फूड डेस्क. गुलाब जामुन या रसगुल्ले की चाशनी बचने के बाद अमूमन फेंक देते हैं। इसी चाशनी को दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे चाशनी के ही रूप में या शक्कर की जगह पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। फूड ब्लॉगर एकता रंगम मोदी से जानिए बची हुई ताश्नी को दोबारा इस्तेमाल करने के तरीके…
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- इससे पैनकेक बना सकते हैं। इसमें शक्कर की जगह चाशनी का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा शहद और चाशनी को मिलाकर ऊपर से डालकर परोस सकते हैं।
- मीठी मठरी, शक्करपारे, बालूशाही आदि बनाते वक़्त मैदे में शक्कर की जगह चाशनी डालें। पूरनपोली के लिए भरावन तैयार करने के लिए तुअर दाल के साथ चाशनी काम में ले सकते हैं।
- शाही राइस में भी चाशनी का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए चावल को चाशनी में कुछ देर भिगोकर रखें और फिर पकाएं। ऊपर से सूखे मेवे और मसाले डाल सकते हैं।
- चाशनी का बूरा बनाकर भी रख सकते हैं। इसके लिए चाशनी को कड़ाही में तब तक पकाएं जब तक ये सूखकर पाउडर में नहीं बदल जाए। फिर इसे हवाबंद डिब्बे में बंद करके आगे इस्तेमाल कर सकते हैं।
- नाश्ते के लिए मीठा पराठा या पूरी भी बना सकते हैं। आटा या सूजी के हलवे में शक्कर की जगह चाशनी का इस्तेमाल करें।
- सूखे मेवे को कैरेमल करने में भी उपयोगी है। बादाम, काजू और मूंगफली के टुकड़े करके ऊपर से चाशनी डाल दें। इसे लड्डू बनाने में भी उपयोग कर सकते हैं।
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इसकी चाशनी थोड़ी पतली होती है इसललए इसे पहले गाढ़ी कर लें इसके बाद ही इस्तेमाल करें। इससे मीठी मठरी, नाररयल लड्डू, मीठी कढ़ी आदद बना सकते हैं।
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Source: Health
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