मां का फॉर्मूला:मदद मांगना बंद कर बच्चों को घरेलू काम दें, शॉपिंग लिस्ट बनाने में शामिल करें, वे जिम्मेदार बनेंगे
By : Devadmin -
‘कुछ दिन पहले बेडरूम की अलमारी खोली तो देखा पति के कपड़े जहां-तहां बिखरे थे। यही हाल बच्चों के रूम का था। हालांकि बीते 14 साल से मैं इन चीजों को व्यवस्थित करती आ रही थी, पर अब धैर्य जवाब दे गया…’ यह कहना है फैमिली थेरेपिस्ट सैम केली का। सैम कहती हैं दुनियाभर में यही माना जाता है कि घर संभालने की जिम्मेदारी महिलाओं की है। चाहे वो, कामकाजी महिला हो या होममेकर। पर मेरा मानना है कि घर के प्रबंधन का काम 100% टीमवर्क है।’ सैम ने इस चुनौती से निपटने के लिए तरीके तलाशे हैं। इसके बाद उन्हें घर के कामों के लिए किसी से कहना नहीं पड़ता। अपनी किताब ‘नोटिस एंड डू गाइड’ में उन्होंने ये फॉर्मूले साझा किए हैं, पढ़िए … बच्चे नोटिस करना सीखेंगे तो काम के लिए नहीं कहना पड़ेगा काम का सही बंटवारा: किराने की लिस्ट, यूटिलिटी बिल, डॉक्टर के अपॉइंटमेंट से बच्चों का स्कूल वर्क तक सारे काम मैंने खुद पर ले रखे थे। रोजाना मैं कई ‘अदृश्य’ काम भी कर रही थी। पर इनकी वैल्यू कोई नहीं समझता। मैंने पति चास के साथ चर्चा कर इन कामों का दोबारा बंटवारा किया। तनाव बहुत कम हो गया। जिम्मेदारी की शब्दावली बदलें: सैम कहती हैं, मैं घर की व्यवस्था से जुड़े काम का जिक्र करते समय कभी ‘मदद’ शब्द इस्तेमाल नहीं करती। क्योंकि हम मदद की बात करते हैं तो आशय यह होता है कि घर की पूरी जिम्मेदारी मां की है। बाकी सभी लोग बस मदद कर रहे हैं। मैंने ‘मदद’ शब्द को ‘काम’ से बदल दिया है। अब मैं बच्चों से पूछती हूं ‘क्या तुम मेरे साथ कपड़े-बरतन जमाने का काम कर सकते हो?’ बच्चों को एक काम करना जरूरी: मैं अपने तीनों बच्चों हीरो (11) गोल्डी (9)और शेपर्ड (6) से रोजाना एक काम करने के लिए कहती हूं। इसके लिए वे बिग थ्री फॉर्मूला पर काम करते हैं। इसमें बिस्तर साफ करना, कपड़े मशीन में डालना-सुखाना और डिशवॉशर लोड व अनलोड करने जैसे काम हैं। अलर्ट रहना सिखाएं: बच्चों को खास काम देने के बजाय उनसे किचन में एक चीज पर फोकस करने को कहें। ताकि वे खुद अनुभव करें कि कहां क्या कमी है। वे अलर्ट रहेंगे तो उन्हें काम के लिए कहने की जरूरत नहीं रहेगी। आपस में बातचीत जरूरी: घर के सदस्यों में आपसी संवाद महत्वपूर्ण है। चास और मैं कोई भी काम करते हैं तो बच्चों से भी बात करते हैं। जैसे किराना या शॉपिंग लिस्ट बनाते वक्त हम बच्चों के इनपुट भी लेते हैं। दिनभर में उन्होंने जो काम किया उस पर चर्चा करते हैं। हम तारीफ करने के बजाय यह कहते हैं कि उन्होंने नोटिस किया। यह कौशल उन्हें स्कूल, पारिवारिक जीवन और बिजनेस में मददगार रहेगा।
Source: Health