हेल्थ डेस्क. हृदय रोग के कई लक्षण ऐसे होते हैं जो ऊपर से अन्य बीमारियों के प्रतीत होते हैं। इस वजह से दिल की बीमारी का सही समय पर इलाज शुरू नहीं हो पाता है। एमडी मेडिसिन एंड हेल्थ राइटर डॉ. एस.एस. सिबिया से जानिए दिल की बीमारी से जुड़े ऐसे ही 8 लक्षणों के बारे में…
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समझ लेते हैं : किडनी की बीमारी
सच यह है : किडनी का सीधा संबंध दिल से होता है। इसलिए यूरिन में झाग बनने का इशारा कई बार हृदय से संबंधित बीमारी की ओर भी होता है। ये झाग यूरिन में प्रोटीन की ज्यादा मात्रा होने के कारण बनते हैं। यूरिन में प्रोटीन ज्यादा होने के कारण अटैक के चांस भी ज्यादा होते हैं। -
समझ लेते हैं : सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस
सच यह है : गर्दन या पीठ में अगर लगातार दर्द बना हुआ है तो कई बार यह भी दिल की बीमारी का संकेत होता है। इस तरह के दर्द को ‘रेडीएटिंग’ कहा जाता है। लगातार बना रहने वाला यह दर्द अचानक उठता है। इसके लिए किसी चोट या व्यायाम का जिम्मेदार होना जरूरी नहीं है। -
समझ लेते हैं : किडनी में परेशानी
सच यह है : अगर आपका दिल ठीक तरह से काम नहीं कर रहा है तो भी इस तरह के लक्षण देखने को मिल सकते हैं। ऐसा होने पर अक्सर व्यक्ति को भूख नहीं लगती और बिना खाना खाए भी पेट बेहद भारी लगता है। हालांकि कई लोग इसे शरीर में फैट जमा होने के चलते होने वाली सूजन मानने की भूल कर बैठते हैं। -
समझ लेते हैं : अस्थमा
सच यह है : दिल की बीमारी से ग्रस्त कई लोगों को सीने में दबाव और दर्द की शिकायत होने के बजाय सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। एक्सरसाइज करने या थोड़ा-सा तेज चलने के दौरान भी सांस जल्दी फूलने लगती है। यह अस्थमा के अलावा दिल से जुड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है। -
समझ लेते हैं : ओरल इन्फेक्शन
सच यह है : ओरल इन्फेक्शन यानी मुंह में संक्रमण के बैक्टीरिया हृदय रोगों का कारण भी बन सकते हैं। जब दांत खराब होते हैं या मसूड़ों में सूजन होती है, तो ये बैक्टीरियां रक्त धमनियों में प्लाक बना देते हैं। इससे धमनियां सिकुड़ने लगती हैं, जो बाद में हार्ट अटैक की वजह बन सकते हैं। -
समझ लेते हैं : कमजोरी या डिहाइड्रेशन
सच यह है : अगर बगैर किसी मेहनत के भी शरीर में लगातार थकान बनी रहती है तो इसे केवल कमजोरी न मानें। इस तरह के लक्षण कई बार हार्ट अटैक के भी हो सकते हैं। खासतौर से महिलाओं में दिल संबंधी समस्या होने पर थकान, कमजोरी या डिहाइड्रेशन की समस्या ज्यादा होती है। -
समझ लेते हैं : साइनस की समस्या
सच यह है : इसे मेडिकल साइंस की भाषा में ‘स्लीप एप्निया’ कहा जाता है। ऐसे वक्त में खर्राटों की आवाज सामान्य से अलग आने लगती है। ऐसा होने पर दिल पर दबाव ज्यादा पड़ता है और उसके कमजोर होने की आशंका बढ़ती जाती है। अगर यह स्थिति लगातार बनी हुई है तो डॉक्टर से कंसल्ट करें। -
समझ लेते हैं : हाइपरहाइड्रोसिस
सच यह है : बहुत ज्यादा पसीना आने की वजह स्वैट ग्लैंड में गड़बड़ी, स्ट्रेस, हॉर्मोनल बदलाव, मसालेदार खाना, अधिक दवाएं, मौसम या मोटापे को मान लिया जाता है। लेकिन ठंडे वातावरण में भी पसीना आना इस बात का संकेत है कि हो सकता है आपका दिल स्वस्थ न हो।
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Source: Health