
हेल्थ डेस्क. दिल से जुड़े रोग, डायबिटीज और तेजी से गिरती याद्दाश्त के मामले 60 साल की उम्र के बाद सामने आते थे। लेकिन अब ये रोग कम उम्र के युवाओं को जकड़ रहे हैं।रिसर्च में साबित हो चुका है कि युवा न तो खानपान पर ध्यान दे पा रहे हैं, न ही नींद पूरी ले रहे हैं। जीवन में आगे बढ़ने का तनाव सेहत पर बुरा असर छोड़ रहा है। जानिए कौन सी बीमारियों से युवा जूझ रहे हैं और क्या हैं वजह….
हार्ट डिसीज
- पहले हृदय से संबंधी बीमारियां अधेड़ उम्र में ही होती थीं, लेकिन अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी की शोध बताती है कि अब 30 से 35 साल के युवाओं में दिल संबंधी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। यंग एज में ही हार्टडिसीज के कारण बनने शुरू हो जाते हैं।
- हार्ट केयर फॉउंडेशन ऑफ इंडिया के मुताबिक इसकी वजह तनाव, असंतुलित भोजन, कम सो पाना और शराब व तम्बाकू उत्पादों का सेवन है।
- कॅरिअर की महत्वाकांक्षा और प्रतिस्पर्धा के कारण युवा जबरदस्त तनाव से गुजर रहे हैं।
- 140 से ऊपर ब्लड प्रेशर रहा तो यह हाई ब्लड प्रेशर होता जाता है। इससे हार्ट डिसीज का खतरा बढ़ जाता है।
डायबिटीज
- अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के मुताबिक युवाओं में डायबिटीज तेजी से बढ़ रही है। फेयरफील्ड विवि के अनुसार कम उम्र में इस बीमारी के शिकार लोगों को हृदय संबंधी अनियमितताओं का खतरा भी रहता है।
- इसकी वजह है फिजिकल एक्टिविटी न करना और डाइट में न्यूट्रीएंट्स की कमी। जंक फूड खाने की आदत के कारण डाइट में नमक और शुगर की मात्रा बढ़ रही है, जिससे युवा भी टाइप-2 डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं।
- 9.9 फीसदी अमेरिकी डायबिटीज से ग्रस्त हैं। इनमें से 1.9% लोग 20 साल से भी कम है।
थायरॉइड
- युवाओं को होने वाली यह एक प्रमुख बीमारी है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन जर्नल के मुताबिक अब कम उम्र में ही हाइपोथायरॉइडिज्म के लक्षण दिखाई देने लगे हैं। इस बीमारी में व्यक्ति का वजन तेजी से बढ़ता है।
- युवाओं में बढ़ती स्मोकिंग की आदत, अनहेल्दी ईटिंग हैबिट्स और कॅरिअर को लेकर बढ़ता तनाव थायरॉइड की प्रमुख वजह हैं।डॉक्टर्स स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ खास समस्याओं को भी इसका कारण मानते हैं।
- 10 गुना अधिक रहती है लड़कियों में थॉयराइड की बीमारी की संभावना।
पार्किंसन्स
- बेंगलुरु के पार्किंसन्स एंड एजिंग रिसर्च फाउंडेशन के मुताबिक यंग एज में भी इस बीमारी के मरीज सामने आ रहे हैं।
- आमतौर पर यह 60 साल की उम्र के बाद होती है, लेकिन अब 40 साल से कम उम्र वाले इसके शिकार हो रहे हैं।
- यह बीमारी ऑटोसोनल रिसेसिव है, जो जींस के जरिए ट्रांसफर होती है। यदि फैमिली में किसी को पार्किंसन्स है तो युवा भी इसके शिकार हो जाते हैं।
- ब्रेन सेल्स के डीजनरेशन की प्रक्रिया बढ़ने से इस बीमारी की आशंका भी बढ़ी है।
- 15 लाख मरीज हैं अमेरिका में इस बीमारी के। इनमें से करीब 7 फीसदी 40 से कम उम्र के हैं।
कमजोर याददाश्त
- लॉस एंजिलिस स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के विशेषज्ञों के अनुसार याददाश्त से जुड़ी बीमारियों का भी अब उम्र से नाता नहीं रहा।
- 18 से 99 वर्ष के 18,500 लोगों पर हुए एक शोध में 1700 ने स्वीकारा कि उन्हें याददाश्त से जुड़ी समस्या है। इनमें से 14 फीसदी युवा थे।
- युवाओं में यह आम समस्या है।वे कम नींद लेते हैं, जिसके कारण दिमाग का वह हिस्सा प्रभावित होता है, जिससे व्यक्ति याद रखता है।
- एक कारण यह भी है कि मोबाइल, इंटरनेट और टेक्नोलॉजी के अधिक यूज के कारण मैमोरी पर स्ट्रेस नहीं दे पाते हैं।
- 14 फीसदी अमेरिकी युवा याददाश्त से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
धूम्रपान से ह्रदयाघात का खतरा दोगुना
- युवाओं में धूम्रपान की बढ़ती प्रवृत्ति ने हृदयघात के खतरे को दोगुना कर दिया है। इससे बचने के लिए वे लोगों को नमक और फैट्स का कम सेवन करने और दिन में कम से कम 30 से40 मिनट पैदल चलने की सलाह देते हैं।
- अमेरिकन बोर्ड ऑफ साइकाइट्री के अनुसार जो हृदय के लिए ठीक है, वह ही दिमाग के लिए बेहतर है। बोर्ड के विशेषज्ञों ने याददाश्त से जुड़ी अन्य बीमारियों में नई भाषा या म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट सीखने की राय भी मरीजों को दी है।
- वॉशिंगटन स्थित मेडस्टार रिसर्च इंस्टीट्यूट ने सही भोजन को ही डायबिटीज की दवा बताया है। एमडी मिशेल एफ मैगी कहती हैं कि टाइप-2 डायबिटीज के दो बड़े कारण खानपान में गड़बड़ी और भागदौड़ भरी जीवनशैली है।
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Source: Health
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