मोबाइल कनेक्शन से जुड़ेंगी मशीनें:बिजली खपत में गड़बड़ी, CCTV से छेड़छाड़ और आपके कार से जुड़ी सभी अलर्ट अब आपके फोन पर
By : Devadmin -
कार का माइलेज बिगड़ गया है। कूलिंग सिस्टम काम नहीं कर रहा। टायर पुराने हो चुके हैं या फिर बिजली के मीटर से आपको मैसेज आए कि आज आपकी बिजली की खपत तीन गुना ज्यादा रही। इससे आपका बिल 5,000 रुपए से ज्यादा हो सकता है। कोई CCTV कैमरे से छेड़छाड़ करे तो आपके फोन में अलर्ट मैसेज आ जाए। ये सब बातें जल्द आपकी जिंदगी का हिस्सा बन सकती हैं। टेलीकॉम कंपनियां आपकी कार, बिजली के मीटर, फ्रिज, AC और गैस-पानी के मीटर को मोबाइल कनेक्शन देने की तैयारी कर रही हैं। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने पिछले दिनों मशीन टू मशीन (एम-टु-एम) कम्युनिकेशन के लिए 85 पेजों की गाइडलाइन जारी की है। इसमें विदेश में बनी कारें, कंज्यूमर गुड्स को देसी टेलीकॉम नेटवर्क से जोड़ने के नियम और शर्तें हैं। आइए, इस टेक्निकल डेवलपमेंट से जुड़ी सभी डिटेल्स IIT रुड़की से जुड़े भास्कर एक्सपर्ट प्रशांत मिश्रा से जानते हैं… ये मशीनें जुड़ सकेंगी… ई-सिम से जुड़ेंगी मशीनें , 13 अंको का होगा नंबर
टेलीकॉम कंपनियां मशीनों के लिए जो मोबाइल कनेक्शन देंगी, उनमें अलग से सिम नहीं होगी। लेकिन, एम्बेडेड सिम (ई-सिम) जरूर होगी, जो मशीन के भीतर पहले से लगी रहेगी। टेलीकॉम कंपनियां ई-सिम को अपने नेटवर्क पर रजिस्टर करेंगी। सिम का नंबर 13 अंकों का होगा। इसमें मशीन के 3, मशीन लाइसेंस के 4 तो बाकी 6 अंक मशीन के अपने नंबर होंगे। TRAI ने कंपनियों को विकल्प दिया है कि वे चाहें तो टेलीकॉम कंपनियों की जगह खुद ही मशीनों के कम्युनिकेशन को कंट्रोल करें। लेकिन, इसके लिए उन्हें TRAI द्वारा अधिकृत ‘मैनेजर सिक्योर रूटिंग’ से अनुमति लेनी होगी। इंपोर्टेड प्रोडक्ट्स की निर्माता कंपनियों के कम्युनिकेशन को कंट्रोल रखने वाले ‘मैनेजर सिक्योर रूटिंग’ विदेश में होंगे, तो वे इस कम्युनिकेशन को ना तो चला सकेंगे ना ही कंट्रोल कर सकेंगे। सर्किट कार्ड से सिम को कनेक्टिविटी
आप भी इन ई-सिम के जरिए मैसेज भेज सकेंगे। बाजार में ज्यादातर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) ई-सिम से लैस हैं। ये कार की हर गतिविधि की जानकारी फोन पर देती हैं। बैटरी खत्म होने या चार्जिंग पूरी होने का भी मैसेज मिलेगा। ई-सिम एक मैन्युफैक्चर्ड पार्ट है। यह एम्बेडेड यूनिवर्सल इंटीग्रेटेड सर्किट कार्ड सॉफ्टवेयर की मदद से टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर से जुड़ती हैं।
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