आयुष मंत्रालय ने होम्योपैथी दवा आर्सेनियम एल्बम-30 की सलाह दी, एक्सपर्ट बोले- पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें
By : Devadmin -

हेल्थ डेस्क. भारत में भी कोरोनावायरस का खतरा बढ़ रहा है।केंद्र सरकार केआयुष मंत्रालय ने कोरोनावायरस के संक्रमण से बचाव के लिए होम्योपैथी और यूनानी दवाओं के नाम जारी किए हैं। मंगलवार को मंत्रालय और सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी की संयुक्त बैठक के बाद दवाओं के नाम बताए हैं।
मंत्रालय ने मीडिया में एक रिलीज जारी की है जिसमें होम्योपैथी दवा 'आर्सेनियमएल्बम-30' खाली पेट लेने की सलाह दी गई है। बचाव के तौर पर यूनानी दवाओं का काढ़ा भी पीने का जिक्र किया गया है। रिलीज जारी होने के बाद राजनीतिक दलसीपीएम ने सरकार की एडवाइजरी में शामिल दवा आर्सेनियम एल्बम-30 पर सवाल उठाते हुए इसे पागलपन करार दिया है। इस दवा की सच्चाई क्या है और यह कितनी जरूरी हैं, इससे जानने के लिए भास्कर ने विशेषज्ञों से बात की।
मंत्रालय द्वाराएडवायजरी में बताई गईं दवाएं
- होम्योपैथी: एडवाइजरी के मुताबिक, संक्रमण से बचाव के लिए होम्योपैथिक दवा 'आर्सेनियम एल्बम-30' खाली पेट 3 दिन तक ली जा सकती है। यही डोज अगलेमहीने दोबारा लें। इंफ्लुएंजा वायरस के लक्षण दिखनेपरभी यही दवा ले सकते हैं।
- आयुर्वेद : आयुर्वेद की कुछ दवाओं को भी लेने की सलाह दी गई है। अगस्त्य हरितिकी (5 ग्राम) दिन में दो बार गरम पानी के साथ, संशमनी वटी (500) दिन में दो बार, त्रिकटु का चूर्ण 5 ग्राम ले सकते हैं। इसके अलावा एक लीटर पानी में तुलसी की 3 से 5 पत्तियां उबालें। जब ये पानी आधा रह जाए तो ठंडा करके घूंट-घूंट करके पिएं। अणु तेल या तिल के तेल की दो बूंद रोजाना सुबह नाक में डालें।
- यूनानी : शरबत उन्नाब 10-20 दिन में दो बार, तिरयाक अरबा 3-5 ग्राम दिन में दो बार, तिरयाक नजला 5 ग्राम दिन में दो बार लेने की सलाह दी गई है।रोगन बनाफशा को नाक पर लगा सकते हैं। रोगन बबूना से सीने और स्किन पर मसाज करें। बुखार की स्थिति में हबीब-ए-इक्सीर बुखार की दो गोलियां दिन में तीन बार गुनगुने पानी के साथ ली जा सकती हैं। इसके अलावा चिरायता, कासनी, अफसानतीन या नीम की छाल में से किसी एक अर्क शर्बत खाकसी के साथ ले सकते हैं। बनाफ्शा, उन्नाब, सपिस्तान में से किसी एक का काढ़ा पी सकते हैं।
- सावाधानियां : संक्रमण से बचाव के लिए 20 सेकंड तक साबुन से अच्छी तरह हाथ धोएं। मरीज को सीधे छुएं नहीं। खांसते या छींकते समय नैपकिन या कपड़े से मुंह को ढंके। सफर के दौरान एन-95 मास्क का इस्तेमाल करने की भी हिदायत दी गई है। एडवाइजरी के मुताबिक, अगर आप संक्रमित हैं तो तत्काल नजदीक के हॉस्पिटल से मास्क लेकर पहनें।

सीपीएम के सवालों की वजह
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो ने ट्विटर पर एडवाजयरी को ट्वीट किया है। जिसे सीपीएम ने शेयर करते हुए लिखा, सरकार की जगह पीआईबी ने एडवाजरी को ट्वीट किया है जिसमें कोरोनावायरस से बचने के लिए होम्योपैथी दवा आर्सेनिक एल्बम-30 लेने की सलाह दी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन साफतौर पर कह चुका है कि इस वायरस से बचने के लिए कोई प्रभावी दवा अब तक ढूंढी नहीं जा सकी है। इसलिए इस वायरस से बचाव के लिए डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन को फॉलो करें।
होम्योपैथी एक्सपर्ट ने कहा, दवा एक्सपर्ट की सलाह से ही लें
इस बारे में भास्कर ने होम्योपैथी विशेषज्ञ डॉ. नमिता राजवंशी से बात की। डॉ. नमिता के मुताबिक, आर्सेनिक एल्बम-30 दवा वायरल इंफेक्शन के मरीजों को दी जाती है। संक्रमण से जुड़े लक्षण जैसे तेज बुखार, ज्यादा थकान, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, सांस लेने में दिक्कत होने पर इसे देते हैं। आमतौर पर संक्रमण के लक्षण हर मरीज में अलग-अलग दिख सकते हैं इसलिए दवा डॉक्टर सेसलाहके बाद ही लें।
डब्ल्यूएचओ ने ट्वीट कर दूर किया भ्रम
कोरोनावायरस की दवाओं को लेकर भ्रम की स्थिति पर डब्ल्यूएचओ ने ट्वीट किया है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, कोरोनावायरस के लिए अब तक कोई एंटीवायरल थैरेपी नहीं खोजी जा सकी है। रिसर्च एंड डेवलपमेंट टीम लगातार काम कर रही है और बचाव के लिएक्लीनिक प्रोटोकॉल बनाए जा रहे हैं।
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Source: Health