त्योहारों और शादियों के सीजन में स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं, लेकिन इन पकवानों को ज्यादा खाने से सेहत पर भी असर पड़ता है। वजन बढऩे का भी डर रहता है। ऐसे में अगर हम कुछ बातों का ध्यान रखें तो पकवान खाने के बावजूद वजन नहीं बढ़ेगा और आप फिट रह सकेंगे। आइए जानते हैं कैसे त्योहारों पर भी रहें सेहतमंद।
गुनगुना पानी पीएं
न्यूट्रिशनिस्ट, प्रियंका अग्रवाल के अनुसार सुबह उठकर हल्का गर्म पानी पीने की आदत डालें। इससे न सिर्फ पाचन सही होगा, बल्कि ये आपके शरीर में फैट बर्न करने का भी काम करेगा। आप चाहें तो इसमें जीरा/ अजवायन/ सौंफ/ मेथीदाना डालकर भी ले सकते हैं। इससे आपकी बॉडी डिटॉक्स होकर टॉक्सिन बाहर निकालती है। साथ ही शरीर में पानी की कमी न होने दें। 8-10 गिलास सादा पानी जरूर पीएं, ताकि आपका शरीर हाइड्रेट रहे।
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हल्का-फुल्का व्यायाम
सुबह की सैर करें या बाजार जाना हो तो पैदल या साइकिल से जाएं। महिलाओं को यदि समय मिले तो रस्सी कूदें या योगा करें। इससे आपकी कैलोरी बर्न होगी।
खाएं लेकिन कम
हममें से ज्यादातर लोग पेट भरने तक नहीं, बल्कि मन भरने तक खाते हैं। त्योहारों में यह ओवरईटिंग की वजह बनता है। अपनी प्लेट में उतना ही लें, जिससे आपका पेट भर जाए।
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फाइबर ज्यादा खाएं
डाइट में मौसमी सब्जियां-फल व फाइबर वाले भोजन (साबुत अनाज, दालें) की मात्रा बढ़ाएं। इनसे आपका पेट लंबे समय तक भरा रहता और बिना वजह कुछ नहीं खाते हैं।
घर का मीठा खाएं
बाजार में मिलने वाली कृत्रिम स्वीटनर या मीठे से बनने वाले खाद्य पदार्थ, कम कैलोरी वाली मिठाइयां खाने के बजाय घर पर बनी मिठाई खाना बेहतर है।
न दोहराने का नियम
कोई भी पकवान या व्यंजन दोहराना नहीं है। जैसे दिन में आपने गरिष्ठ भोजन खाया है तो रात में हल्का खाना जैसे सूप, खिचड़ी या दलिया खाएं।
तरल कैलोरी से बचें
चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक्स, मॉकटेल से आपके शरीर में ज्यादा कैलोरी पहुंच जाती है। आप नारियल पानी, नींबू पानी, छाछ ,ग्रीन टी, हर्बल चाय लें।
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कोई भी एक चीज छोड़ें
ऐसा नियम बनाएं कि सप्ताह में एक दिन जैसे कि आज मैं तला हुआ खाना या फिर मीठा नहीं खाऊंगा।
पहले इन सभी चीजों की जरूरत नहीं पड़ती थी, क्योंकि लोग पहले बिना चप्पल-जूते के काफी समय तक रहते थे, जमीन पर बैठकर खाते थे, बिना चप्पल-जूते के रसोईघर में जाते थे।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Source: Weight Loss