अधिक ऊंचाई पर रहने वालों में मोटापा कम होने के पीछे ये तीन धारणाएं

अधिक ऊंचाई पर रहने वालों में मोटापा कम होने के पीछे ये तीन धारणाएं

मोटापे से जुड़े सीधे तौर पर कई कारण हैं जैसे जेनेटिक, पर्यावरणीय, डाइट, कुछ बीमारियां, नशे की आदत व व्यायाम न करना आदि। लेकिन कुछ कारण ऐसे भी जो सीधे तौर पर नहीं, पर मोटापे को बढ़ाते हैं। इनमें अधिक तापमान, अधिक ह्यूमिडिटी या कम ऊंचाई पर रहना आदि हैं।

 

हाल ही एक रिसर्च अमरीका के न्यूयॉर्क में हुआ है जिसमें कहा गया है कि सामान्य सतह पर रहने वालों तुलना में अधिक ऊंचाई पर रहने वालों में मोटापा कम है। यह अध्ययन 500, 1000, 1500 और 2000-2500 मीटर ऊंचाई के आधार पर किया गया था। जैसे-जैसे ऊंचाई बढ़ती गई, इसी अनुपात में मोटापा भी कम होता गया। एक अन्य अध्ययन में स्पेन व तिब्बत को उदाहरण के रूप में बताया गया है कि वहां मोटापा कम है।

 

एक धारणा यह है कि जैसे-जैसे ऊपर जाते हैं तो वायु दाब कम होने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। इसे हाइपोक्सिया कहते हैं। इससे शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं। जैसे लैक्टिन नामक हार्मोन ज्यादा बनने लगता है। यह फैट सेल्स में बनता है, जो ब्लड में मिलकर दिमाग तक पहुंचता और भूख की क्षमता में कमी लाता है।

 

दूसरी धारणा में कहा गया है कि हाइपोक्सिया से शरीर में नॉरएडर-लिन हार्मोन का स्त्राव बढ़ जाता है। यह एड्रिनल ग्रंथि से निकलता है। इसकी मात्रा बढऩे से मेटाबॉलिक दर काफी बढ़ जाती है और शरीर में ऊर्जा का संचय होता है। इससे भी मोटापा नहीं होता है।

 

एक अन्य अध्ययन में पाया गया है कि अधिक ऊंचाई पर रहने वाले लोग स्मोकिंग कम करते हैं। यह मोटापे को सीधे ही प्रभावित करता है। इससे भी मोटापा कम होता है।

Source: Weight Loss

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