घर का बगीचा भी दूर करता है सिरदर्द, डायबिटीज और सर्दी-जुकाम, गार्डेन में लगाएं राम तुलसी-गुड़मार
By : Devadmin -
हेल्थ डेस्क. प्रकृति में औषधीय पौधों के रूप में सेहत का खज़ाना मौजूद है जिनकी पत्तियों, जड़, फूल और छाल में अलग-अलग औषधि के गुण समाए हुए हैं। सिर दर्द, पेट दर्द, बुखार, सर्दी-ज़ुकाम जैसी समस्याओं के लिए ये रामबाण हैं। किसी आयुर्वेद के जानकार से इन पौधों को नियमित रूप से कैसे सेवन में इस्तेमाल करें, यह बाकायदा सीख लें, तो और बेहतर होगा। हैदराबादएसआईआर केवैज्ञानिकआशीष कुमार बता रहे हैं बागबानी के जरिए सेहत बनाने के उपाय
-
इसे कई शाब्दिक नामों से जाना जाता है जैसे राम तुलसी, वृधुतुलसी और बनतुलसी आदि। बनतुलसी का उपयोग घर के किचन में एक मसाले के तौर के रुप कर सकते हैं। इसमें थाइमोल औरयूजेनॉल नाम का मुख्य रासायनिक यौगिक पाया जाता है। इसकी पत्तियों का उपयोग सिरदर्द, सूर्यास्त, इंफ्लुएंजा का उपचार और बुखार में किया जाता है। इसकी पत्तियां रोगाणुरोधी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीफंगल और एंटीपायरेटिक होती है।
-
यह बहुवर्षीय लता है (कई सालों तक चलने वाले), जिसे घर में बाउंड्री वॉल के सहारे आसानी से चढ़ा सकते हैं। इसके पौधे को वानस्पतिक भाषा में ‘जिमनेमा सिल्वेस्ट्रे’ कहा जाता है। गुड़मार की पत्तियों का उपयोग मुख्य रूप से मधुमेह-नियंत्रण औषधियां बनाने में किया जाता है। इसे मधुमेह का दुश्मन और लिवर का टॉनिक भी कहते हैं। इसके सेवन से रक्त में शर्करा की मात्रा कम हो जाती है। इसकी 1-2 पत्तियों को सुबह खाया जा सकता है।
-
यह भी सदाबहार औषधि लता होती है, जिसको वानस्पतिक भाषा में ‘टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया’ कहते हैं। गुडुची का तना सामान्य दुर्बलता, अपच और मूत्राशय संबंधी आयुर्वेदिक घटक के रूप में प्रयोग किया जाता है। गुडुची मधुमेह दूर रखने में लाभकारी औषधि पौधा माना जाता है। गिलोय में गिलोइन नामक ग्लूकोसाइड और टीनोस्पोरिन, पामेरिन एवं टीनोस्पोरिक एसिड पाया जाता है। गिलोय के तने का जूस बनाकर उपयोग कर सकते हैं।
-
इसे वानस्पतिक भाषा में ‘सेंटेला असिएटिका’ कहा जाता है। इस पौधे को ‘फूड फॉर ब्रेन’ औषधि के नाम से भी जाना जाता है। यह स्मृति और स्पष्टता को बढ़ाने में मदद करता है। इसके उपयोग से सफेद रक्त कोशिकाओं में वृद्धि होती है और रक्त शुद्ध करने में सहायक होता है। यह बुद्धि को बेहतर बनाने के लिए बहुत उपयोगी है।
-
अश्वगंधा, शतावरी, पीपली, ब्राह्मी, कालमेघ, मकोय, पत्थरचूर, मुलेठी, घृतकुमारी, लहसुन, अदरक, पुदीना, करेला, अजवाइन का पौधा और लेमनग्रास आदि औषधीय पौधों को घर के बाग़ीचे में उगा सकते हैं। इन पौधों को लगाना बहुत ही आसान है। मिट्टी के गमलों, छत के ऊपर खाली जगह या बाउंड्री वॉल के आस-पास इन्हें लगा सकते हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Source: Health