मूड डिसऑर्डर और डिप्रेशन का एक कारण नकारात्मक सोच भी, सकारात्मक विचार रखते हैं सेहतमंद

मूड डिसऑर्डर और डिप्रेशन का एक कारण नकारात्मक सोच भी, सकारात्मक विचार रखते हैं सेहतमंद



हेल्थ डेस्क. सकारात्मक सोच एक बेहद शक्तिशाली जरिया है कामयाबी पाने का और स्वस्थ रहने का। और सबसे लोकप्रिय होने का भी। सकारात्मक या नकारात्मक सोच का सीधा सम्बंध दिमाग से है। हमारा दिमाग नकारात्मक सोच और विचारों के लिए तेजी से प्रतिक्रिया करता है। अच्छी खबर के बजाए बुरी खबर का हम पर ज्यादा असर पड़ता है।

जब भी सकारात्मक रूप से सोचते हैं, तो हमारा दिमाग यह मान लेता है कि सब कुछ नियंत्रण में है और इसके लिए कुछ भी करने की ज़रूरत नहीं। लेकिन नकारात्मक सोच के कारण पैदा होने वाला तनाव, दिमाग में इस तरह के बदलाव लाता है कि मानसिक विकारों जैसे अवसाद, मनोविदलता (सीजोफ्रेनिया) और मूड डिसऑर्डर जैसी परेशानियां शरीर में जन्म लेने लगती हैं। पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर से पीड़ित लोगों के दिमाग में असामान्यताएं देखी जा सकती हैं। इससे तनाव हाॅर्मोन कॉर्टिसोल की मात्रा शरीर में बढ़ जाती है, जो हाॅर्मोन्स के सामान्य कार्यों में बाधा पैदा करता है। डाॅ. अमूल्य सेठ, कोलम्बिया एशिया अस्पताल, गाजियाबाद से जानिए सोच बदलने पर कितना कुछ बदल जाता है

  1. जब आप व्यक्ति या परिस्थितियों में अच्छाई या सीख देखने की कोशिश करते हैं, तो आप अपनी क्षमताओं को भी सकारात्मक नजरिए से देखते हैं। ऐसी सोच रखने वाले लोग ज्यादा सक्रिय होते हैं। समाज के प्रति बेहतर दृष्टिकोण रखते हैं। हर कार्य खुशी से करते हैं इसलिए सफल भी होते हैं। यह साबित हो चुका है कि अगर आप अपने काम से खुश होते हैं तो आप अधिक सफल होते हैं।

    • असफलता के अवसरों में से सीख ढूंढें :आपका कोई प्रोजेक्ट नकार दिया गया है या असफल हुआ है, तो निराश होने या दूसरे से तुलना करके उदास होने की जगह उन दो-तीन बातों का नोट बनाएं, जो असफलता के लिए ज़िम्मेदार रहीं। अगले प्रोजेक्ट में इनका ध्यान रखें।
    • वर्तमान पर फोकस करें :इस दिन, पहर या घंटे पर नहीं, इस लम्हे पर ध्यान दें। हो सकता है, दो मिनट पहले आपको किसी से डांट पड़ी हो, तो ध्यान दें कि वह लम्हा तो बीत चुका। अभी इसी समय, इसी क्षण पर बीती बात का साया क्यों पड़ने दें। जो याद रखना है, उसे याद में डालें और सम्भलकर आगे बढ़ें।
    • सकारात्मक लोगों के साथ रहें :सुनिश्चित करें कि आपके आसपास के लोगों की सोच भी सकारात्मक हो। खुद अपने दोस्त बनिए। अपनी आलोचना करने या दूसरों से अपनी तुलना करने के बजाय खुद को दूसरों से बेहतर मानें।
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      positive thinking stays away from mood disorder and depression says expert

      Source: Health

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