हेल्थ डेस्क. आमतौर पर यह माना जाता है कि ब्रेस्ट कैंसर पचास साल की उम्र के बाद होता है। लेकिन खराब लाइफस्टाइल और बदलती जीवन शैली की वजह से आजकल तीस की उम्र में भी ब्रेस्ट कैंसर होने लगा है। इस गंभीर बीमारी से बचाव के लिए इन सात गलतियों से हर हाल में बचें। अक्टूबर कोब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ के रूप में मनाया जाता है। इस मौके परस्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. गीतिका दरबारी बता रही हैं ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी कुछ खास जानकारियां…
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महिलाओं का बढ़ता मोटापा ब्रेस्ट कैंसर का कारण बनता है। खासतौर पर मेनोपॉज के बाद महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ने लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बॉडी में ज्यादा हार्मोन्स फैट टिशु से निकलते हैं। बहुत अधिक फैट जब बॉडी पर जमा होने लगता है तो एस्ट्रोजेन का लेवल कम होता है और कैंसर का खतरा बढ़ता है।
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अधिकांश महिलाओं का मानना है कि ब्रेस्टफीडिंग कराने से उनका फिगर खराब हो जाता है। इसलिए वे इसे अवॉयड करती हैं। ऐसी महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अधिक रहता है। दरअसल ब्रेस्टफीडिंग कराने सेहार्मोंस बैलेंस में रहतेहैं, जबकि जो महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग नहीं कराती उनमें हार्मोंस का संतुलन बिगड़ता है और ब्रेस्ट कैंसर की आशंका बढ़ती है।
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जो महिलाएं अपने खानपान का ध्यान नहीं रखती हैं, उनमें ब्रेस्ट ट्यूमर का खतरा अधिक होता है। ज्यादा मीठा, केचअप, स्पोर्टस ड्रिंक, चॉकलेट मिल्क सहित शुगर युक्त फूड ब्रेस्ट कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद करतेहैं। इसी तरह प्रोसेस्ड फूड में मिलने वाला फैट ब्रेस्ट कैंसर की वजह बन सकता है। इसलिए इस तरह की डाइट अवॉयड करें। फास्ट फूड जैसे बर्गर, फ्रेंच फ्राइज, चाट, रेड मीट ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं।
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अगर आप लंबे समय तक गर्भनिरोधक दवाएं खाती हैं तो इससे भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा 50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। इन दवाओं में एस्ट्रोजन की मात्रा अधिक होती है जो शरीर में जरूरत से ज्यादा हो जाए तो ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है। इतना ही नहीं बल्कि बर्थ कंट्रोल इंजेक्शन व अन्य तरीके भी ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ातेहैं। इसलिए इनके लंबे समय तक उपयोग से बचें।
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घर में, सफर के दौरान या मीटिंग में प्लास्टिक की बोतल में पानी पीना या इससे बने बर्तनों में खाना खाने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है। दरअसल प्लास्टिक कंटेनर्स में इंडोक्राइन डिसरप्टिंग कैमिकल जैसा रसायन होता है जो शरीर के हार्मोनल सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है।
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जो महिलाएं एक्सरसाइज करने से बचती हैं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। मेनोपॉज के बाद तो महिलाओं के लिए एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी होता है। अगर आपको हेवी एक्सरसाइज पसंद न हो तो रोज आधे घंटे की सैर कर सकती हैं। आप चाहें तो बागवानी या तैराकी जैसेविकल्प चुनकर भी अपनी फिटनेस को मेंटेन कर सकती हैं। इससे पेट और कमर की चर्बी कम करने में भी मदद मिलती है।
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विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार शराब पीने, स्मोकिंग से स्तन के कैंसर का खतरा 8% तक बढ़ता है। शराब महिलाओं के सेक्स हार्मोन का स्तर बढ़ाती है। जर्नल ऑफ दी अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन की रिपोर्ट के मुताबिक शराब से ब्रेस्ट ट्यूमर की ग्रोथ बढ़ती है।
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Source: Health