आने वाले दिनों में स्टारशिप की हाइट 500 फीट होगी:अभी इस व्हीकल की ऊंचाई 397 फीट, ये दुनिया का सबसे ताकतवर रॉकेट

एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का स्टारशिप दुनिया का सबसे बड़ा रॉकेट है। इसकी ऊंचाई 397 फीट है। मस्क का कहना है कि आने वाले दिनों में इसे और बड़ा बनाया जाएगा। इसकी हाइट 500 फीट होगी। वहीं रीयूजेबिलिटी में एडवांसमेंट के कारण हर एक लॉन्च की कॉस्ट कम होकर लगभग 3 मिलियन डॉलर होगी। यानी, 25 करोड़ रुपए के करीब होगी। 2004 में फॉल्कन-1 जैसे छोटे रॉकेट को लॉन्च करने की कॉस्ट से भी कम है। NBC के अनुसार दो दशक पहले यह आंकड़ा 5.9 मिलियन डॉलर (करीब 49.33 करोड़ रुपए) था। मस्क ने कहा ‘ये एक तरह से अकल्पनीय संख्याएं हैं, लेकिन हम इसे हासिल करने के लिए किसी भौतिकी को नहीं तोड़ रहे हैं। भौतिकी की सीमा के भीतर हम यह कर सकते हैं।’ स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट और सुपर हैवी रॉकेट को कलेक्टिवली ‘स्टारशिप’ कहा जाता है। इसके अभी तक तीन टेस्ट हो चुके हैं जो करीब-करीब सक्सेसफुल रहे हैं। चौथा टेस्ट मई में होने की उम्मीद
मस्क ने कहा कि स्टारशिप का चौथा टेस्ट, मई में होने की उम्मीद है। इस फ्लाइट में फर्स्ट स्टेज सुपर हेवी को गल्फ ऑफ मैक्सिको में वर्चुअल टावर पर लाने का प्रयास किया जाएगा। एक बार जब कंपनी इसे सुरक्षित रूप से पूरा लेगी, तो फ्लाइट 5 में भविष्य की लैंडिंग के लिए दक्षिण टेक्सास में स्टारबेस के लॉन्चिंग क्षेत्र का उपयोग करने पर विचार किया जाएगा। मस्क ने फ्लाइट 4 की सफलता की संभावना 80% या 90% आंकी है। मस्क स्टारशिप के अपर स्टेज के दो स्पलैशडाउन कंट्रोल्ड फैशन लगातार करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, हम मेक्सिको या अमेरिका पर मलबा नहीं बरसाना चाहते। मेरा अनुमान है कि शायद अगले साल हम स्टारशिप को रीयूज करने में सक्षम होंगे। तीसरा टेस्ट: रीएंट्री के बाद स्टारशिप से संपर्क टूटा
स्पेसएक्स ने कहा था कि स्टारशिप रीएंट्री के दौरान सर्वाइव नहीं कर पाई, लेकिन उसने उड़ान के दौरान कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं। वहीं एलन मस्क ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस साल आधा दर्जन स्टारशिप उड़ान भरेंगी। दूसरा टेस्ट: स्टेज सेपरेशन के बाद खराबी आ गई थी
स्टारशिप का दूसरा टेस्ट 18 नवंबर 2023 को शाम करीब 6:30 बजे किया गया था। लॉन्चिंग के करीब 2.4 मिनट बाद सुपर हैवी बूस्टर और स्टारशिप का सेपरेशन हुआ। बूस्टर को वापस पृथ्वी पर लैंड होना था, लेकिन 3.2 मिनट बाद 90 Km ऊपर यह फट गया। वहीं स्टारशिप तय प्लान के अनुसार आगे बढ़ गया। करीब 8 मिनट बाद पृथ्वी से 148 Km ऊपर स्टारशिप में भी खराबी आ गई, जिस कारण उसे नष्ट करना पड़ा। फ्लाइट टर्मिनेशन सिस्टम के जरिए इसे नष्ट किया गया था। दूसरे टेस्ट में रॉकेट और स्टारशिप को अलग करने के लिए पहली बार हॉट स्टैगिंग प्रोसेस का इस्तेमाल किया गया था, जो पूरी तरह सक्सेसफुल रही थी। सभी 33 रैप्टर इंजनों ने भी लॉन्च से सेपरेशन तक ठीक से फायर किया था। पहला टेस्ट: लॉन्चिंग के 4 मिनट बाद विस्फोट हो गया था
20 अप्रैल 2023 को स्टारशिप का पहला ऑर्बिटल टेस्ट किया गया था। इस टेस्ट में बूस्टर 7 और शिप 24 को लॉन्च किया गया था। उड़ान भरने के 4 मिनट बाद ही मेक्सिको की खाड़ी के पास 30 किलोमीटर ऊपर स्टारशिप में विस्फोट हो गया था। स्टारशिप के फेल होने के बाद भी एलन मस्क और एम्प्लॉइज खुशी मना रहे थे। ऐसा इसलिए क्योंकि रॉकेट का लॉन्च पैड से उड़ना ही बड़ी सफलता थी। मस्क ने लॉन्चिंग से दो दिन पहले कहा था- सफलता शायद मिले, लेकिन एक्साइटमेंट की गारंटी है। मंगल ग्रह पर सैकड़ों व्हीकल भेजे जाएंगे
स्टारशिप के फ्यूचर वर्जन (स्टारशिप 2) में 100 टन पेलोड को लो अर्थ ऑर्बिट में भेजा जा सकेगा। वहीं 200 या अधिक टन के लिए 500-फुट वाली स्टारशिप 3 होगी। मस्क ने कहा मंगल ग्रह पर सैकड़ों व्हीकल भेजने के लिए प्रतिदिन लगभग 10 लॉन्च करने होंगे।
Source: Health

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