भूले-बिसरे दोस्तों से दोबारा जुड़ना फायदेमंद:वे अपेक्षा से ज्यादा मदद करते हैं, आपका जीवन समृद्ध बनाते हैं

अपने मोबाइल फोन की कॉन्टैक्ट लिस्ट देखिए, इसमें सैकड़ों नंबर होंगे। पर इनमें से कुछ ही हैं, जिनसे आप अक्सर बात करते हैं। कुछ से जरूरत पड़ने पर… जैसे मैकेनिक या इलेक्ट्रिशियन। कुछ नंबर उन पुराने दोस्तों के होंगे, जिनसे संपर्क नहीं है। कई स्टडीज बता चुकी हैं कि सामाजिक संबंध मानसिक व शारीरिक सेहत के लिए अहम हैं। हम इसके लिए कोशिशें भी करते हैं, फिर भी कुछ कमी रह जाती है। अच्छा रिश्ता कॉन्टैक्ट लिस्ट में सिमट जाता है। कम्युनिकेशन साइकोलॉजी जर्नल में प्रकाशित स्टडी में बताया गया है कि पुराने दोस्तों से दोबारा जुड़ते हैं तो दोनों पक्ष खुश और संतुष्ट होते हैं। आखिर हमें कौन सी चीज रोकती है और दोबारा गहराई से कैसे जुड़ें, जानिए… एक्सपर्ट बोले- प्रतिक्रिया की चिंता किए बिना मैसेज भेजें, पुरानी बात साझा करें हिचकिचाहट क्यों: स्टडी के दौरान कनाडाई यूनिवर्सिटी के छात्रों समेत 2400 प्रतिभागियों से उन दोस्तों के बारे में पूछा, जिनसे संपर्क टूट गया है तो 91% ने यह स्वीकार किया। हालांकि इनमें से ज्यादातर दोबारा जुड़ने के इच्छुक कम लगे। उनकी बड़ी चिंता यह थी कि पुराने दोस्त को बातों में दिलचस्पी न हो और काफी वक्त बाद बातें करना अजीब लगेगा। कुछ को चिंता रहती है कि दोस्त उन्हें जबर्दस्ती थोपा हुआ न समझें। दोस्त की प्रतिक्रिया को लेकर भी संशय रहता है। हालांकि स्टडी के मुताबिक यह चिंता निराधार है। वास्तविकता यह है कि पुराने दोस्त हमारी बातें सुनना पसंद करते हैं। अनिच्छा पर काबू : कनाडा की साइमन फ्रेजर यूनिवर्सिटी में मनोवैज्ञानिक लारा एक्निन कहती हैं,‘जिन लोगों ने अपनी अनिच्छा पर काबू पाया और पुराने दोस्तों से संपर्क किया, उन्हें ज्यादा खुशी और संतुष्टि का एहसास हुआ। इसका महत्व तभी समझ आएगा, जब हम पूरे मन से जुड़ने की कोशिश करेंगे।’ रीकनेक्ट करने की रणनीति: ससेक्स यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान की प्रोफेसर गिलियन सैंडस्ट्रॉम कहती हैं,‘शुरुआत उन दोस्तों को मैसेज भेजकर करें जिनसे कभी-कभार बातें करते हैं। इससे आत्मविश्वास बढ़ता है। यह एक तरह की वार्म-अप प्रैक्टिस है। बहुत ज्यादा न सोचकर सिर्फ ‘हाय’ मैसेज भेजना मददगार हो सकता है। सकारात्मक सोचें कि दोस्त आपसे बात करके खुश होगा। तुरंत प्रतिक्रिया की उम्मीद न रखें। संपर्क दोबारा शुरू करना ही अपने आप में बड़ी पहल है। मैसेज को ज्यादा करीबी रखने के लिए पुरानी बात या याद साझा कर सकते हैं।’ इतना मुश्किल भी नहीं: स्टडी के मुताबिक भूले-बिसरे दोस्तों से जुड़ना आपका सामाजिक दायरा मजबूत करता है। ये उतना मुश्किल भी नहीं है, जितना हम समझते हैं। पुराने दोस्तों के साथ रीकनेक्ट होने से नए रिश्ते बन सकते हैं, जो आपके और उनके जीवन को समृद्ध बनाते हैं। दोस्त हमारी अपेक्षा से कहीं ज्यादा मदद करते हैं। रिश्तों को जीवंत करते हैं, जिससे भावनात्मक समर्थन और साझा खुशी दोनों मिलती है।
Source: Health

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