पिघल रहे पिछले माउंट एवरेस्ट पर तेजी से बढ़ रही घास और झाड़ियों से बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है: रिपोर्ट
By : Devadmin -

लाइफस्टाइल डेस्क. दुनिया का तापमान जैसे-जैसे बढ़ रहा है माउंट एवरेस्ट पर घास के उगने की दर भी तेज हो रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इन घास और झाड़ियों के परिणाम क्या होंगे यह पुख्तातौर पर नहीं बताया जा सकता लेकिन ये बाढ़ की स्थिति को और बदतर बनाने का काम जरूर कर सकते हैं। घास और झाड़ियां ऐसे हिस्से में तेजी से बढ़ रही हैं जहां तापमान बढ़ा है। ग्लोबल चेंज बायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित रिसर्च में दावा किया गया है कि 190 करोड़ लोग पहाड़ों से मिलने वाले पानी के कमी से जूझ सकते हैं।
ग्लेशियर से होने वाली पानी की पूर्ति भले ही कम हो लेकिन बर्फ और पेड़ों के बीच उगने वाली घास हिन्दू-कुश हिमालय क्षेत्र में बाढ़ को बढ़ाने का काम कर सकती है। यह हिस्सा 4.2 मिलियन वर्ग किलोमीटर में फैला है। यह एशिया का 10वां सबसे बड़ा रिवर सिस्टम है जिससे 140 करोड़ लोगों को पानी मिलता है।
नासा की तस्वीरों का किया गया अध्ययन

वैज्ञानिकों ने बर्फबारी के दौरान यहां उगने वाली घास और छोटी झाड़ियों की तस्वीर ली है। नासा के लैंडसेट सैटेलाइट से 1993 से लेकर 2018 तक ली गईं तस्वीरों की मदद से ब्रिटेन की एक्सेटर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने रिसर्च की है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, समुद्र के स्तर 6000 मीटर तक की ऊंचाई पर घास उग रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, सदी के बदलते ही हिमालय के ग्लेशियर के पिछलने की दर दोगुनी हो गई थी। पिछले चार दशकों में बर्फ का चौथाई हिस्सा पिघल चुका है।
16 साल में बर्फ पिछलने की दर दोगुनी हुई
शोधकर्ता केरेन एंडरसन कहती हैं कि हिमालय के ग्लेशियर कितनी तेजी से पिछल रहे हैं इस पर कई शोध हो चुके हैं। 2000 से 2016 के बीच बर्फ पिघलने की दर दोगुनी हो चुकी है। पर्वतों पर बर्फ को हो रहे नुकसान को समझना और उस पर नजर रखना बेहद जरूरी है।एंडरसन के मुताबिक, छोटे पौधे जितनी तेजी से हिमालय के बर्फबारी वाले हिस्से को घेर रहे हैं यह एक बुरी खबर है क्योंकि पौधों पर जमी बर्फ तेजी से पिघलेगी और बाढ़ के हालात बनेंगे।

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Source: Health