सेहतनामा- तंबाकू बैन करने से बच सकती हैं लाखों जिंदगियां:स्मोकिंग से हर साल 80 लाख मौतें, डॉक्टर से जानें क्विट करने के 10 तरीके
By : Devadmin -
सिगरेट पीने से बहुत नुकसान होते हैं। हर साल लाखों लोगों की मौत होती है। 10 से ज्यादा प्रकार के कैंसर होते हैं। दुनिया का हर स्मोकर जानता है कि वो जहर पी रहा है। लेकिन स्मोकिंग के इस नुकसान से बचने का तरीका क्या है? तरीका सिर्फ एक ही है। स्मोकिंग न करना यानी सिगरेट पीना छोड़ देना। हाल ही में विश्व प्रसिद्ध जर्नल ‘द लैंसेट’ पब्लिक हेल्थ में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, अगर साल 2050 तक स्मोकिंग रेट घटकर सिर्फ 5% रह जाए तो इसके अविश्वसनीय नतीजे सामने आ सकते हैं। इससे पुरुषों की जीवन प्रत्याशा 1 साल और महिलाओं की 0.2 साल तक बढ़ सकती है। उम्मीद की बात ये है कि रिसर्चर्स ने अनुमान जताया है कि पूरी दुनिया में साल 2050 तक स्मोकिंग रेट घटकर पुरुषों में 21% और महिलाओं में लगभग 4% तक हो सकता है। यह भी अनुमान जताया है कि अगर सिगरेट छोड़ने के प्रयासों में तेजी दिखाई जाए तो पूरी दुनिया में लोगों की जिंदगी में लगभग 87.6 करोड़ साल और जुड़ सकते हैं। इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में जानेंगे कि कैसे स्मोकिंग छोड़ने से देश-दुनिया में बड़े परिवर्तन आ सकते हैं। साथ ही जानेंगे कि- भारत में स्मोकिंग से हर साल 10 लाख लोगों की मौत
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, पूरी दुनिया में हर साल सिगरेट पीने की वजह से 80 लाख से ज्यादा लोगों की प्रीमेच्योर मौत होती है। वहीं भारत में हर साल स्मोकिंग के कारण 10 लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है। इसमें अगर अन्य तंबाकू उत्पादों के सेवन के आंकड़े भी जोड़ दिए जाएं तो भारत में हर साल लगभग 13.5 लाख लोगों की मौत तंबाकू के सेवन के कारण होती है। भारत में 25.3 करोड़ स्मोकर्स हैं
दुनिया में सबसे अधिक तंबाकू का सेवन करने वाले देशों की लिस्ट में चीन के बाद भारत दूसरे नंबर पर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, भारत में 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के 25.3 करोड़ लोग स्मोकिंग करते हैं। इनमें लगभग 20 करोड़ पुरुष हैं और 5.3 करोड़ महिलाएं हैं। आइए ग्राफिक में स्मोकिंग रेट के आंकड़ों को एज ग्रुप और जेंडर्स में बांटकर देखते हैं। अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर रही है सिगरेट
जब किसी देश में शराब और सिगरेट बैन करने की मांग होती है तो यह चर्चा भी तेज हो जाती है कि अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा इनसे मिल रहे टैक्स पर टिका हुआ है। इसलिए बैन करना आसान नहीं है। जबकि सच यह है कि शराब और सिगरेट के कारण हुई बीमारियों से अर्थव्यवस्था पर बोझ बढ़ता है। सिगरेट कैसे दुनिया पर आर्थिक बोझ बढ़ा रहा है, ग्राफिक में देखिए। कैसे होती है सिगरेट की शुरुआत
फिल्मों में स्मोकिंग को ग्लैमर, एक्साइटमेंट और बौद्धिकता से जोड़कर दिखाया जाता है। इसलिए किशोर इस ओर आकर्षित होते हैं। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के मुताबिक, 10 में से 9 लोग सिगरेट पीने की शुरुआत टीनएज में ही करते हैं। इसलिए जरूरी है कि पेरेंट्स और टीचर्स बच्चों को इस बारे में अवेयर करें। स्मोकिंग से कौन सी बीमारियां होती हैं
स्मोकिंग के कारण 10 से ज्यादा तरह के कैंसर, हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और अस्थमा का जोखिम होता है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि दुनिया में सबसे अधिक मौतों की वजह कैंसर और हार्ट डिजीज ही हैं। पूरी दुनिया में हर साल लगभग 6 करोड़ लोगों की मौत होती है। इनमें लगभग 1.80 करोड़ मौतें हार्ट डिजीज के कारण होती हैं और 1 करोड़ मौतों की वजह कैंसर है। ग्राफिक में देखिए, स्मोकिंग से कौन-कौन सी बीमारियां होती हैं। इन सभी बीमारियों और मौतों से बचने का एक ही उपाय है, स्मोकिंग क्विट करना। सिगरेट क्विट करने के लिए क्या करें?
सभी स्मोकर्स जानते हैं कि सिगरेट का हर एक कश कैसे उनके फेफड़ों और शरीर के सभी अंगों को छलनी कर रहा है। इसके बावजूद वे इसे नहीं छोड़ पाते हैं। इसकी वजह है, सिगरेट में मौजूद 7 हजार से ज्यादा केमिकल कंपाउंड्स और विशेषकर निकोटिन। ये केमिकल साइकोएक्टिव होते हैं और हमारे नर्वस सिस्टम को कंट्रोल करते हैं। निकोटिन के कारण डोपामाइन केमिकल रिलीज होता है, जो हमें एक साथ एक्टिव, एलर्ट और रिलैक्स मोड में ले जाता है। इसलिए दिमाग सिगरेट का लती हो जाता है। इसके नहीं मिलने पर उलझन, बेचैनी और झुंझलाहट होने लगती है। इसलिए सिगरेट छोड़ने के लिए सही प्लान बनाना जरूरी है। इसके लिए जयपुर के नारायणा हॉस्पिटल में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग की डायरेक्टर डॉ. निधि पाटनी ने कुछ तरीके बताए, आइए ग्राफिक में देखते हैं। उद्देश्य बनाएं फिर ट्रिगर्स पहचानकर उन्हें अवॉइड करें ग्राफिक्स: अंकुर बंसल …………………….
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Source: Health