आज पृथ्वी को मिलेगा मिनी मून- 2024 PT5:इसका आकार सिर्फ 10 मीटर, 53 दिन लगाएगा पृथ्वी का चक्कर

पृथ्वी को आज (29 सितंबर) एक नया अस्थायी मिनी मून मिलने वाला है। 2024 PT5 नाम के इस चांद का व्यास सिर्फ 10 मीटर है। यह 53 दिन तक पृथ्वी की कक्षा में रहेगा। पृथ्वी के चांद से 3,50,000 गुना छोटे आकार के इस मिनी मून को स्पेशल टेलिस्कोप की मदद से रात 1:30 बजे के बाद देखा जा सकेगा। यह चांद असल में एक एस्टेरॉयड है। इसे 7 अगस्त को खोजा गया था। ये आज अर्थ की ऑर्बिट में आएगा और अगले 53 दिन यानी 25 नवंबर तक पृथ्वी का चक्कर लगाता रहेगा। बेहद कम स्पीड होने की वजह से अगले दो महीने में यह एस्टेरॉयड पृथ्वी का एक चक्कर भी पूरा नहीं कर पाएगा। अर्जुन एस्टेरॉयड बेल्ट का एस्टेरॉयड है 2024 PT5
ये एस्टेरॉयड 2024 PT5 हमारे सोलर सिस्टम में मौजूद एस्टेरॉयड्स के एक समूह ‘अर्जुन एस्टेरॉयड बेल्ट’ का हिस्सा है। ये समूह कई बार पृथ्वी से 2.8 मिलियन मील यानी 45 लाख किमी की दूरी तक आ सकते हैं। एस्टेरॉयड्स के इस ग्रुप को अर्जुन नाम एस्ट्रोनॉमर रॉबर्ट एच मैकनॉट ने दिया था। भारतीय ग्रंथ महाभारत में अर्जुन साहस, तीरंदाजी कौशल, बुद्धिमानी और आध्यात्मिक विकास के लिए जाने जाते हैं। उन्हीं से प्रेरित होकर मैकनॉट ने एस्टेरॉयड बेल्ट को अर्जुन नाम दिया। पृथ्वी की ग्रैविटी से सूर्य के ऑर्बिट में लौटेगा एस्टेरॉयड
25 नवंबर के बाद 2024 PT5 एस्टेरॉयड पृथ्वी की ग्रैविटी से आजाद होकर सूर्य के ऑर्बिट में लौट जाएगा। दरअसल, सूरज के चक्कर लगाते-लगाते यह एस्टेरॉयड धरती के करीब पहुंच चुका है। इस वजह से यह ग्रैविटेशनल फोर्स से खिंचकर पृथ्वी के चक्कर लगाने लगा है। 25 नवंबर के बाद यह धरती से दूर हो जाएगा और इस पर ग्रैविटी का असर भी खत्म हो जाएगा। तब यह वापस सूरज के ऑर्बिट में लौट जाएगा। वैज्ञानिकों की करेगा मदद, देगा अंतरिक्ष की जानकारी
हार्वर्ड और स्मिथसोनियन की एस्टेरॉयड रिसर्चर फेडेरिका स्पोटो का कहना है कि 2024 PT5 से अंतरिक्ष के उन एस्टेरॉयड के बारे में जानकारी मिलेगी, जो कभी-कभी पृथ्वी से टकराते हैं। इससे पहले साल 1981 और 2022 में भी पृथ्वी को 2022NX1 नाम का एक मिनी मून मिला था। ये खबर भी पढ़ें… रिसर्चर्स बोले- चंद्रयान-3 चंद्रमा के सबसे पुराने क्रेटर पर उतरा: इस साइट पर कोई दूसरा मिशन लैंड नहीं हुआ चंद्र मिशन और सैटेलाइट्स की तस्वीरों का विश्लेषण करने वाले वैज्ञानिकों ने अनुमान जताया है कि चंद्रयान-3 चंद्रमा के सबसे पुराने क्रेटर्स में से एक पर उतरा। वैज्ञानिकों की टीम में अहमदाबाद के फिजिकल रिसर्च लैबोरेटरी एंड इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) के रिसर्चर्स भी शामिल हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…
Source: Health

Please follow and like us:
Follow by Email
Pinterest
Instagram