नासिक के सिविल हॉस्पिटल में रोज नए रंग की चादर इस्तेमाल होने से घटी नवजातों की मौतें



हेल्थ डेस्क.शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए महाराष्ट्र के नासिक में सिविल हॉस्पिटल ने नया प्रयोग किया है। यहां स्पेशल केयर यूनिट में बिस्तर पर हर दिन अलग-अलग रंग की चादरों का इस्तेमालकिया जा रहा है। जैसे सोमवार के लिए हरा और मंगलवार को नीला। अस्पताल प्रशासन का दावा है कि इस पहल से नवजातों कोरोजानासाफ और संक्रमण मुक्त चादरें मिलती हैं। इसके अलावा हर क्युबिकल में मॉप्स और बकेट लगाए गए। इन कोशिशों से शिशु मृत्युदर में 8% की कमी आई है।

  1. स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट के प्रभारी पंकज गाजरे के मुताबिक, सोमवार को हरी, मंगलवार को नीली, बुधवार को गुलाबी रंग की बेडशीट का इस्तेमाल करते हैं। वहीं, गुरुवार को महरून, शुक्रवार को केसरिया, शनिवार को हल्की हरी और रविवार को हल्की नीली चादरें बिछाई जाती हैं। एक बेडशीट का इस्तेमालएक ही दिन होता है।

  2. इस केयर यूनिट में पहले प्रति माह औसतन 346 में से 55 बच्चों की मौत हो जाती थी। अब यहां हर माह करीब 250 से 300 नवजात भर्तीकिए जाते हैं। शिशु मृत्यु दर 8 प्रतिशत तक घट गई है। नवजातों की बेहतर देखभाल के लिए केयर यूनिट में 16 बेड, तीन मेडिकल ऑफिसर, 8 नर्स और 4 लोगों का सहयोगीस्टाफ है।

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  3. सेंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे 2017 के मुताबिक, महाराष्ट्र में शिशु मृत्यु दर पिछले दस सालों में घटी है। 2008 में मृत्यु दर प्रति 1 हजार बच्चे में से 24 थी, जो 2017 में 13 पर आ गई। यानी हर एक हजारमें अब 13 बच्चों की मौत हो रही है। यह आंकड़ा केरल और तमिलनाडु के करीब पहुंच गया है।

  4. महाराष्ट्र में मृत्यु दर कम होने की एक वजह खास एक्शन प्लान भी है।शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए 2014 में डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ ने मिलकर एवरी न्यूबॉर्न एक्शन प्लान शुरू किया था, जिसका महाराष्ट्र में सकारात्मक असर देखने को मिला।

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      to decrease Nashik civil hospital used colour coded bedsheets to protect newborns from infection

      Source: Health

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