दिन में दो बार कम शक्कर वाली चाय ही फायदेमंद, चाय के शौकीन हैं तो इसे कब और कितना पीना है ये समझें

दिन में दो बार कम शक्कर वाली चाय ही फायदेमंद, चाय के शौकीन हैं तो इसे कब और कितना पीना है ये समझें



हेल्थ डेस्क. कुछ लोग खाने के साथ, तो कुछ खाने के बाद चाय पीना पसंद करते हैं। ये शरीर की सुस्ती दूर करती है और शोध के अनुसार पाचन क्रिया को भी दुरुस्त रखती है। कहीं ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी कही जाती है। तो ऐसे में किन कथनों पर विश्वास करना चाहिए और किन पर नहीं, इस कशमकश को दूर करते हैं। आमतौर पर चाय कब और कितनी पीनी चाहिए, यह कितनी फायदेमंद हैं और नुकसान क्या हैं…. ऐसे तमाम सवालों के जवाब दे रहे हैं धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशेलिटी अस्पताल के कंसल्टेंट गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ. महेश गुप्ता

दिल और दिमाग के लिए कितनी सही चाय?

दिल और दिमाग के लिए सही चाय दिल का दौरा और खून के थक्के जमने के जोखिम को कम करती है। चाय पीने से धमनियां चिकनी और कोलेस्ट्रॉल मुक्त हो जाती हैं। दिमाग तरोताजा रहता है। वहीं हाल ही में हुए एक शोध में यह पाया गया कि जो लोग रोजाना चाय पीते हैं उनके दिमाग का प्रत्येक हिस्सा चाय न पीने वालों की तुलना में बेहतर सामंजस्य में रहता है।

कैफीन कम या ज़्यादा सही ?

कच्ची चाय में कॉफी से अधिक कैफीन मौजूद होती है लेकिन इसके पकने के बाद यानी चाय बनने के बाद चाय में कॉफी की तुलना में कैफीन की मात्रा कम हो जाती है। यदि कॉफी पीने से अपच, सिर दर्द या सोने में कोई परेशानी महसूस होती हो, तो बिना सोचे चाय की ओर रुख़ कर सकते हैं।

कितनीफायदेमंद है चाय ?

चाय में एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं जो शरीर को डिटॉक्स करते हैं और प्रदूषण के प्रभाव को कम करते हैं। चाय रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाती है, पानी की कमी पूरी करती है और शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करती है। ये हडि्डयां मज़बूत करती है और वज़न घटाने में भी असरदार होती है। इसमें मौजूद पॉलीफिनॉल और एंटीऑक्सीडेंट कैंसर से लड़ने में मदद करते हैं।

कितना नुकसान पहुंचाती है?

कहते हैं हर चीज़ की लत ख़राब होती है। ये बात चाय पर भी लागू होती है। दफ़्तर में थकान दूर करने या नींद भगाने के लिए दिन में कई बार चाय पीते हैं, जो लत में तब्दील हो जाती है। इससे एसिडिटी की भी शिक़ायत होने लगती है और भोजन की सारणी में भी दिक़्क़तें आती हैं, हालांकि ये चाय बनाने के तरीक़े पर भी निर्भर करता है।

चाय के बारे में क्या सही क्या गलत

  • एक बार चाय पत्ती इस्तेमाल करने के बाद उसे फेंक दें, दोबारा इस्तेमाल न करें।
  • चाय लगातार कई मिनटों तक न उबालें। ये नुक़सान करती है।
  • कई बार जल्दबाजी में चाय तेज आंच पर पकाते हैं, जबकि चाय बनाने का सही तरीका होता है कि उसे मध्यम आंच पर पकाया जाए।
  • खांसी-ज़ुकाम में ज्यादा अदरक वाली चाय पीने से बचें। इसका जरूरत से ज़्यादा सेवन पेट में गड़बड़ी कर सकता है।
  • पैकेट बंद टी-बैग्स ही इस्तेमाल करें। दिन में दो बार से ज़्यादा टी-बैग्स वाली चाय न पिएं।
  • ध्यान दें कि जिन बैग्स की पैकिंग पर ख़ास ध्यान देकर उन्हें पिन से मुक्त और साफ़ बनाया गया हो, वही इस्तेमाल करें।

कितनी मात्रा है सही ?

चाय पीने की रवायत अच्छी है लेकिन इससे होने वाले फ़ायदे-नुकसान इसके सेवन की मात्रा पर निर्भर करते हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति दिन में 2 कप चाय पी सकता है, हालांकि ग्रीन टी या वाइट टी पीना अधिक फ़ायदेमंद माना गया है क्योंकि तुलनात्मक रूप से इनमें कम कैफीन होती है। सीमित मात्रा में शक्कर का इस्तेमाल करें। बहुत गर्म चाय पीने से परहेज़ करें। बहुत गर्म पेय पदार्थ पीना इसोफेगल कैंसर का जोख़िम बढ़ाता है।

ग्रीन टी ले रहे हैं तो क्या ध्यान रखें?

कुछ लोग दूध की चाय पीने के बजाय ग्रीन टी पीना पसंद करते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर में वसा घटाने की क्षमता को बढ़ाते हैं, साथ ही तरोताज़ा भी महसूस कराते हैं। ज़्यादातर लोग इसे दिन में चार-पांच बार पीते हैं जो सेहत के लिहाज़ से नुक़सानदायक है। दिन में सिर्फ़ दो कप चाय ही पिएं। इसका अधिक सेवन असामान्य रूप से भूख को नियंत्रित कर सकती है साथ ही अपच कर सकती है।अगर अनिद्रा, पेट खराब, उल्टी, दस्त, अक्सर पेशाब आने की समस्या, मितली, पेट में दर्द, कब्ज़ महसूस होती है तो तुरंत ग्रीन टी लेना बंद करें।

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


tea rule Only low sugar tea twice a day is beneficial, fond of tea, so understand when and how much to drink it

Source: Health

Please follow and like us:
Follow by Email
Pinterest
Instagram