बैक्टीरिया से निपटने के लिए सेल्फ क्लीनिंग सरफेस बनाया, यह सुपरबग्स से निपटने में कारगर
By : Devadmin -
टोरंटो. कनाडा की ओंटारियो मैकमास्टर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की टीम ने सेल्फ क्लीनिंग सरफेस (स्वत: सफाई कर देने वाली सतह) ईजाद की है। रसायनों के संयोजन से बनी प्लास्टिक की यह पारदर्शी झिल्ली खुद ही सभी प्रकार के बैक्टीरिया का सफाया कर देगी। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस खोज के जरिये अस्पतालों और किचन आदि में सुपरबग्स से निपटने में मदद मिल सकेगी, क्योंकि ये बग्स विश्व में प्रति वर्ष हजारों लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार होते हैं।
रिसर्च टीम के लेले सोलेइमानी (इंजीनियरिंग के भौतिक विज्ञानी) ने कहा कि इस सामग्री का परीक्षण करने के लिए एंटीबॉयोटिक रजिस्टेंट बैक्टीरिया के दो रूपों का उपयोग किया गया। जिसमें से एक मेथिसिलिन रजिस्टेंट स्टैफिलोकोकस ऑरियस (एमआरएसए) और दूसरा स्यूडोमोनास था।इसके बाद इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी का उपयोग करके यह देखा कि वास्तव में कोई रोगाणु इस सतह पर नहीं टिक सकता। यह सामग्री नैनो-स्केल सतह इंजीनियरिंग और रसायन विज्ञान के संयोजन के माध्यम से काम करती है। इसकी सतह को सूक्ष्म झुर्रियों के रूप में बनाया गया है, जिस कारण पानी या रक्त के सूक्ष्म छींटे भी इस पर पड़े तो वे उछलकर अलग हो जाएंगे। यही हाल बैक्टीरिया के साथ होगा। हमें उम्मीद है कि यह एंटी-बैक्टीरियल बॉक्स का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाएगा।
2050 तक हर साल बैक्टीरिया इन्फेक्शन से 1 करोड़ की मौत की आंशका
वैज्ञानिक कैथरीन ग्रैंडफील्ड और एरिक डी ब्राउन का कहना है कि यह झिल्ली सभी तरह के विषाणुओं को स्वत: हटा देती है। इस प्लास्टिक की कवरिंग दरवाजे के हैंडल, रेलिंग, ट्राईपॉड, आईवी स्टैंड आदि पर की जा सकती है, इन स्थानों को एमआरएसए जैसे बैक्टीरिया के लिए सामान्य प्रजनन आधार माना जाता है। इसे उन सभी सतहों पर लगाया जा सकता है, जहां बैक्टीरिया के इकट्ठा होने तथा बढ़ने का खतरा रहता है। अगर इस खतरे से तत्काल नहीं निपटा गया, तो 2050 तक प्रति वर्ष बैक्टीरिया इन्फेक्शन से मरने वालों की संख्या 1 करोड़ से अधिक हो सकती है। टीम की सारा एम. इमानी का कहना है कि इसका उपयोग हर तरह की खाद्य सामग्री की पैकेजिंग के लिए भी आदर्श है। कच्चे मीट और खाद्य पदार्थों से ई.कोली, साल्मोनेला और लिस्टेरिया जैसे बैक्टीरिया के प्रसार को रोक सकता है। जहां भी रोगाणु होने का खतरा हो, वहां इसका इस्तेमाल बेहतर रहेगा।
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Source: Health