ब्रिस्टल (ब्रिटेन). ब्रिटेन में एक 17 साल के किशोर की आंखों की रोशनी चली गई, उसे सुनाई भी कम देने लगा है। कारण,पिछले 10 साल से उसने चिप्स, बर्गर, फ्रेंच फ्राइज, सॉसेज के अलावा कुछ खाया ही नहीं। हालांकि, किशोर ने कभी-कभी हैम और व्हाइट ब्रेड खाई। यानी, एक दशक के दौरान वह पूरी तरह जंक फूड पर निर्भर रहा। प्राइमरी स्कूल पास करने के बाद से उसकी फूड हैबिट ऐसी ही बनी रही। ब्रिस्टल चिल्ड्रन हॉस्पिटल के डॉक्टरों का कहना है कि ब्रिटेन में इस तरह का यह पहला मामला है। फिलहाल इस किशोर को ब्रिस्टल आई हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया।
किशोर का इलाज करने वाले डॉक्टर डेनाइज एटन का कहना है कि इस लड़के के खानपान में सिर्फ जंक फूड आइटम्स ही थे। कभी भी फल-सब्जी नहीं खाए, उसे कई फल-सब्जियों के रंग और स्वाद पसंद नहीं हैं। इसलिए चिप्स और प्रिंगल्स ही उसकी डाइट बन गए। इसके चलते किशोर को अवॉइडेंट- रिस्ट्रिक्टिव फूड इंटेक डिस्ऑर्डर हो गया। इसे सामान्य तौर पर जरूरत से ज्यादा खाना भी कह सकते हैं।
प्रोसेस्ड फूड से शरीर में बढ़ी शुगर और कार्बोहाइड्रेट
प्रोसेस्ड खाने में शुगर और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होने से सुनने की क्षमता पर असर पहुंचा और हडि्डयां भी कमजोर हो गई हैं। वजन, हाइट और बीएमआई (22) भी सामान्य है। ईटिंग डिसऑर्डर के कारण उसकी यह स्थिति हुई, जो इस उम्र के बच्चों में नहीं होती। उसे विटामिन सप्लीमेंट दिए गए। मेंटल हेल्थ टीम की निगरानी में भी रखा गया। पर फायदा नहीं हुआ, किशोर की आंखों के बीच ब्लाइंड स्पॉट बन गए हैं। ऑप्टिक नर्व के फाइबर नष्ट हो गए हैं। इसलिए उसकी आंखों की रोशनी फिर लौटना संभव नहीं हैं। डॉक्टर एटन का कहना है कि माता-पिता को बच्चों के खानपान की आदतों पर नजर रखनी चाहिए, तभी ऐसी स्थिति से बचा जा सकता है।
विटामिन-मिनरल की कमी से ऑप्टिक नर्व वीक
डॉ. एटम और सहयोगियों के मुताबिक उसके शरीर में विटामिन बी12 बहुत कम हो गया था, इसके अलावा कुछ अन्य जरूरी विटामिन-मिनरल जैसे कॉपर, सेलेनियम और विटामिन डी की मात्रा भी कम हो गई। इससे आंखों को ब्रेन से जोड़ने वाली ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचा और आंखों की रोशनी जाती रही।
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Source: Health