1 सेमी से भी छोटा स्किन पैच; इससे बिना दर्द शरीर में पहुंचेगी कैंसर की दवा, 60 सेकंड में असर का दावा
By : Devadmin -
हेल्थ डेस्क. अमेरिकी शोधकर्ताओं ने ऐसा स्किन पैच विकसित किया जिसकी मदद से कैंसर मरीजों को दवाएं दी जा सकेगी। इस पैच को त्वचा से लगाकर शरीर में दवा पहुंचाई जा सकती है। स्किन पैच में माइक्रो सुई लगी हैं जिनकी मदद से स्किन की पर्त-दर-पर्त होकर दवा शरीर में पहुंचती है। शोधकर्ताओं का दावा है कि इंजेक्शन के मुकाबले यह दर्द रहित है। खास बात है कि इससे संक्रमण का खतरा न के बराबर है। 60 सेकंड के अंदर इसका असर देखा जा सकता है।
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इसे तैयार करने वाले मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं के मुताबिक, स्किन पैच का प्रयोग चूहों पर किया गया है, जिसके परिणाम सकारात्मक रहे। इसकी मदद से इंसानों में भी स्किन कैंसर के अलावा संक्रमण से होने वाली बीमारियों की दवा शरीर में पहुंचाई जा सकेगी।
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शोधकर्ताओं के मुताबिक, स्किन पैच को खासतौर मेलानोमा से लड़ने के लिए बनाया गया है। मेलानोमा स्किन कैंसर का सबसे खतरनाक प्रकार है। आकार में स्किन पैच एक सेंटीमीटर से भी छोटा है। इस पर खास तरह की चिपचिपी पर्त चढ़ाई गई है,जिसकी मदद से इसे स्किन पर लगाया या हटाया जा सकेगा।
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शोधकर्ताओं ने स्किन पैच की मदद से चूहे में फ्लू और मीसल्स की दवाएं दीं। इसके बाद उसके रोग प्रतिरोधी तंत्र का विश्लेषण किया गया। दवाओं के माध्यम से चूहों में पहुंची एंटीबॉडी ने बेहतर काम किया। इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षी तंत्र) का असर पहले से ज्यादा प्रभावी दिखाई दिया। यही इंसानों में भी दिखाई देगा।
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शोधकर्ता डॉ. पाउला हेमंड का कहना है कि इसकी मदद से संक्रमण के कारण होने वाली बीमारियों का इलाज भी किया जा सकेगा। हम काफी उत्साहित हैं कि कैंसर विशेषज्ञों को एक और नया टूल मिला है जो स्किन कैंसर के खिलाफ इलाज को बढ़ावा देगा। स्किन पैच इसलिए भी अहम है क्योंकि मेलानोमा के मामले अमेरिका जैसे देशों में तेजी से बढ़ रहे हैँ और यह इलाज में एकउम्मीद की तरह है।
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मेलानोमा का कारण सूरज से निकलने वाली अल्ट्रावॉयलेट (पराबैंगनी) किरणें हैं। अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के मुताबिक, हर साल मेलानोमा के 1 लाख से अधिक नए मामले सामने आते हैं। हर दिन 20 अमेरिकी लोगों की इससे मौत होती है।
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Source: Health