स्पेस स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस ने अपना पहला रॉकेट लॉन्च किया:रॉकेट देश के पहले सेमी-क्रायोजेनिक इंजन से पावर्ड, इसमें दुनिया का पहला 3D प्रिंटेड इंजन
By : Devadmin -
स्पेस स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस ने गुरुवार को अपने पहले सिंगल स्टेज रॉकेट का सफल टेस्ट किया। सुबह 7.15 बजे इसने श्रीहरिकोटा में धनुष लॉन्चपैड से उड़ान भरी। रॉकेट को 8 KM की ऊंचाई तक पहुंचने के लिए डिजाइन किया गया था, जिसके बाद समुद्र में गिराया गया। मिशन का नाम अग्निबाण SOrTeD (सब-ऑर्बिटल टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर) है। इससे पहले 4 बार मिशन टला था। कंपनी ने बताया कि इस कंट्रोल्ड फ्लाइट के सभी मिशन ऑब्जेक्टिव पूरे हुए। मिशन का मकसद इन-हाउस टेक्नोलॉजी के प्रदर्शन के साथ जरूरी डेटा कलेक्ट करना था। यह भारत में किसी प्राइवेट स्टार्टअप की ओर से किया गया दूसरा रॉकेट लॉन्च है। दो साल पहले 17 नवंबर 2022 को इंडियन स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस ने सिंगल स्टेज वाले विक्रम-S रॉकेट को श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से सक्सेसफुली लॉन्च किया था। इस मिशन ने तीन माइलस्टोन हासिल किए: आमतौर पर, इंजन के पार्ट अलग से मैन्युफैक्चर किए जाते हैं और बाद में असेंबल किए जाते हैं। 3डी-प्रिंटेड मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस का उपयोग करने से लॉन्च कॉस्ट कम होने और व्हीकल असेंबली टाइम के कम होने की संभावना है। कंपनी का लक्ष्य सस्ते दामों में सैटेलाइट लॉन्च सर्विसेस देना है। अगले साल मार्च तक पहले ऑर्बिटल लॉन्च की तैयारी
यह एक सबऑर्बिटल लॉन्च था। इस मिशन को 8 KM की ऊंचाई तक पहुंचने के लिए डिजाइन किया गया था, जिसके बाद इसे समुद्र में गिराया गया। कंपनी को उम्मीद है कि वो अगले साल मार्च तक अपना पहला ऑर्बिटल लॉन्च कर लेगी। सैटेलाइट को ऑर्बिट तक पहुंचाने में सक्षम होगी। इसरो ने कहा- सेमी-क्रायोजनिक की कंट्रोल्ड फ्लाइट बड़ा माइलस्टोन
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी, इसरो ने अग्निकुल कॉसमॉस के सक्सेसफुल लॉन्च पर बधाई दी। स्पेस एजेंसी ने कहा- अपने लॉन्च पैड से अग्निबाण SoRTed-01 मिशन के सफल प्रक्षेपण के लिए बधाई अग्निकुल कॉसमॉस। एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग के माध्यम से सेमी-क्रायोजनिक लिक्विड इंजन की पहली कंट्रोल्ड फ्लाइट एक बड़ा माइलस्टोन है।
Source: Health