हेल्थ डेस्क. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदिरा गांधी स्टेडियम में नेशनल स्पोर्ट्स डे के मौके पर फिट इंडिया अभियान की शुरूआत की। पीएम मोदी ने कहा, सफलता के लिए फिट होना भी पहली जरूरत है, दुनिया के सफल लोगों में यही बात सबसे कॉमन होती है। एक फिट बॉडी ही आपको सफलता की ओर ले जाती है। दुनियााभर के कई देशों इसे अपने लक्ष्य में शामिल किया। पीएम मोदी ने बताया क्यों जरूरी है फिट इंडिया अभियान….
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अगर देश का हर नागरिक फिट है तो देश तरक्की करेगा। इसी को ध्यान में रखते हुए दुनियाभर के कई देशों में लोगों को फिट बनाने के लिए लक्ष्य साधा है। चीन में 2030 तक हर नागरिक को तंदरूस्त बनाने के लिए टाइम-टेबल बनाया है। ऑस्ट्रेलिया में 2030 तक 15 फीसदी नागरिकों को अलग निकालकर फिट रखने का टार्गेट रखा है। ब्रिटेन में 2020 तक 5 लाख नए लोग एक्सरसाइज के रूटीन से जोड़े जाएंगे। अमेरिका में 2021 तक 1 हजार शहरों को फ्री फिटनेस अभियान से जोड़ा जाएगा। जर्मनी में भी लोग को फिट बनाने के लिए फिट इंस्टेड ऑफ फैट अभियान चल रहा है।
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अगर देश का हर नागरिक फिट है तो देश तरक्की करेगा। इसी को ध्यान में रखते हुए दुनियाभर के कई देशों में लोगों को फिट बनाने के लिए लक्ष्य साधा है। चीन में 2030 तक हर नागरिक को तंदरूस्त बनाने के लिए टाइम-टेबल बनाया है। ऑस्ट्रेलिया में 2030 तक 15 फीसदी नागरिकों को अलग निकालकर फिट रखने का टार्गेट रखा है। ब्रिटेन में 2020 तक 5 लाख नए लोग एक्सरसाइज के रूटीन से जोड़े जाएंगे। अमेरिका में 2021 तक 1 हजार शहरों को फ्री फिटनेस अभियान से जोड़ा जाएगा। जर्मनी में भी लोग को फिट बनाने के लिए फिट इंस्टेड ऑफ फैट अभियान चल रहा है।
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पीएम मोदी ने कहा, अगर फिटनेस का लक्ष्य बना लें तो जीवन उसी के मुताबिक ढलना भी शुरू हो जाएगा। वैसी दिनचर्या बन जाएगी। फिटनेस का लक्ष्य कैसे हासिल करना है, इसे छात्रों से सीखें। कैसे परीक्षा से पूर्व सर्वश्रेष्ठ अंक लाने का उनका लक्ष्य पहले ही तय हो जाता है और दिनभर का रूटीन अपने आप बदलता जाता है। वो सुबह जल्दी उठते हैं, दोस्तों के साथ कम समय बिताते हैं, टीवी देखना कम करते हैं। नतीजा उनकी पढ़ाई पर ध्यान लगाने की क्षमता बढ़ जाती है। इसलिए लक्ष्य तय करना जरूरी।
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पीएम मोदी ने कहा, अगर फिटनेस का लक्ष्य बना लें तो जीवन उसी के मुताबिक ढलना भी शुरू हो जाएगा। वैसी दिनचर्या बन जाएगी। फिटनेस का लक्ष्य कैसे हासिल करना है, इसे छात्रों से सीखें। कैसे परीक्षा से पूर्व सर्वश्रेष्ठ अंक लाने का उनका लक्ष्य पहले ही तय हो जाता है और दिनभर का रूटीन अपने आप बदलता जाता है। वो सुबह जल्दी उठते हैं, दोस्तों के साथ कम समय बिताते हैं, टीवी देखना कम करते हैं। नतीजा उनकी पढ़ाई पर ध्यान लगाने की क्षमता बढ़ जाती है। इसलिए लक्ष्य तय करना जरूरी।
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पीएम मोदी ने कहा, सफलता का कोई एलिवेटर नहीं होता, सीढ़ी पर चढ़ने के लिए कदम उठाने ही पढ़ते हैं। स्वामी विवेकानंद कहते थे लक्ष्य तय करें और जुनून के साथ आगे बढ़ें तो जीवन में सुख और समृद्धि आती है। इसे समझने के लिए दुनियाभर के सफल लोगों को देखें, उन सभी में फिटनेस सबसे कॉमन है। यानी सफलता और फिटनेस का अटूट रिश्ता है। दोनों एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। चाहें डॉक्टर हो या बिजनेसमैन। सभी व्यस्तता के बाद भी खुद के लिए समय निकाल लेते हैं।
