बच्चों को भरपूर समय नहीं दे पा रहे 93% पिता:भास्कर सर्वे में 76% पिता बोले- हमें भावनात्मक सपोर्ट की जरूरत, लेकिन कह नहीं पाते

पिता की भावनाएं, परिश्रम, त्याग अक्सर अनकहा रह जाता है। उनकी क्या अपेक्षाएं हैं, उन्हें सबसे ज्यादा चिंता किस बात की है, क्या बच्चे उनकी अपेक्षाओं और इच्छाओं पर खरे उतर रहे हैं? ऐसे ही सवालों के जवाब जानने के लिए इस फादर्स-डे पर दैनिक भास्कर ने पहली बार पिता के मन की गहराई में छिपी बातें जानने के लिए खास सर्वे किया। सर्वे में 10339 पिता शामिल हुए और उन्होंने अपने दिल की वो बातें की, जो अब तक किसी से नहीं कही थीं। सर्वे में 93 फीसदी पिता बोले ​कि वे अपने बच्चों को भरपूर समय नहीं दे पा रहे हैं। एक सवाल के जवाब में 53 फीसदी पिता ने बताया कि वे बच्चों को रोज तीन घंटे या ज्यादा समय दे पाते हैं। यानी ऐसे पिता भी और अधिक समय देना चाहते हैं। 76 फीसदी पिता ने कहा कि उन्हें भावनात्मक सपोर्ट की जरूरत होती है, लेकिन वे कह नहीं पाते। सर्वे में शामिल 55 फीसदी पिता मानते हैं कि पिता बनने के बाद उनके जीवन में सबसे बड़ा बदलाव यह आया कि परिवार के प्रति कुछ नि:स्वार्थ करने का भाव बढ़ गया। जबकि 30 फीसदी ने कहा कि पिता बनने के बाद जीवन में पूर्णता का एहसास होने लगा। बच्चों की जरूरतें पहले पूरी करते है 97% पिता
सर्वे में चौंकाने वाला तथ्य यह भी​ निकलकर ​आया कि 13 फीसदी पिता अपनी चिंताओं के बारे में कभी किसी से बात नहीं करते। जबकि 17 फीसदी पिता अपनी पीड़ा अपने बच्चों को भी नहीं बता पाते। 97 फीसदी ने अपनी जरूरतों से पहले बच्चों की जरूरतें पूरी करते हैं। हालांकि, इन सबके बावजूद उन्हें अपने बच्चों से कोई शिकायत नहीं है। 98 फीसदी पिताओं ने कहा कि वे अपने बच्चों से खुश हैं और मानते हैं कि उनके बच्चों का उनके प्रति व्यवहार अच्छा है। सर्वे में अहम बात यह निकलकर आई कि पिता बनना सबसे बड़ी खुशी है। साथ ही पिता की अपेक्षा है कि उनके बच्चे हमेशा उनके साथ रहें। भास्कर के 7 सवाल, पिता ने मन से दिए जवाब… सवाल 1: पिता के रूप में आपकी बच्चों से सबसे बड़ी अपेक्षा क्या है? सवाल 2: पिता के रूप में आपकी सबसे बड़ी चिंता क्या है? सवाल 3: पिता होने के मायने आपके लिए क्या हैं? सवाल 4: पिता बनने के बाद आपके जीवन में क्या बदलाव आया? सवाल 5: परिवार के साथ रोज कितना समय गुजारते हैं? सवाल 6: परवरिश की चुनौती के बारे में आप किसी से बात करते हैं? सवाल 7: पिता होने के नाते आप अपने बच्चों से क्या नहीं कह पाते? ये खबर भी पढ़ें… पिता के अनंत और असाधारण प्रेम की 10 प्रेरक कहानियां: किसी के सुपरहीरो, किसी की प्रेरणा हैं पिता हर पिता असाधारण होता है, क्योंकि उनके संघर्ष, जिजीविषा और अनुभव के आगे हर चुनौती छोटी है। यह बात भास्कर के ‘पिता से कहिए दिल की बात कॉन्टेस्ट’ से निकलकर आई है। कॉन्टेस्ट में 8520 लोगों ने हिस्सा लिया। ​यहां श्रेष्ठ 10 कहानियां प्रकाशित की जा रही हैं। इन विजेताओं को पुरस्कार के रूप में सारेगामा कारवां भेजा जा रहा है। पूरी खबर पढ़ें…
Source: Health

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