कड़क चीजें खाने या जम्हाई लेने पर जबड़ों की हड्डी से आवाज आना है डिसऑर्डर, इसे जॉ पंपिंग कहते हैं

कड़क चीजें खाने या जम्हाई लेने पर जबड़ों की हड्डी से आवाज आना है डिसऑर्डर, इसे जॉ पंपिंग कहते हैं



हेल्थ डेस्क.कई बार कुछ कड़क चीजे खाने या जम्हाई लेने पर जबड़ों से हड्डी की आवाज या चढ़ने जैसी समस्या महसूस होती है। कई बार अधिक मुंह खोलने पर भी परेशानी होती है। इसे जाॅ पाॅपिंग कहते हैं जो चेहरे के एक या दोनों किनारों को प्रभावित करती है। इस समस्या का सबसे बड़ा कारण टेम्पोरोमैंडिबुलर जॉइंट डिसऑर्डर (टीएमडी) है। जब ये जोड़ ठीक तरह से काम नहीं करते तो जॉ पॉपिंग की समस्या होने लगती है। समय पर इसका इलाज बेहद जरूरी है।डॉ. चित्रा कटारिया, फिज़ियरोथेरेपी प्रमुख, इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर से जानिए जबड़ों की समस्या से कैसे निपटें…

ये हो सकती है दिक्कत

जबड़ों में दर्द, जबड़ों का खुले या बंद मुंह की स्थिति में अटक जाना, मुंह खोलने या चबाते वक़्त जबड़े के जोड़ में क्लिक, पॉपिंग या झंझरी होना, चेहरे पर थकावट महसूस करना, चबाने में परेशानी, ऊपरी और निचले दांत ठीक से एक साथ फिट न होना, चेहरे के किनारे सूजन या कुछ चबाने पर हड्डी की आवाज़ आना जॉ पॉपिंग का संकेत है।

क्यों और कैसे होता है?

जबड़े के जोड़ की डिस्क में गठिया, जबड़े की गतिविधि में डिस्क खिसकना, मायोफेशियल सिंड्रोम (एक तरह दर्द विकार है जो कुछ मांसपेशियों के ट्रिगर बिंदुओं में दर्द का कारण बनता है), मुंह की ग्रंथियों का संक्रमण जिससे मुंह सूख जाता है या सूजन आ जाती है, जबड़े की गतिविधि को नियंत्रित करने वाली मांसपेशियों में किसी प्रकार की क्षति के कारण, रात में दांतों का किटकिटाना, तनाव या चिंता के कारण जबड़े का अकड़ना, दांत पीसने या दबाने से जोड़ पर दबाव पड़ना या फिर किसी कारण जबड़े के जोड़ में चोट लगना भी टीएमडी का कारण बन सकता है।

इनसे बचना जरूरी

कठोर या ताक़त लगाकर चबाकर खाने वाले खाद्य पदार्थों से परहेज़ करें। कठोर चीज़ों को चबाने से जबड़ों में दर्द हो सकता है। मोटे और बड़े निवाले खाने के बजाय छोटे निवाले खाएं ताकि अधिक मुंह न खोलना पड़े। कैरेमल, सेब, कठोर और कुरकुरी चीज़ें जैसे हार्ड रोल, चुइंगम, चने या कच्ची गाजर आदि खाने से बचें।

भोजन का आकार मायने रखता है

जहां तक संभव हो, भोजन को बहुत छोटे टुकड़ों में काटकर खाएं। अगर टीएमडी की दिक्कत है तो दही, मसले हुए आलू, पनीर, सूप, तले हुए अंडे, फलों की स्मूदी, पकी हुई सब्जियां या फल, मछली, अनाज और बीन्स जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें। कुछ लोगों की दो-तीन हफ्तों में तकलीफ़ कम हो सकती है वहीं कुछ लोगों को इससे अधिक समय लग सकता है। ऐसे में दंत विशेषज्ञ को दिखा सकते हैं।

सिकाई और व्यायाम से मिलेगा आराम

  • लगभग 10 मिनट के लिए चेहरे और मुंह के किनारों की आइस पैक से सिकाई करें। यह तंग मांसपेशियों को आराम देता है लेकिन शुरूआत में ऐठन पैदा कर सकता है।
  • सरल स्ट्रेचिंग करें जैसे अपने बाएं हाथ का अंगूठा अपने सामने के ऊपरी दांतों के नीचे रखें। दाई तर्जनी उंगली और मध्यमा उंगली निचले सामने दांतों के ऊपर रखें। अब अंगूठे और उंगलियों से जबड़े को धीरे से विपरीत दिशा में खींचें।

ये उपचार भी कर सकते हैं

ओरल स्प्लिन्ट्स या माउथ गार्ड (एसीसी प्लस इक्विपमेंट) इस्तेमाल करें। अगर जबड़ों में दर्द होता है तो दांतों के ऊपर नरम या दृढ़ डिवाइस पहनने से आराम मिल सकता है। विशेषज्ञ से सलाह लेकर इसे पहन सकते हैं।

दंत चिकित्सक की सलाह से दर्द निवारक, एंटी इंफ्लेमेटरी ड्रग, ट्राइसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट दवाएं ले सकते है

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Disorder is the sound of bone coming from the jaws when eating hard things or yawning, it is called Jaw pumping

Source: Health

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