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पीएम मोदी ने कहा, सफलता का कोई एलिवेटर नहीं होता, सीढ़ी पर चढ़ने के लिए कदम उठाने ही पढ़ते हैं। स्वामी विवेकानंद कहते थे लक्ष्य तय करें और जुनून के साथ आगे बढ़ें तो जीवन में सुख और समृद्धि आती है। इसे समझने के लिए दुनियाभर के सफल लोगों को देखें, उन सभी में फिटनेस सबसे कॉमन है। यानी सफलता और फिटनेस का अटूट रिश्ता है। दोनों एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। चाहें डॉक्टर हो या बिजनेसमैन। सभी व्यस्तता के बाद भी खुद के लिए समय निकाल लेते हैं।
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पीएम मोदी ने कहा, पहले किताबों में त से तलवार पढ़ाया जाता था। तलवार साहस, फिट शरीर का प्रतीक है। लेकिन कुछ सीमित सोच रखने वालों ने विरोध किया। उनका कहना था त से तलवार पढ़ाने पर बच्चों में हिंसक प्रतृत्ति आती है। इसकी जगह पर त से तरबूज पढ़ाया जाने लगा। इसी तरह हम लोगों ने धीरे-धीरे अपनी परंपराओं से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया। मनोवैज्ञानिक तौर पर भी अपनी परंपराओं में वीरता, फिटनेस को भी गहरी चोट पहुंचाई। फिटनेस को उत्सव के रूप में मनाएं इसे परिवार का एक मानक बनाएं। स्वस्थ व्यक्ति, स्वस्थ परिवार, स्वस्थ समाज से ही श्रेष्ठ भारत बनाने का रास्ता है।
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पीएम मोदी ने कहा, पहले किताबों में त से तलवार पढ़ाया जाता था। तलवार साहस, फिट शरीर का प्रतीक है। लेकिन कुछ सीमित सोच रखने वालों ने विरोध किया। उनका कहना था त से तलवार पढ़ाने पर बच्चों में हिंसक प्रतृत्ति आती है। इसकी जगह पर त से तरबूज पढ़ाया जाने लगा। इसी तरह हम लोगों ने धीरे-धीरे अपनी परंपराओं से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया। मनोवैज्ञानिक तौर पर भी अपनी परंपराओं में वीरता, फिटनेस को भी गहरी चोट पहुंचाई। फिटनेस को उत्सव के रूप में मनाएं इसे परिवार का एक मानक बनाएं। स्वस्थ व्यक्ति, स्वस्थ परिवार, स्वस्थ समाज से ही श्रेष्ठ भारत बनाने का रास्ता है।
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पीएम मोदी ने कहा, पहले सिखाया जाता था स्वस्थ शरीर से ही सभी कार्य सिद्ध होते हैं अब सुनने को मिलता है स्वार्थ से सभी कार्य सिद्ध होते हैं, इसलिए स्वास्थ्य भाव को वापस लाने का प्रयास जरूरी हो गया है। कई लोग ऐसे हैं जो खूब खाते हैं और डाइटिंग पर उपदेश देते हैं। फिटनेस ऐप डाउनलोड करते हैं लेकिन उसे दोबारा देखते तक नहीं, यानी ढाक के तीन पात। भारत में डायबिटीज और हायपरटेंशन यानी हाईबीपी की समस्या बढ़ रही है। 12-15 साल के बच्चे भी डायबिटीज से जूझ रहे हैं। 30-35 साल ये युवा हार्ट अटैक से मर रहे हैं। ऐसा लाइफस्टाइफ डिसऑर्डर की वजह से हो रहा है, जिसे हम ठीक कर सकते हैं। इसके लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करना होगा।
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पीएम मोदी ने कहा, पहले सिखाया जाता था स्वस्थ शरीर से ही सभी कार्य सिद्ध होते हैं अब सुनने को मिलता है स्वार्थ से सभी कार्य सिद्ध होते हैं, इसलिए स्वास्थ्य भाव को वापस लाने का प्रयास जरूरी हो गया है। कई लोग ऐसे हैं जो खूब खाते हैं और डाइटिंग पर उपदेश देते हैं। फिटनेस ऐप डाउनलोड करते हैं लेकिन उसे दोबारा देखते तक नहीं, यानी ढाक के तीन पात। भारत में डायबिटीज और हायपरटेंशन यानी हाईबीपी की समस्या बढ़ रही है। 12-15 साल के बच्चे भी डायबिटीज से जूझ रहे हैं। 30-35 साल ये युवा हार्ट अटैक से मर रहे हैं। ऐसा लाइफस्टाइफ डिसऑर्डर की वजह से हो रहा है, जिसे हम ठीक कर सकते हैं। इसके लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करना होगा।
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Source: Health