आयुर्वेदिक काढ़ा वायरल फीवर में शरीर के बढ़ते तापमान को कम करने के साथ इम्युनिटी बढ़ाता है
By : Devadmin -
हेल्थ डेस्क. इन दिनों वायरल फीवर के मामले बढ़ रहे हैं। शरीर में दर्द, तेज बुखार, खांसी-जुकाम के लक्षण आमतौर पर देखने को मिल रहे हैं। इसके दो बड़े कारण हैं। पहला मौसम में बदलाव यानी तापमान का घटना। यह मौसम मच्छरों, बैक्टीरिया और वायरस के बढ़ने और फैलने के लिए मुफीद माना जाता है। दूसरा, बारिश में कुदरती तौर पर शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता यानी इम्युनिटी कम हो जाना। इम्युनिटी का स्तर कम होने के कारण ये आसानी से शरीर को संक्रमित करते हैं। नतीजा तेज बुखार के रूप में सामने आता है। इसके इलाज के तौर पर आयुर्वेदिक काढ़ा लेने की सलाह दी जाती है। जिसे घर पर आसानी से तैयार किया जा सकता है। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर के आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. हरीश भाकुनी से जानते हैं वायरल फीवर से कैसे निपटें….
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- सर्दी-खांसी जुकाम को इस मौसम में खासतौर पर नजरअंदाज न करें। ये संक्रमण के शुरुआती लक्षण होते हैं।
- थकान, मांसपेशियों में दर्द, तेज बुखार, खांसी, जोड़ों में दर्द, गले में दर्द, सिरदर्द, आंखों का लाल होना और माथा पर तेज गर्म होने पर तुरंत डॉक्टरी सलाह लें।
- आमतौर वायरल बुखार ठीक होने पर 5-6 दिन लग जाते हैं। तापमान जितना ज्यादा बढ़ता है बुखार उतना ही बेकाबू होता है। इसलिए जल्द इलाज ही बेहतर विकल्प है।
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आयुर्वेद में इलाज के तौर पर सबसे पहले शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाया जाता है। इसके लिए कुछ घरेलू उपाय भी किए जा सकते हैं, जैसे-
- इम्युनिटी बढ़ाने के लिए घर पर आयुर्वेदिक काढ़ा बना सकते हैं। इसके लिए एक लीटर पानी में कुटी हुई सौंठ, तुलसी की पत्तियां, गिलोय का गूदा, चिरायता, नीम और पपीते के पत्तों को डालकर उबालें। एक चौथाई रह जाने पर हटा लें। इसे हल्का गुनगुना करके पीएं। इससे शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। इसे दिन में 3-4 बार जरूर लें।
- एक मुट्ठी तुलसी के पत्तों और एक चम्मच लौंग पाउडर को एक लीटर पानी में उबाल कर रख लें। इस पानी को हर 2 घंटे के अंतराल पर लें।
- अदरक, लौंग और तुलसी की चाय को इस मौसम में नियमित तौर पर पीएं।
- खांसी अधिक आने पर कालीमिर्च पाउडर, सेंधा नमक और शहद को मिलाकर ले सकते हैं। या छोटी पिप्पली पाउडर को शहद के साथ खाना भी बेहतर विकल्प है।
- जुकाम होने पर तुलसी की पत्तियां और अदरक का काढ़ा लें।
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- सबसे ज्यादा संक्रमण के मामले दूषित पानी और खानपान के कारण होते हैं। इसलिए भोजन ताजा और गर्म खाएं।
- पानी को उबालकर ठंडा करें फिर पीएं। बारिश के बाद डेंगू फैलने की आशंका भी रहती है, जिसके लक्षण बुखार के रूप में दिखते हैं इसलिए गंदे पानी से दूर रहें।
- घर या आसपास ठहरा हुआ पानी है तो हटाएं या उसमें केरोसिन की कुछ बूंदें डालें इससे मच्छरों की बढ़ोतरी पर रोक लगेगी।
- सोते समय मॉसक्यूटो रिपेलेंट्स या मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
- आसपास सफाई रखें और खुली जगह में न लेटें जहां मच्छर हों।
- मच्छरों से बचने के लिए रिपेलेंट्स के तौर पर नीम, नीलगिरी या तारपीन के तेल का छिड़काव करें, मच्छरों को दूर करते हैं और शरीर को नुकसान से बचाते हैं।
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Source: Health