द प्रोजेरिया रिसर्च फाउंडेशन ने शुरू किया 'फाइंड द चिल्ड्रेन -60 इन इंडिया विद प्रोजेरिया' अभियान

द प्रोजेरिया रिसर्च फाउंडेशन ने शुरू किया 'फाइंड द चिल्ड्रेन -60 इन इंडिया विद प्रोजेरिया' अभियान



हेल्थ डेस्क. प्रोजेरिया से पीड़ित बच्चों के लिए काम करने वाली संस्थान द प्रोजेरिया रिसर्च फाउंडेशन ने ‘फाइंड द चिल्ड्रेन -60 इन इंडिया विद प्रोजेरिया’ अभियान की शुरुआत की। अभियान का लक्ष्य ऐसे बच्चों को ढूंढ कर मदद करना है जो प्रोजेरिया से जूझ रहे हैं। इस अभियान से लोगों को जोड़ा जाएगा और प्रोजेरिया से ग्रस्त बच्चों की मदद की जाएगी जिनका निदान नहीं हुआ है। अभियान के तहत उन्हें इलाज और स्वास्थ्य सेवाएं दी जाएंगी ताकि वे लंबा और सक्रिय जीवन जी सकें।

  1. प्रोजेरिया को हचिन्सन-गिलफोर्ड प्रोजेरिया सिन्ड्रोम भी कहा जाता है। यह एक दुर्लभ, प्राणघातक आनुवांशिक स्थिति है। इससे पीड़ित होने पर बच्चों की आयु तेज़ी से बढ़ने लगती है। प्रोजेरिया के साथ जीने वाले बच्चों की मृत्यु औसतन 14 वर्ष की आयु में हो जाती है। प्रोजेरिया को कई लक्षणों से समझा जा सकता है। जैसे जोड़ों में कड़ापन आना और कूल्हे का अपनी जगह से सरकना, शरीर की वृद्धि रुक जाना, शरीर में वसा और बालों की कमी होने लगना और वृद्धावस्था के समान त्वचा दिखना।

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      Progeria research foundation launches find a children 60 in india with Progeria

      Source: Health

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