सुनीता विलियम्स 12 दिन से स्पेस में फंसीं:13 जून को लौटना था; NASA ने स्पेसक्राफ्ट में खराबी बताकर चौथी बार वापसी टाली
By : Devadmin -
भारतीय मूल की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से पृथ्वी पर वापसी एक बार फिर टल गई है। दोनों अंतरिक्ष यात्री पिछले 12 दिन से स्पेस में फंसे हुए हैं। सुनीता और विल्मोर 6 जून को अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे थे। इन्हें 13 जून को वापस आना था। हालांकि, NASA की बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी के कारण लगातार चौथी बार इनकी वापसी टाली गई है। पहली घोषणा 9 जून को की गई थी, जिसमें बताया गया था कि लैंडिंग को 18 जून तक आगे बढ़ाया जा रहा है। इसके बाद वापसी को बढ़ाकर 22 जून किया गया। फिर, वापसी की तारीख 26 जून कर दी गई। अब NASA ने कहा है कि दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर लौटने में और समय लग सकता है। हालांकि, इनके वापस लौटने की कोई नई तारीख नहीं बताई गई है। NASA ने बताया है कि दोनों किसी खतरे में नहीं है। जिस स्पेसक्राफ्ट में उन्हें वापस आना था उसमें हीलियम लीकेज हो रहा है। खामी दूर करने के प्रयास चल रहे हैं। इस स्पेसक्राफ्ट की क्षमता 45 दिन की है, 18 दिन गुजर चुके हैं। लॉन्चिंग के बाद ही स्पेसक्राफ्ट में आ गई थी खराबी बोइंग का स्टारलाइनर मिशन बुधवार 5 जून को रात 8:22 बजे लॉन्च हुआ था। फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से ULA के एटलस V रॉकेट से लॉन्च किया गया था। स्पेसक्राफ्ट अगले दिन यानी, 6 जून को रात 11:03 बजे ISS पहुंचा था। इसे रात 9:45 बजे पहुंचना था, लेकिन रिएक्शन कंट्रोल थ्रस्टर में परेशानी आ गई थी। 28 में से 5 थ्रस्टर फेल हो गए थे
NASA के कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम के मैनेजर स्टीव स्टिच ने कहा कि स्टारलाइनर के 28 रिएक्शन कंट्रोल थ्रस्टर्स में से पांच 6 जून को ISS पहुंचने के फाइनल फेज में फेल हो गए थे। हालांकि उनमें से चार बाद में ऑनलाइन वापस आ गए। जो हुआ उसका मूल्यांकन जारी है। थ्रस्टर हॉट-फायर टेस्ट किया गया
बोइंग और NASA ग्राउंड टीम के मेंबर्स ने वीकेंड पर थ्रस्टर हॉट-फायर टेस्ट किया था। डॉकिंग के दौरान पहली बार देखे गए असामान्य रूप से कम दबाव के कारण टेस्ट के दौरान एक थ्रस्टर को फायर नहीं किया गया था, और यह पृथ्वी पर वापसी के दौरान ऑफलाइन रहेगा। 6 पॉइंट में लैंडिंग का पूरी प्रोसेस मिशन लॉन्च दो बार टला, तीसरी बार में सफलता मिली
मिशन को 7 मई को सुबह 8:04 बजे फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से लॉन्च किया जाना था। लेकिन टीम को ULA के एटलस V रॉकेट की सेकेंड स्टेज में ऑक्सीजन रिलीफ वॉल्व में समस्या मिली। ऐसे में टीम ने मिशन लॉन्च से 2 घंटे पहले टालने का फैसला लिया। दूसरी बार इसे 1 जून को लॉन्च करने की कोशिश की गई, लेकिन ग्राउंड लॉन्च सीक्वेंसर ने लिफ्टऑफ से 3 मिनट 50 सेकंड पहले काउंटडाउन क्लॉक को ऑटोमेटिक होल्ड कर दिया। ऐसे में मिशन को टालना पड़ा। अब तीसरी बार में मिशन लॉन्च करने में सफलता मिली है। मिशन सफल हुआ तो NASA के पास पहली बार 2 स्पेसक्राफ्ट होंगे
इस मिशन के सफल होने पर इतिहास में पहली बार अमेरिका के पास एस्ट्रोनॉट को स्पेस में भेजने के लिए 2 स्पेसक्राफ्ट हो जाएंगे। अभी अमेरिका के पास इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ही है। NASA ने साल 2014 में स्पेसएक्स और बोइंग को स्पेसक्राप्ट बनाने का कॉन्ट्रैक्ट दिया था। स्पेसएक्स 4 साल पहले ही इसे बना चुकी है।
Source: Health