चांद के अंधेरे हिस्से से निकाली 2KG मिट्टी:चीन का मून लैंडर धरती पर लौट रहा, कामयाब हुआ तो ऐसा करने वाला पहला देश होगा

चीन ने पिछले महीने 3 मई को चांग’ई-6 मून लैंडर लॉन्च किया था। अब इस मून लैंडर ने चांद के अंधेरे हिस्से से मिट्टी निकालने में कामयाबी हासिल कर ली है। ये जानकारी चीनी स्पेस मिशन ने दी है।
न्यूज वेबसाइट अलजजीरा के मुताबिक चीन ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से से मिट्टी का सैंपल लेने के लिए मून लैंडर में ड्रिल कर खोदने और फिर मलबे को उठाने की मैकेनिकल आर्म लगाई गई थी। चीन की अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने बताया कि इस सैंपल के विश्लेषण से अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को चंद्रमा, पृथ्वी और सौर मंडल के बनने और उनका विकास होने से जुड़े सुराग मिल पाएंगे। इस डेटा का इस्तेमाल चीन के आने वाले मून मिशन्स में भी होगा। पहली बार चांद के दक्षिणी हिस्से में फहराया चीनी झंडा
चांद से मिट्टी इकट्ठा करने के बाद चांग’ई-6 ने पहली बार चांद के दक्षिणी हिस्से में चीन का झंडा फहराया। चीनी स्टेट मीडिया के मुताबिक अब अपने मिशन को अंजाम देने के बाद मून लैंडर चांग’ई-6 वापस लौट रहा है। 25 जून को वापस लौटेगा चांग’ई-6
चीनी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने चीनी स्पेस एजेंसी का हवाला देते हुए बताया कि चांग’ई-6 ने मंगलवार सुबह 7ः38 बजे चांद से उड़ान भरी। चांग’ई-6 फिलहाल चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर चुका है। योजना के मुताबिक चांग’ई-6 चीन के इनर मंगोलिया इलाके के रेगिस्तान में करीब 25 जून के आसपास लैंड करेगा। इसे चीन का अब तक का सबसे मुश्किल मून मिशन बताया जा रहा है। अगर 25 जून को चीनी मून लैंडर वापस धरती पर सफलतापूर्वक उतरने में सफल होता है तो चीन के साथ-साथ ये पूरे मानवजाति के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। इससे पहले बीते रविवार की सुबह चांग’ई-6 ने चांद के अंधेरे वाले हिस्से ऐटकेन बेसिन पर सफल लैंडिंग की थी। चांद के सुदूर हिस्से तक पहुंचना क्यों मुश्किल?
चांद के इस हिस्से पर लैंडिंग दूसरे हिस्सों के मुकाबले ज्यादा मुश्किल है। इसकी वजह ये है कि चांद के इस हिस्से में अंधेरा होता है, ये उबड़-खाबड़ है। इसके चलते यहां संपर्क मुश्किल होता है और लैंडिंग में परेशानी आती हैं। क्यों सैंपल चाहता है चीन?
चीन को 2030 तक चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजना है। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चीन एक रिसर्च बेस बनाना चाहता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक चांग’ई-6 लैंडर जो सैंपल लेकर आएगा उनसे चंद्रमा, पृथ्वी और सौर मंडल के बनने और उनका विकास होने से जुड़े सुराग मिल पाएंगे। इस डेटा का इस्तेमाल चीन के आने वाले मून मिशन्स में होगा। 2020 में चीन का चांग’ई-5 भी चांद से 1.7 किलो सैंपल लेकर लौटा था। हालांकि, ये सैंपल चांद के पास के इलाके ओशिएनस प्रोसेलेरम से लिए गए थे। चीन 3 और मून मिशन्स की तैयारी में है। इनके जरिए चांद पर पानी की खोज होगी और परमानेंट बेस बनाया जाएगा। 2030 तक चीन अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर भेजने की प्लानिंग कर रहा है। इससे दुनिया में फिर स्पेस रेस शुरू हो चुकी है। अमेरिका भी नासा के आर्टेमिस-3 मिशन के तहत 2026 तक अंतरिक्ष यात्रियों को चांद तक पहुंचाने की कोशिशों में जुटा है।​​​​​​​ चीन के अब तक के मून मिशन्स पर एक नजर
Source: Health

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Follow by Email
Facebook
Twitter
Pinterest
Instagram