कश्मीर घाटी की गुलाबी और नमकीन चाय, फूलों को उबालकर और नमक मिलाकर इसे करते हैं तैयार

कश्मीर घाटी की गुलाबी और नमकीन चाय, फूलों को उबालकर और नमक मिलाकर इसे करते हैं तैयार



फूड डेस्क. चाय भारत ही नहीं, दुनियाभर में सबसे ज्यादा पिया जाने वाला पेय पदार्थ है। किसी को एकदम कड़क चाय पसंद होती है तो किसी को कम उबली हुई दूधवाली चाय। किसी को ग्रीन टी पसंद है तो किसी को ब्लैक टी। कोई ब्लैक टी में नींबू डालकर ऑरेंज कलर की चाय पीना पसंद करता है। यानी चाय की प्रकृति के अनुसार इसका रंग भी अलग-अलग होता है। लेकिन आज शेफ और फूड प्रजेंटेटर हरपाल सिंह सोखी से जानिए कश्मीर की अनूठी पिंक टी यानी गुलाबी चाय के बारे में…।

  1. पिंक टी को को ‘शीर चाय’ कहते हैं। स्थानीय बोली में इसे नून चाय भी कहा जाता है। कश्मीर में नून का मतलब है नमक। यानी यह चाय नमकीन होती है। नमकीन होने के अलावा इसकी सबसे बड़ी खासियत है इसका गुलाबी रंग। साथ ही इसका क्रीमी टेक्सचर भी इसे खास बनाता है। यह कश्मीर के एक और प्रसिद्ध पेय पदार्थ ‘कश्मीरी कहवा’ से स्वाद और बनाने के तरीके दोनों मायने में काफी अलग होती है।

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    नून या गुलाबी चाय कश्मीर घाटी में पैदा होने वाली विशेष पत्तियों ‘फूल’ से बनाई जाती है। नून चाय बनाने के लिए चाय की इन ‘फूल’ पत्तियों को अच्छे से उबाला जाता है। जब चाय उबल जाती है तो उसमें सोडा-बाईकार्बोनेट मिला दिया जाता है। इसी वजह से इसका स्वाद नमकीन होता है। कुछ लोग सोडा-बाईकार्बोनेट के स्थान पर नमक का भी यूज करते हैं। उबलने पर चाय का पानी डार्क लाल रंग में बदल जाता है। अब इसमें दूध मिलाया जाता है जो इसका रंग बदलकर गुलाबी कर देता है। इस चाय को बनाते समय इस बात का खास ध्यान रखा जाता है कि ‘फूल’ नामक पत्तियां निर्धारित मात्रा से ज्यादा न हो जाएं। अन्यथा इसका स्वाद तो तीखा होगा ही, रंग भी गुलाबी नहीं आएगा।

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    नून चाय में पारंपरिक तौर पर शक्कर नहीं मिलाई जाती है, लेकिन अब युवा पीढ़ी इसमें शक्कर मिलाकर भी पीने लगी हैं। कुछ लोग इसमें “चक्र फूल’ जैसे गरम मसाले भी मिलाने लगे हैं। आम कश्मीरी इसी सादी गुलाबी चाय को पीते हैं। लेकिन सम्पन्न कश्मीरी इसमें कुछ सजावट और करते हैं। वे इस गुलाबी चाय में घर में बना क्रीम डालते हैं और उस पर पिश्ते और बादाम के टुकड़ों से गार्निशिंग करते हैं। घर में आए मेहमान की हैसियत के अनुसार ही चाय में डलने वाले क्रीम की मात्रा तय होती है। अगर मेहमान महत्वपूर्ण है तो क्रीम ज्यादा डलता है और कम महत्वपूर्ण है तो कम।

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    कश्मीर में नून चाय या पिंक टी कैसे अस्तित्व में आई, इसका कोई ज्ञात इतिहास तो नहीं है। लेकिन माना जाता है कि यह तुर्किस्तान के यरकंद क्षेत्र से कश्मीर में आई। कश्मीर के पहले मुस्लिम शासक सद्दरुद्दीन शाह को तुर्किस्तान के बुलबुल शाह ने ही इस्लाम में शामिल करवाया था। तुर्किस्तान के यरकंद क्षेत्र में ‘एक्टान’ नामक चाय बनाई जाती थी जिसमें नमक, दूध और क्रीम का इस्तेमाल किया जाता था। इसलिए माना जाता है कि नमकीन और क्रीम चाय बनाने की यह विधि तुर्किस्तान से ही कश्मीर आई होगी।

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      Source: Health

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