8 अप्रैल का सूर्यग्रहण 57 देशों में दिखाई देगा:तीन देशों में पूर्ण सूर्यग्रहण; भारत में इसका असर नहीं, क्योंकि ग्रहण रात में होगा

पूर्ण सूर्यग्रहण 8 अप्रैल, 2024 को लगने जा रहा है। यह सूर्यग्रहण कनाडा, अमेरिका, मैक्सिको जैसे देशों में दिखेगा। भारत में यह दिखाई नहीं देगा, क्योंकि ग्रहण जब शुरू होगा यहां रात होगी। भारतीय समय के अनुसार ग्रहण रात करीब 9 बजे से रात 2 बजे तक रहेगा। इस बार सूर्यग्रहण से 1 दिन पहले एक और खगोलीय घटना होने जा रही है। इस दिन चंद्रमा पृथ्वी से अपने निकटतम पॉइंट, केवल 3,60,000 किलोमीटर दूर होगा। अपनी निकटता के कारण, चंद्रमा आकाश में सामान्य से कुछ बड़ा दिखाई देगा। 3 घंटे से ज्यादा समय तक रहेगा पूर्ण सूर्यग्रहण
पूर्ण सूर्यग्रहण भारतीय समय अनुसार रात 10:08 बजे से 1:25 बजे तक रहेगा। यानी, कुल 3 घंटे, 16 मिनट और 45 सेकंड। दुनिया में अलग-अलग जगहों पर यह अलग-अलग समय पर अलग-अलग ड्यूरेशन के लिए दिखेगा।
सूर्यग्रहण में पृथ्वी और सूर्य के बीच चांद आ जाता है
गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से पृथ्वी और सभी दूसरे ग्रह सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं। पृथ्वी सूर्य के चारों ओर 365 दिनों में एक चक्कर लगाती है। जबकि चंद्रमा एक उपग्रह है, जो पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है। पृथ्वी के चारों ओर एक चक्कर लगाने में चंद्रमा को 27 दिन लगते हैं। चंद्रमा के चक्कर लगाने के दौरान कई बार ऐसी स्थिति बनती है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, तो सूर्य की रोशनी धरती तक नहीं पहुंच पाती है। इसे सूर्यग्रहण कहते हैं। ज्यादातर सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन होते हैं, क्योंकि तब चंद्रमा पृथ्वी के करीब होता है। हर 18 महीने में दुनिया के किसी न किसी हिस्से में सूर्य ग्रहण जरूर लगता है। सूर्यग्रहण देखते हुए क्या-क्या सावधानियां रखना जरूरी है?
भारत में ये सूर्यग्रहण नहीं दिखेगा, लेकिन फिर भी कभी भी आप सूर्यग्रहण को देखें तो इन बातों का खास ख्याल रखें… सूर्यग्रहण भारत में दिखाई देता तो सूतक काल लगता
अगर भारत में ये सूर्यग्रहण दिखाई देता तो सूतक काल लगता, लेकिन ये ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा इसलिए न तो यहां सूतक काल मान्य होगा और नहीं धार्मिक आयोजनों में किसी तरह की रुकावट आएगी। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले से सूतक काल की गणना की जाती है। इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता। इस दौरान खाना बनाना और खाना भी अच्छा नहीं माना जाता। यहां तक कि सूतक काल के दौरान मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं।
Source: Health

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