चीन से भारत लौटे हैं तो 14 दिन तक सबसे अलग रहें, बुखार या सांस लेने में तकलीफ होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं

चीन से भारत लौटे हैं तो 14 दिन तक सबसे अलग रहें, बुखार या सांस लेने में तकलीफ होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं



हेल्थ डेस्क. भारत में कोरोनावायरस का मामला सामने आया है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, वुहान से लौटे केरल के छात्र में इस वायरस की पुष्टि हुई है। मलेशिया में काम करने वाले त्रिपुरा के 23 साल के युवक की कोरोनावायरस से मौत हो गई है। मामले सामने आने के बाद केंद्रसरकार ने चीन से भारत आने वाले यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी की है।

एडवाइजरी के मुताबिक, सर्दी, खांसी और सांस लेने में तकलीफ होने पर तुरंत अलर्ट हो जाएं। ये कोरोनावायरस के सबसे आम लक्षण हैं। चीन से लौटने के 28 दिन के अंदर बुखार, खांसी या सांस लेने में कठिनाई होती है तो हेल्पलाइन नम्बर 91-11-23978046 पर संपर्क करें। तत्काल मास्क पहनें, घबराएं नहीं और डॉक्टरी सलाह लें।

चीन से लौटे हैं तो ये ध्यान रखें
अगर आप पिछले 14 दिन के अंदर चीन गए थे तो कोरोनावायरस के संक्रमण की आशंका है इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है-

  • चीन के लौटने के 14 दिन बाद तक एकांत में रहें।
  • अलग में सोएं, घर के सदस्यों के साथ नहीं।
  • बाहरी लोगों से मिले-जुले नहीं। संभव हो तो घरवालों के अधिक संपर्क में आने से बचें।
  • खांसते और छींकते समय नाक और मुंह को कपड़े से ढंकें।
  • किसी में सर्दी-जुकाम और फ्लू वायरस से लक्षण दिखने पर उससे 1 मीटर की दूरी बनाकर बात करें।
  • डॉक्टरी सलाह लेते समय अपनी यात्रा और सेहत से जुड़ी हर जरूरी बात बताएं।

कब-कब धोएं हाथ

  • छींकने या खांसने के बाद।
  • बीमारी की देखभाल करते समय।
  • खाना बनाने के दौरान, पहले और बाद में।
  • खाना खाने से पहले।
  • शौच के बाद या हाथ गंदे होने पर।
  • जानवरों को छूने या उनका अपशिष्ट उठाने के बाद।

कहां मिलेगी मदद
लक्षण महसूस होने या किसी इंसान में दिखने पर डॉक्टरी सलाह लें। कई जगह हेल्प सेंटर शुरू किए गए हैं। यहां पहुंचकर इलाज कराया जा सकता है। लक्षण दिखने पर एयरपोर्ट हेल्थ ऑफिस, लैंड चेक पोस्ट, स्थानीय स्वास्थ्य सुविधा केंद्र पर संपर्क कर सकते हैं।

वुहान में 500 भारतीय छात्र, उनका खाने-पीने का सामान खत्म हो रहा
भारतीय विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि हम चीन में फंसे अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए दो विमान वहां भेजना चाहते हैं। भारतीय दूतावास चीन सरकार से इस संबंध में बातचीत कर रहा है। वुहान में करीब 500 भारतीय छात्र पढ़ते हैं। कुछ छात्रों ने भारतीय दूतावास से कहा था कि उनके पास खाने-पीने का सामान खत्म हो रहा है। छात्रों ने जल्द से जल्द उन्हें वुहान से निकाले जाने की अपील की थी।

‘सार्स की तुलना में आसानी फैलता है कोरोनावायरस’
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, हॉन्गकॉन्ग के प्रोफेसर मलिक पीरिस का कहना है कि नोवेल कोरोनावायरस 2003 के सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (सार्स) की तुलना में तेजी से फैलता है। हालांकि, कोरोनावायरस से लोगों की मौत कम हुई है। पीरिस ने 2003 में सार्स की पहचान करने में अहम भूमिका निभाई थी। हालांकि, नया कोरोनावायरस 2009 के इन्फ्लुएंजा ए (एच1एन1) की तुलना में ज्यादा गंभीर है।
नेचर पत्रिका ने 2018 में मलिक को ‘साइंस स्टार्स ऑफ एशिया’ बताया था। उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तब पहचान मिली, जब 2003 में उनकी प्रयोगशाला ने सार्स को एक अलग तरह का कोरोनावायरस बताया था। उन्होंने बताया कि सार्स की तुलना में नोवेल-कोरोनावायरस लोगों में आसानी से फैलता है। हॉन्गकॉन्ग यूनिवर्सिटी के पब्लिक हेल्थ वायरोलॉजिस्ट ने 2019 नोवेल कोरोनावायरस की पहचान करने के लिए एक परीक्षण भी किया है।

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Source: Health

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