चावल की जगह क्विनोआ खाएं, डायबिटीज के मरीजों और वेटलॉस के लिए है फायदेमंद

चावल की जगह क्विनोआ खाएं, डायबिटीज के मरीजों और वेटलॉस के लिए है फायदेमंद



हेल्थ डेस्क. इन दिनों ट्रेंड में आया नवीनतम हेल्दी फूड है क्विनोआ। यह ट्रेंड में भले ही अभी आया हो, लेकिन हजारों सालों से पेरू और बोलिविया जैसे दक्षिण अमेरिकी देशों में खाया जाता रहा है। गेहूं, चावल, ज्वार, मक्का, रागी की तरह यह भी एक तरह से अनाज ही है। कई पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण इसे अब सुपरफूड कहा जाने लगा है। भारत में फिलहाल बड़े शहरों में यह आसानी से उपलब्ध है। इसे ऑनलाइन भी बुलवाया जा सकता है।

  1. क्योंकि यह फाइबर से भरपूर होता है : इसमें फाइबर्स की मात्रा अन्य अनाज की तुलना में दोगुनी से भी ज्यादा होती है। ज्यादा फाइबर्स डाइजेशन की प्रोसेस में मददगार होते हैं। इसका नियमित सेवन करने से न केवल कब्ज की समस्या से परेशान लोगों की दिक्कतें कम होती हैं, बल्कि वजन कम करने में भी सहायता मिलती है।

    क्योंकि प्लांट प्रोटीन का बड़ा सोर्स है : इसकी प्रति 100 ग्राम मात्रा में 4.4 ग्राम प्रोटीन होता है। आमतौर पर प्लांट प्रोटीन में शरीर के लिए हर तरह से जरूरी अमिनो एसिड बहुत कम मात्रा में होते हैं, लेकिन क्विनोआ इसका अपवाद है। प्लांट प्रोटीन होने के बावजूद इसमें नौ तरह के अमिनो एसिड पर्याप्त मात्रा में होते हैं।

    क्योंकि इसमें चारों प्रमुख मिनरल्स होते हैं : क्विनोआ में वे चारों प्रमुख मिनरल्स (मैग्नीशियम, पौटेशियम, जिंक और आयरन) होते हैं जो सेहत के लिए बेहद जरूरी होते हैं। हालांकि इसमें फाइटिक एसिड भी होता है जो इन मिनरल्स के एब्जॉर्ब होने में बाधा उत्पन्न करता है। लेकिन कुकिंग से पहले इसे कुछ देर तक भिगोकर रखने से फाइटिक एसिड का असर कम हो जाता है।

    क्योंकि इसमें फायटोकेमिल्स भरपूर मात्रा में होते हैं : क्विनोआ में न केवल माइक्रोन्यूट्रीएंट्स, बल्कि एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइटोकेमिल्स भी खूब होते हैं। फाइटोकेमिल्स के रूप में इसमें फ्लेवोनॉइड्स होते हैं। फ्लेवोनॉइड्स में एंटी वॉयरल, एंटी डिप्रेशन और एंटी-इन्फ्लेमेटरी (दर्द व सूजन दूर करने वाली) प्रॉपर्टी होती है।

    क्योंकि यह ग्लूटेन फ्री होता है : जिन लोगों को ग्लूटेन की वजह से ‘सेलिएक डिज़ीज़’ की समस्या होती है, उनके लिए क्विनोआ आदर्श डाइट है। यह पूरी तरह से ग्लूटेन फ्री होता है। ‘सेलिएक डिजीज’ में पेट संबंधी कई तरह की समस्याएं जैसे डायरिया, पेट फूलना, कब्जियत आदि होती है। डॉक्टर ‘सेलिएक डिजीज से ग्रस्त लोगों को ग्लूटेन फ्री डाइट की सलाह देते हैं।

  2. इसका इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है। यह अनाज है और अब यह आपकी क्रिएटिविटी पर निर्भर करता है कि आप इसका उपयोग कहां और कैसे कर सकते हैं। कुछ तरीके हम बता रहे हैं :

    • सबसे बेहतर तरीका है कि इसे चावल की तरह खाएं। फ्राइड राइस हो या पुलाव, उसमें चावल की जगह क्विनोआ मिलाकर देखें। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए कहीं ज्यादा सेहतमंद है।
    • इसका सबसे पॉपुलर तरीका तो यह है कि इसे सलाद में खाएं। इसे पानी में उबाल लें। फिर इस पके हुए क्विनोआ को सलाद के ऊपर छिड़क लें। सलाद और भी पौष्टिक हो जाएगा।
    • इसे ओट्स के रूप में भी खाया जा सकता है। जिस तरह से ओट्स बनाते हैं, वैसे ही इसे पकाएं। फिर चाहें तो कुछ सब्जियों, ड्राय फ्रूट्स के साथ खाएं या ऐसे भी खा सकते हैं।
    • पुडिंग, केक, मफिन्स या बिस्किट बनाते समय इसके मिक्स्चर में थोड़ा-सा क्विनोआ का आटा भी मिला लें। पौष्टिकता बढ़ जाएगी।
    • कोई-सा भी सूप, फिर चाहे वह चिकन सूप हो या वेजिटेबल सूप, उसमें ऊपर से उसी तरह से पके हुए क्विनोआ मिला दीजिए जैसे कि आप सूप में अन्य चीजें मिलाते हैं।
    1. Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


      Eat quinoa instead of rice will benefit health

      Source: Health

      Please follow and like us:
Follow by Email
Pinterest
Instagram