शुगर की अत्यधिक मात्रा वाले ड्रिंक्स के विज्ञापनों पर बैन लगाने वाला पहला देश बनेगा सिंगापुर
By : Devadmin -
हेल्थ डेस्क. चीनी की अधिक मात्रा वाले पेय पदार्थों के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने वाला सिंगापुर दुनिया का पहला देश बनेगा। सिंगापुर सरकार मीठे पेय पदार्थ पर टैक्स और कुछ पेय पदार्थों को पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है। इसकी घोषणा स्वास्थ्य मंत्री एडविन टॉन्ग ने गुरुवार को कॉन्फ्रेंस में की। यह फैसला डायबिटीज के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए लिया गया है। पेय पदार्थ बनाने वाली कंपनियों को उत्पादों के लेबल पर स्वास्थ्य सम्बंधी चेतावनी देनी होगी।
-
सिंगापुर एशिया का बड़ा देश है जहां के प्रत्येक नागरिक में शुगर की खपत जरूरत से ज्यादा हो रही है। इसलिए सरकार ऐेसे पदार्थों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर बीमारियों को कम कम करने की कोशिश कर रही है। स्वास्थ्य मंत्री एडविन टॉन्ग के मुताबिक, देश में बढ़ती बीमारियों के कारण जनसंख्या के बूढ़ी होने की दर तेजी बढ़ी है। सिंगापुर में अगले 10 साल में 65 वर्ष या इससे अधिक उम्र वालों की संख्या दोगुनी हो जाएगी।
-
साउथ-ईस्टर्न एशियाई देशों में सिंगापुर और मलेशिया शुगर के सबसे बड़े उपभोक्ता हैं। दोनों ही देशों में मोटापा, डायबिटीज और दूसरे रोगों के बढ़ने की बड़ी वजह चीनी है। नया नियम कब से लागू होगा इसकी जानकारी अगले साल दी जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री एडविन टॉन्ग ने इसे ‘डायबिटीज से युद्ध’ नाम दिया है।
-
एडविन टॉन्ग के मुताबिक, सरकार ने शुगर उत्पाद बनाने वाली कंपनियों पर टैक्स और एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के लिए लोगों से फीडबैक मांगा है। उनका मानना है ऐसे नियमों से भी अधिक शुगर वाले उत्पादों के इस्तेमाल को कम किया जा सकता है।
-
2017 में सिंगापुर सरकार ने सॉफ्टड्रिंक कंपनियों से पेय पदार्थों में शुगर की मात्रा कम करने को कहा था। कंपनियां ने इसे नियम के तौर पर लागू भी किया था। शुगर के अलावा सरकार स्मोकिंग को पूरी तरह से प्रतिबंध करने की तैयारी भी कर रही है। हालांकि 1970 में कुछ क्षेत्रों में स्मोकिंग पर प्रतिबंध लगाया था लेकिन इसके मामले समय के साथ बढ़े हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Source: Health