जरूरत की खबर- मानसून में 50% बढ़ती सर्पदंश की घटनाएं:देश में हर साल 50 हजार मौतें, इस मौसम में रहें सावधान, बचाव के 8 उपाय

बरसात के मौसम में बिलों में पानी भरने और तापमान में होने वाले परिवर्तन के कारण सांप जैसे जीव अपने बिलों से बाहर निकल आते हैं और खुद के लिए सुरक्षित स्थान तलाशते हुए लोगों के घरों में घुस जाते हैं। यही कारण है कि बारिश के मौसम में सांप काटने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। जो लोग वनांचल, ग्रामीण, पहाड़ी या शहरी इलाकों में ग्राउंड फ्लोर पर रहते हैं, उन्हें सर्पदंश का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। सर्पदंश की स्थिति में तत्काल इलाज की जरूरत होती है। इसमें जरा सी भी देरी जानलेवा हो सकती है। हाल ही में संसद में सांसद राजीव प्रताप रूडी ने इसे लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हर साल देश में 30 से 40 लाख लोगों को सांप काटते हैं, जिसमें से 50 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। इसके अलावा सर्पदंश के बहुत से मामले रिपोर्ट ही नहीं किए जाते हैं। सांप के काटने की घटनाएं गांवों में ज्यादा होती हैं। इसलिए जरूरत की खबर में बात करेंगे कि सांप काटने की घटनाओं से कैसे बच सकते हैं? साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: लखन लाल मालवीय, सर्प विशेषज्ञ (भोपाल) डॉ. त्रिशला सिंघवी, कंसल्टेंट, क्रिटिकल केयर, कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल (इंदौर) सवाल- भारत में सबसे ज्यादा कौन से सांप के काटने के मामले होते हैं? जवाब- भारत में लगभग 90% सर्पदंश के मामले इन चार सांपों के आते हैं। सर्प विशेषज्ञ लखन लाल मालवीय बताते हैं कि दुनिया भर में सांपों की 3 हजार के करीब प्रजातियां हैं। इसमें से 725 प्रजातियां विषैली हैं। इन 725 विषैली प्रजातियों के सांपों में भी 250 प्रजातियों के सांप ऐसे होते हैं, जिनके काटने से व्यक्ति की कुछ ही देर में मौत हो सकती है। भारत में करीब 300 प्रजातियों के सांप पाए जाते हैं। इनमें करीब 25% सांप ही हैं, जो विषैले होते हैं। सवाल- सांप के काटने की पहचान कैसे कर सकते हैं? जवाब- डॉ. त्रिशला सिंघवी बताती हैं कि आमतौर पर सांपों के जहर को दो भागों में बांटा जाता है। न्यूरोटॉक्सिक और हीमोटॉक्सिक। न्यूरोटॉक्सिक जहर हमारे मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। नर्वस सिस्टम ही हमारे शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करता है, जिसमें चलना, बोलना और अन्य गतिविधियां शामिल हैं। जबकि हीमोटॉक्सिक जहर ब्लड और हार्ट से जुड़े शरीर के क्रियाकलापों को प्रभावित करता है। इसमें शरीर के पीड़ित के खून बहता है। कोबरा और करैत जैसे सांपों में न्यूरोटॉक्सिक जहर ही होता है। हर एक सांप के डसने या काटने के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि सांप के काटने पर किस तरह के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। सांप के काटने के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि आपको किस प्रकार के सांप ने काटा है। सवाल- बारिश के मौसम में सांप घर में न आए, उसके लिए क्या उपाय कर सकते हैं? जवाब- सर्प विशेषज्ञ लखन लाल मालवीय बताते हैं कि बारिश के मौसम में सांप का बाहर आना आम बात है। लेकिन कुछ उपाय ऐसे हैं, जिन्हें अपनाने से घर में सांप घुसने की संभावना को कम किया जा सकता है। नीचे दिए ग्राफिक से इसे समझिए। सवाल- सांप के काटने पर फर्स्ट एड के तौर पर क्या करना चाहिए? जवाब- सांप के काटने पर फर्स्ट एड के तौर पर यह उपाय अपना सकते हैं। जैसेकि- सवाल- सर्पदंश का इलाज क्या है? जवाब- डॉ. त्रिशला सिंघवी बताती हैं कि सर्पदंश का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि पीड़ित को किस सांप ने काटा है। अगर सांप को किसी ने नहीं देखा है तो यह पता लगाना बहुत मुश्किल हो जाता है कि सांप किस प्रजाति का है। ऐसे में इलाज करना चुनौतीपूर्ण होता है। ऐसे अधिकांश मामलों में डॉक्टर्स सांप के काटने के निशान और पीड़ित के लक्षणों पर ध्यान देते हैं। न्यूरोटॉक्सिक जहर करैत जैसे सांप में मिलता है, जिसके काटने से शरीर में पैरालिसिस, लंग्स निपात (कोलैप्स), सांस फूलना, बेहोशी जैसी हालत होती है। ऐसे ज्यादातर मामलों में वेंटिलेटर और आर्टिफिशियल ऑक्सीजन की जरूरत होती है। गौरतलब है कि न्यूरोटॉक्सिक जहर तुरंत असर करता है। इसका इलाज जल्द-से-जल्द होना चाहिए। जबकि हीमोटॉक्सिक जहर में सूजन, शरीर के ऊपरी अंग में दर्द बढ़ना, ब्लड क्लॉटिंग और मांसपेशियों में जकड़न के साथ दर्द होता है। हीमोटॉक्सिक जहर धीरे-धीरे शरीर में फैलता है। सवाल- भारत के किन राज्यों में सबसे ज्यादा सर्पदंश के मामले आते हैं? जवाब- भारत में सर्पदंश के सबसे ज्यादा मामले बिहार, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश राजस्थान, गुजरात और तेलंगाना से आते हैं।
Source: Health

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