दिवाली पर मीठा खाएं लेकिन संभलकर:आधे डायबिटिक लोग अपनी बीमारी से अनजान, डॉक्टर बता रहे 10 सावधानियां

दिवाली जितना रोशनी और खुशियों का त्योहार है, उतना ही मिठाइयों और पकवान के जायके का भी त्योहार है। देश के सबसे बड़े त्योहार में सभी घरों में अक्सर ऐसा माहौल होता है कि लोग खुद को मिठाई खाने से रोक नहीं पाते हैं। बात ठीक भी है। त्योहार पर परिवार के सभी सदस्य एक साथ जुटते हैं। सभी खाने के लिए एक साथ बैठते हैं। ऐसे में खाने-पीने को लेकर बहुत चूजी होना या दूसरों से कुछ अलग करना मुश्किल हो जाता है। यहां तक तो सब ठीक है। असल समस्या तब आती है, जब इस मिठाई के कारण हमारा ब्लड शुगर रॉकेट की तरह भागता है। ऐसे में मिठाई का जायका हमारी दिवाली का मजा फीका कर सकता है। इसलिए इस दिवाली मिठाई खाइए पर थोड़ा संभलकर। दिल्ली के श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में इंटरनल मेडिसिन विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. दीपक गुप्ता कहते हैं कि अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए और कुछ सावधानियां बरती जाएं तो दिवाली मिठाइयों के साथ भी सेलिब्रेट की जा सकती है। इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में जानेंगे कि दिवाली में मिठाई खा रहे हैं तो किन बातों का ध्यान रखना होगा। साथ ही जानेंगे कि- मिठाई के जायके से पहले जानें डायबिटीज के आंकड़े हम दिवाली में मिठाई का जायका लेने की बात कर रहे हैं। लेकिन इससे पहले ये जानना जरूरी है कि देश-दुनिया में डायबिटीज के आंकड़े क्या कहते हैं। दुनिया में डायबिटीज का हाल आंकड़ों को आसान भाषा में ग्राफिक्स में देखिए: देश में डायबिटीज के आंकड़े प्रीडायबिटिक और डायबिटीज से अनजान लोगों को ज्यादा खतरा डॉ. दीपक गुप्ता कहते हैं कि दिवाली में मिठाई खाने से सबसे अधिक खतरा उन लोगों को है, जो प्रीडायबिटिक हैं और जिन्हें अपनी डायबिटिक कंडीशन के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसके पीछे कारण ये है कि जिन्हें मालूम है कि वे डायबिटिक हैं, वे तो मिठाई खाते समय इसकी मात्रा को लेकर सचेत रहते हैं। वहीं जिन लोगों को मालूम ही नहीं है कि उनका ब्लड शुगर हाई है, वे मन भर जाने तक मिठाई खाते हैं। इससे इनका ब्लड शुगर तेजी से स्पाइक कर सकता है और कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। दिवाली में मिठाई खानी है तो ब्लड शुगर का गणित समझें डॉ. दीपक गुप्ता कहते हैं कि अगर दिवाली में मिठाई खानी है तो सबसे पहले ब्लड शुगर का गणित समझना होगा। ये जानना जरूरी है कि हमारा ब्लड शुगर किन कारणों से स्पाइक करता है। ग्राफिक में देखिए। मिठाई खानी है तो ऐसे मैनेज करें ब्लड शुगर अगर हम यह जानते हैं कि ब्लड शुगर लेवल किन कारणों से बढ़ रहा है तो इसे कंट्रोल करना आसान हो सकता है। इन सभी कारणों पर लगाम लगाकर हम मिठाई का जायका ले सकते हैं। बशर्ते कुछ बातों का ध्यान रखें। नीचे ग्राफिक में देखिए। माइंडफुल ईटिंग करें हमें यह ध्यान रखना होगा कि हम क्या, कब और कितनी मात्रा में खा रहे हैं। इससे लगभग आधी समस्या तो यहीं हल हो जाएगी। जब हम जानते हैं कि मिठाई खाने से ब्लड शुगर स्पाइक कर सकता है तो इसे सिर्फ स्वाद के लिए ही खाएं। डॉ. दीपक गुप्ता कहते हैं कि मिठाई के एक छोटे से पीस से वही स्वाद मिलता है, जितना 10 पीस खाने से मिलेगा। इसलिए मिठाई के 10 पीस खाने के बजाय सिर्फ एक पीस खाएं। अगर यह रसगुल्ला जैसी मिठाई है तो उसमें भरी चीनी को निचोड़ लें, फिर खाएं। मिठाई खाने का समय तय करें मिठाई का जायका ही ऐसा है कि यह जितनी बार आंखों के सामने पड़ेगी, उतनी बार खाने का मन करेगा। इसलिए जरूरी है कि सबसे पहले इसे नजरों से दूर रखें। इसके अलावा मिठाई खाने का एक निश्चित समय तय करें। इन उपायों से बार-बार मिठाई खाने से बचा जा सकता है। स्ट्रेस मैनेजमेंट जरूरी है त्योहार के समय शारीरिक मेहनत और खर्च का बोझ बढ़ जाता है। ये दोनों चीजें तनाव का कारण बन सकती हैं। स्ट्रेस में हमारा शरीर कॉर्टिसोल हॉर्मोन रिलीज करता है। इससे ब्लड शुगर तेजी से स्पाइक कर सकता है। इसलिए त्योहार के पहले ही इस बात को समझ लें और बहुत अधिक तनाव से बचें। ऑयली खाने पर लगाम जरूरी ब्लड शुगर स्पाइक करने के लिए सिर्फ मिठाइयां जिम्मेदार नहीं हैं। बहुत ऑयली भोजन करने से भी ब्लड शुगर बढ़ सकता है। इसलिए कम-से-कम ऑयली भोजन करने की कोशिश करें। रोज 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं हम जानते हैं कि शरीर में डिहाइड्रेशन के कारण ब्लड गाढ़ा हो जाता है। इससे ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ सकता है। इसलिए जरूरी है रोज 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं। नियमित एक्सरसाइज करना न भूलें रेगुलर एक्सरसाइज करने से कोशिकाएं थोड़ी ज्यादा एक्टिव हो जाती हैं और इंसुलिन का बेहतर तरीके से इस्तेमाल करती हैं। इससे ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन रखने में मदद मिलती है। यह डेली कैलोरीज बर्न करने का भी अच्छा तरीका है। ……………

सेहतनामा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… अचानक किसी को कार्डियक अरेस्ट हो तो CPR दें: CPR क्या है, डॉक्टर से जानें हर सवाल का जवाब सीपीआर यानी कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन एक ऐसी इमरजेंसी लाइफ सेविंग प्रोसिजर है, जो तब की जाती है, जब हृदय की धड़कन रुक जाती है। सीपीआर किसी व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट से बचने में मदद कर सकता है। पूरी खबर पढ़िए…
Source: Health

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Follow by Email
Facebook
Twitter
Pinterest
Instagram